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48 हजार शिक्षकों की पिछली भर्ती सुलझी तो अब 15000 की भर्ती अटकने की आशंका

सरकार के सामने दो विकल्प : सरकार यही प्रक्रिया जारी रखती है तो 60 फीसदी से कम अंक वाले मामले को उलझाने के लिए कोर्ट में ले जा सकते हैं। विधवा केटेगरी में भी अंकों की छूट नहीं दी गई है। रीट में भाषा चयन का मामला भी हाईकोर्ट में है। ऐसे में आगामी समय में भी यह पेचीदा हो सकता है।
2 सरकार छूट नहीं दे और वर्तमान प्रक्रिया से ही भर्ती की जाए

सुप्रीमकोर्ट के निर्णय के अनुसार सरकार को भर्ती प्रक्रिया में आरक्षित वर्ग को छूट देने या नहीं देने का अधिकार है। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2012 2013 के नियम और तृतीय श्रेणी शिक्षक सीधी भर्ती-2016 के नियमों में अंतर है। पहले दो परीक्षाएं होती थी। 2016 में एक ही परीक्षा हुई है और भर्ती रीट या आरटेट के अंकों के आधार पर हो रही है।

...लेकिन फायदा सिर्फ सरकार को

सरकारअगर ऐसा करती है तो अभ्यर्थियों को फायदा नहीं है, लेकिन सरकार की जेब जरूर भर जाएगी। दरअसल, यह भर्ती रीट या आरटेट के अंकों के आधार पर हो रही है। जब पहले ही 60 फीसदी या अधिक अंक वाले अभ्यर्थी आवेदन कर चुके हैं, तो इससे कम अंक वालों का मेरिट में आना मुश्किल है।

1 आरटेट या रीट में 60% से कम अंक वालों से आवेदन लिए जाएं
इसविकल्प के आधार पर सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षक सीधी भर्ती 2016 के लिए 60 फीसदी से कम अंक वालों से आवेदन मांग सकती है। प्रदेश में 60 फीसदी से कम अंक वाले करीब 5 लाख अभ्यर्थी हैं। इस भर्ती के लिए कोई भर्ती परीक्षा नहीं हो रही है। यह भर्ती रीट या आरटेट के अंकों के आधार पर हो रही है और इसकी मेरिट राज्य स्तर पर बनाई जाएगी।

वर्ष 2012 की भर्ती में फिर से वरिष्ठता निर्धारण प्रक्रिया शुरू
आरटेटके अंकों में सरकार द्वारा दी गई छूट को सही ठहराने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2012 और 2013 की भर्तियों को लेकर पंचायतीराज विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। सरकार को वर्ष 2013 के 8 हजार चयनितों को नियुक्ति देनी है, जिनके आरटेट में 60 फीसदी से कम अंक थे। इसके लिए विभाग अगले सप्ताह से प्रक्रिया शुरू करेगा। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2012 में 40 हजार शिक्षकों की भर्ती की गई थी। इसमें सभी को नियुक्ति मिल गई थी। विभाग इन शिक्षकों की वरिष्ठता फिर से निर्धारित करेगा। इसके लिए कमेटी बनाई गई है। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2012 में सरकार ने 40 हजार को नियुक्ति दी थी। इसमें से 27 हजार चयनित शिक्षकों के 60 फीसदी से अधिक अंक थे और 13 हजार शिक्षकों के 60 फीसदी से कम अंक थे।
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2013 में सरकार को 20 हजार पदों पर नियुक्ति करनी थी। लेकिन आरटेट का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण सरकार ने 20 हजार में से 12 हजार उन चयनित शिक्षकों को नियुक्ति दे दी गई, जिनके आरटेट में 60 फीसदी से अधिक अंक थे। मेरिट में शामिल 60 फीसदी से कम अंक वाले 8 हजार चयनित शिक्षकों को नियुक्ति नहीं मिल सकी थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब इन शिक्षकों की नियुक्त का रास्ता साफ हो गया है।

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