माध्यमिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों की जल्द ही तबादले की नीति जारी हो जाएगी. इस नीति के प्रारूप का मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने अनुमोदन कर दिया है. इसके बाद 7 नवंबर को प्रस्तावित बैठक में नीति से जुड़े सुझावों पर विचार करके अंतिम रूप दे दिया जाएगा. खास बात यह है कि इसमें हर शिक्षक के लिए प्रतिबंधित जिले में कम से कम तीन साल काम करने का अहम बिंदु भी शामिल किया गया है.
शिक्षा विभाग में 26 अक्टूबर तक द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले जारी हैं, लेकिन अभी भी इसे लेकर नीति नहीं बनी है. इसके लिए वसुंधरा सरकार ने गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया है. सब कमेटी ने नीति का प्रारूप तैयार करके सुझाव मांगने तक का काम कर लिया है. अब उन सुझावों के लिए 7 नवंबर को फिर सब कमेटी की बैठक होगी, जिसमें नीति का अनुमोदन कर दिया जाएगा. माना जा रहा है इस सबके बाद अगले शिक्षा सत्र से ही नीति लागू हो सकती है, लेकिन उससे पूर्व 10-15 हजार तक तबादले संभव हैं.
नीति के प्रमुख बिंदु
1. असाध्य रोग पीड़ित शिक्षकों को तबादला में वरीयता दी जाए.
स्थिति- इस वर्ग के शिक्षकों को विशेष श्रेणी में रखा गया है. इसके लिए 11 सुझाव आए.
2. शिक्षक के आश्रित बच्चों/परिवारजन या पति/पत्नी के असाध्य रोग से पीड़ित होने पर तबादले में वरीयता दी जाए.
स्थिति- इस वर्ग को विशेष श्रेणी में रखा गया है. परिजन के थैलीसिमिया पीड़ित होने को भी रखे जाने का सुझाव. इसमें 23 सुझाव आए.
3. पति-पत्नी दोनों के राजकीय सेवा में होने पर दोनों को एक ही स्थान पर रखा जाए. या तबादला हो तो भी 15-20 किमी दूरी पर ही हो.
स्थिति और विभाग का मत- इसके लिए दस फीसदी अंक का प्रावधान किया गया है, जिसके आधार पर वरीयता तय हो सकेगी. एक जगह पदस्थापन की अवधि न्यूनतम दस साल के स्थान पर 5 साल करने को कहा. इसमें 493 सुझाव आए.
4. डार्क जोन में काम कर रहे शिक्षकों को तबादले में प्राथमिकता मिले.
स्थिति और विभाग का मत- अंतर जिला तबादले में सेवावधि के लिए पात्रता अंक तय किए हैं. बाड़मेर, जैसलमेर, सिरोही, जालोर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, बारां, झालावाड़ के लिए हर साल 5 अंक. बीकानेर जिले को प्रतिवर्ष 3 अतिरिक्त अंक का प्रावधान.
इसके आधार पर डार्क जोन के शिक्षकों को गृह जिले में तबादले के लिए प्राथमिकता या वरीयता दी जाएगी.
विभाग का कहना है कि शिक्षक कमी के चलते ही उन्हें डार्क जोन में रखा है. हर साल सेवा के अधिकतम अंक देकर लाभान्वित होना पूर्व में ही प्रस्तावित है. ऐसे में न्यूनतम सेवा अवधि में ढील देने के सुझाव से विभाग सहमत नहीं है. इसमें 34 सुझाव आए.
5. पारस्परिक तबादले का प्रावधान हो. पारस्परिक तबादले हमेशा खुले रहें.
स्थिति और विभाग का मत-पारस्परिक तबादले और साल भर इसे खुले रखने के सुझाव से विभाग असहमत. इसमें 74 सुझाव आए.
6. तबादले के लिए न्यूनतम ठहराव की शर्त हटाई जाए.
स्थिति और विभाग का मत-तबादले के प्रारूप में न्यूनतम ठहराव अवधि 3 साल है. इससे कम अवधि पर तबादला आवेदन की पात्रता का सुझाव युक्तियुक्त नहीं. शिक्षकों की बढ़ी संख्या के मद्देनजर आवेदन पत्र संख्या बढ़ सकती है. इसमें 46 सुझाव आए.
7. मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठनों/ज्यादा सदस्यता वाले शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों को तबादले में मिले छूट
स्थिति और विभाग का मत-जिला अध्यक्ष और महामंत्री को वरीयता सूची में प्राथमिकता का प्रावधान है. गौरतलब है कि कोई भी शिक्षक संगठन मान्यता प्राप्त नहीं है.
-व्यापक समर्थन वाले शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों को वरीयता देने का सुझाव स्वीकार योग्य नहीं. सुझावों, प्रस्तावों की संख्या-3.
8. महिला शिक्षकों को तबादले में मिले वरीयता, 10-15 किमी दूरी पर हो तबादला.
स्थिति और विभाग का मत-जिले में विधवा, सेवारत सैनिकों को पत्नियों, विवाह विच्छिन्न महिलाओं को विशेष श्रेणी में रखा है. तबादले में दी है छूट.
