नई दिल्ली/ जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक सुरक्षित रखा फैसला सुनाकर राजस्थान के लगभग 21 हज़ार शिक्षकों को दिवाली से पहले खुशियां मनाने का मौका दे दिया।
दरअसल, शीर्ष न्यायालय ने शिक्षक भर्ती 'आरटेट' के सिलसिले में एक लंबित फैसले को सुनाया है जिससे चार साल से संघर्ष कर रहे शिक्षकों को राहत नसीब हुई है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को पलटते हुए कहा है कि आरटेट में किया गया आरक्षण का प्रावधान पूरी तरह से सही है।
शीर्ष अदालत की इस मुहर के बाद अब आरटेट 2012 से नियुक्ति पाए लगभग 13 हज़ार शिक्षकों के नियमित होने का रास्ता साफ हो गया। साथ ही 2013 में चयनित उन 8 हज़ार शिक्षकों की नियुक्तियों के भी द्वार खुल गए हैं जो तब से अभी तक नियुक्तियों के इंतजार में बैेठे हैं।
राजस्थान बेरोज़गार एकीकृत महासंघ ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर ख़ुशी जताई है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव का कहना है कि शीर्ष अदालत का फैसला प्रदेश के उन हज़ारों बेरोज़गार युवाओं की जीत है जो इस संघर्ष में महासंघ के साथ खड़े हुए।
अदालती फैसला आने के बाद चयनित शिक्षकों ने एक-दूसरे को मुंह मीठा कर और आतिशबाज़ी कर खुशियां मनाई।
मामला ये था-
केंद्र सरकार के नियमानुसार 60 फीसदी अंकों वाला टेट पास होता है। लेकिन सरकार ने एससी, एसटी, ओबीसी, एसबीसी, महिला, विधवा व परित्यक्तता आदि वर्ग के अभ्यर्थियों को उसमें अलग- अलग छूट दे दी थी।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
दरअसल, शीर्ष न्यायालय ने शिक्षक भर्ती 'आरटेट' के सिलसिले में एक लंबित फैसले को सुनाया है जिससे चार साल से संघर्ष कर रहे शिक्षकों को राहत नसीब हुई है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को पलटते हुए कहा है कि आरटेट में किया गया आरक्षण का प्रावधान पूरी तरह से सही है।
शीर्ष अदालत की इस मुहर के बाद अब आरटेट 2012 से नियुक्ति पाए लगभग 13 हज़ार शिक्षकों के नियमित होने का रास्ता साफ हो गया। साथ ही 2013 में चयनित उन 8 हज़ार शिक्षकों की नियुक्तियों के भी द्वार खुल गए हैं जो तब से अभी तक नियुक्तियों के इंतजार में बैेठे हैं।
राजस्थान बेरोज़गार एकीकृत महासंघ ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर ख़ुशी जताई है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव का कहना है कि शीर्ष अदालत का फैसला प्रदेश के उन हज़ारों बेरोज़गार युवाओं की जीत है जो इस संघर्ष में महासंघ के साथ खड़े हुए।
अदालती फैसला आने के बाद चयनित शिक्षकों ने एक-दूसरे को मुंह मीठा कर और आतिशबाज़ी कर खुशियां मनाई।
मामला ये था-
केंद्र सरकार के नियमानुसार 60 फीसदी अंकों वाला टेट पास होता है। लेकिन सरकार ने एससी, एसटी, ओबीसी, एसबीसी, महिला, विधवा व परित्यक्तता आदि वर्ग के अभ्यर्थियों को उसमें अलग- अलग छूट दे दी थी।
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