- सेवारत पति होने पर अंतर जिला तबादले में दस साल की सेवा अवधि संबंधी शर्त में दी है छूट.
-तबादले के लिए पात्रता अंकों की गणना में महिलाओं को 5 फीसदी अंकों का अधिभार देने पर विचार संभव. सुझावों, प्रस्तावों की संख्या-7.
9. अंतर जिला/अंतर मंडल तबादले पर वरिष्ठता सूची में नाम नहीं हटाया जाएं.
स्थिति और विभाग का मत-यह प्रावधान राजस्थान शिक्षा अधीनस्थ सेवा नियम 1973 में है.
-व्याख्याता, प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक के पद राज्य स्तर के हैं.
-नियमानुसार इसके अंतर जिले या अंतर मंडल तबादले में वरिष्ठता नहीं हटाई जाए. सुझावों, प्रस्तावों की संख्या-19.
10. हर शिक्षक के लिए प्रतिबंधित जिले में न्यूनतम 3 साल अनिवार्य करने का बिंदु.
स्थिति और विभाग का मत-तबादला प्रार्थना पत्र के लिए स्कूल में न्यूनतम 3 साल की अवधि की शर्त रखी गई है. विभाग इसे उचित मानता है.
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इसके अलावा तबादला अपील निस्तारण तीस दिन में करने, विभाग और राज्य स्तर पर संशोधन मामले अपडेट करने, तबादला आदेश में राज्य कर्मचारी पहचान संख्या करने के बिंदु भी रखे गए हैं. इसी तरह विवाह के बाद महिला शिक्षक को पति के गृह जिले में प्राथमिकता देने, रिक्त पदों को प्रकाशित करने,पदोन्नति पर दूसरे जले में पदस्थापन हो तो फिर पूर्व जिले में तबादला प्राथमिकता से किया जाए.
815 मिले सुझाव
तबादला प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी करने, सौ किमी से ज्यादा दूरी पर भेजने पर अतिरिक्त भत्ता देने, नीति को जल्द लागू करने, दस साल गृह जिले से बाहर रहने पर गृह जिले में तबादला हो, इन सभी बिंदुओं पर विचार होगा. इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप, तबादला शिविर व्यवस्था बंद करने, दंपति को प्राथमिकता न देना, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विशेष अंकों का प्रावधान करना, पारिवारिक सदस्य के दिव्यांग होने पर प्राथमिकता और भूतपूर्व सैनिकों को पात्रता अंक देने की मांग भी बिंदु में शामिल हैं. वहीं सचिवालय, विधानसभा कर्मियों के शिक्षक पति-पत्नी को छूट समाप्त करने की मांग रखी गई है. इन पर 815 कुल सुझाव और प्रस्ताव आए हैं जिन पर गंभीर मंथन के बाद ही कोई निर्णय होगा.
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शिक्षा विभाग में 26 अक्टूबर तक द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले जारी हैं, लेकिन अभी भी इसे लेकर नीति नहीं बनी है. इसके लिए वसुंधरा सरकार ने गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया है. सब कमेटी ने नीति का प्रारूप तैयार करके सुझाव मांगने तक का काम कर लिया है. अब उन सुझावों के लिए 7 नवंबर को फिर सब कमेटी की बैठक होगी, जिसमें नीति का अनुमोदन कर दिया जाएगा. माना जा रहा है इस सबके बाद अगले शिक्षा सत्र से ही नीति लागू हो सकती है, लेकिन उससे पूर्व 10-15 हजार तक तबादले संभव हैं.
नीति के प्रमुख बिंदु
1. असाध्य रोग पीड़ित शिक्षकों को तबादला में वरीयता दी जाए.
स्थिति- इस वर्ग के शिक्षकों को विशेष श्रेणी में रखा गया है. इसके लिए 11 सुझाव आए.
2. शिक्षक के आश्रित बच्चों/परिवारजन या पति/पत्नी के असाध्य रोग से पीड़ित होने पर तबादले में वरीयता दी जाए.
स्थिति- इस वर्ग को विशेष श्रेणी में रखा गया है. परिजन के थैलीसिमिया पीड़ित होने को भी रखे जाने का सुझाव. इसमें 23 सुझाव आए.
3. पति-पत्नी दोनों के राजकीय सेवा में होने पर दोनों को एक ही स्थान पर रखा जाए. या तबादला हो तो भी 15-20 किमी दूरी पर ही हो.
स्थिति और विभाग का मत- इसके लिए दस फीसदी अंक का प्रावधान किया गया है, जिसके आधार पर वरीयता तय हो सकेगी. एक जगह पदस्थापन की अवधि न्यूनतम दस साल के स्थान पर 5 साल करने को कहा. इसमें 493 सुझाव आए.
4. डार्क जोन में काम कर रहे शिक्षकों को तबादले में प्राथमिकता मिले.
स्थिति और विभाग का मत- अंतर जिला तबादले में सेवावधि के लिए पात्रता अंक तय किए हैं. बाड़मेर, जैसलमेर, सिरोही, जालोर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, बारां, झालावाड़ के लिए हर साल 5 अंक. बीकानेर जिले को प्रतिवर्ष 3 अतिरिक्त अंक का प्रावधान.
इसके आधार पर डार्क जोन के शिक्षकों को गृह जिले में तबादले के लिए प्राथमिकता या वरीयता दी जाएगी.
विभाग का कहना है कि शिक्षक कमी के चलते ही उन्हें डार्क जोन में रखा है. हर साल सेवा के अधिकतम अंक देकर लाभान्वित होना पूर्व में ही प्रस्तावित है. ऐसे में न्यूनतम सेवा अवधि में ढील देने के सुझाव से विभाग सहमत नहीं है. इसमें 34 सुझाव आए.
5. पारस्परिक तबादले का प्रावधान हो. पारस्परिक तबादले हमेशा खुले रहें.
स्थिति और विभाग का मत-पारस्परिक तबादले और साल भर इसे खुले रखने के सुझाव से विभाग असहमत. इसमें 74 सुझाव आए.
6. तबादले के लिए न्यूनतम ठहराव की शर्त हटाई जाए.
स्थिति और विभाग का मत-तबादले के प्रारूप में न्यूनतम ठहराव अवधि 3 साल है. इससे कम अवधि पर तबादला आवेदन की पात्रता का सुझाव युक्तियुक्त नहीं. शिक्षकों की बढ़ी संख्या के मद्देनजर आवेदन पत्र संख्या बढ़ सकती है. इसमें 46 सुझाव आए.
7. मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठनों/ज्यादा सदस्यता वाले शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों को तबादले में मिले छूट
स्थिति और विभाग का मत-जिला अध्यक्ष और महामंत्री को वरीयता सूची में प्राथमिकता का प्रावधान है. गौरतलब है कि कोई भी शिक्षक संगठन मान्यता प्राप्त नहीं है.
-व्यापक समर्थन वाले शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों को वरीयता देने का सुझाव स्वीकार योग्य नहीं. सुझावों, प्रस्तावों की संख्या-3.
8. महिला शिक्षकों को तबादले में मिले वरीयता, 10-15 किमी दूरी पर हो तबादला.
स्थिति और विभाग का मत-जिले में विधवा, सेवारत सैनिकों को पत्नियों, विवाह विच्छिन्न महिलाओं को विशेष श्रेणी में रखा है. तबादले में दी है छूट.
- सेवारत पति होने पर अंतर जिला तबादले में दस साल की सेवा अवधि संबंधी शर्त में दी है छूट.
-तबादले के लिए पात्रता अंकों की गणना में महिलाओं को 5 फीसदी अंकों का अधिभार देने पर विचार संभव. सुझावों, प्रस्तावों की संख्या-7.
9. अंतर जिला/अंतर मंडल तबादले पर वरिष्ठता सूची में नाम नहीं हटाया जाएं.
स्थिति और विभाग का मत-यह प्रावधान राजस्थान शिक्षा अधीनस्थ सेवा नियम 1973 में है.
-व्याख्याता, प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक के पद राज्य स्तर के हैं.
-नियमानुसार इसके अंतर जिले या अंतर मंडल तबादले में वरिष्ठता नहीं हटाई जाए. सुझावों, प्रस्तावों की संख्या-19.
10. हर शिक्षक के लिए प्रतिबंधित जिले में न्यूनतम 3 साल अनिवार्य करने का बिंदु.
स्थिति और विभाग का मत-तबादला प्रार्थना पत्र के लिए स्कूल में न्यूनतम 3 साल की अवधि की शर्त रखी गई है. विभाग इसे उचित मानता है.
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इसके अलावा तबादला अपील निस्तारण तीस दिन में करने, विभाग और राज्य स्तर पर संशोधन मामले अपडेट करने, तबादला आदेश में राज्य कर्मचारी पहचान संख्या करने के बिंदु भी रखे गए हैं. इसी तरह विवाह के बाद महिला शिक्षक को पति के गृह जिले में प्राथमिकता देने, रिक्त पदों को प्रकाशित करने,पदोन्नति पर दूसरे जले में पदस्थापन हो तो फिर पूर्व जिले में तबादला प्राथमिकता से किया जाए.
815 मिले सुझाव
तबादला प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी करने, सौ किमी से ज्यादा दूरी पर भेजने पर अतिरिक्त भत्ता देने, नीति को जल्द लागू करने, दस साल गृह जिले से बाहर रहने पर गृह जिले में तबादला हो, इन सभी बिंदुओं पर विचार होगा. इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप, तबादला शिविर व्यवस्था बंद करने, दंपति को प्राथमिकता न देना, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विशेष अंकों का प्रावधान करना, पारिवारिक सदस्य के दिव्यांग होने पर प्राथमिकता और भूतपूर्व सैनिकों को पात्रता अंक देने की मांग भी बिंदु में शामिल हैं. वहीं सचिवालय, विधानसभा कर्मियों के शिक्षक पति-पत्नी को छूट समाप्त करने की मांग रखी गई है. इन पर 815 कुल सुझाव और प्रस्ताव आए हैं जिन पर गंभीर मंथन के बाद ही कोई निर्णय होगा.
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