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केंद्र के बजट में शिक्षा को दे दी जाती है फांसी : मलिक

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यपाल मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार के किसी बजट में शिक्षा पर बहस नहीं होती। तानाशाही देशों में जिस प्रकार दोषियों को सरेआम पेश किया जाता है और उसे फांसी दे दी जाती है, लेकिन उस पर किसी तरह की बहस नहीं होती।
देश में शिक्षा कृषि के भी यही हालात हैं। शिक्षा पर कभी भी 6 फीसदी से ज्यादा खर्च नहीं होता। शिक्षा को बजट में पेश किया जाता है और संसद में बिना बहस शिक्षा को फांसी दे दी जाती है। वे गुरुवार को जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के 54वें स्थापना दिवस समारोह को बतौर अध्यक्ष संबोधित कर रहे थे।

मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सर्राफ ने जेएनवीयू के कुलपति प्रो. आरपी सिंह का आभार व्यक्त करते हुए कि स्थापना दिवस दीक्षांत समारोह के आयोजन को स्टूडेंट्स के लिए सौभाग्य की बात बताया। उन्होंने अनाथ बच्चों को ‘नो फीस’ के आधार पर विवि में प्रवेश देने पर भी प्रसन्नता जताई। विवि कॉलेजों में वर्ष में एक बार रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा, लगातार तीन वर्ष तक रक्तदान करने वाले विद्यार्थी को स्नातकोत्तर की प्रवेश प्रक्रिया में आधे प्रतिशत का वेटेज दिया जाएगा, परीक्षा पास करने के बाद अपनी किताबें विश्वविद्यालय पुस्तकालय में जमा करवाने पर स्नातक में प्रवेश के तीन वर्ष तक किसी अनपढ़ छात्र को शिक्षित करने पर स्नातकोत्तर कक्षाओं में आधा प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा। विधि राज्य मंत्री अर्जुनलाल गर्ग ने कहा कि उन्हें हर्ष है कि जेएनवीयू की ख्याति आज भी बरकरार है, इसके लिए केवल शिक्षक कुलपति ही नहीं स्टूडेंट्स भी आभार के पात्र हैं। लघु उद्योग विकास निगम के चेयरमैन मेघराज लोहिया ने कहा कि जोधपुर विश्वविद्यालय अब जेएनवीयू की छात्र राजनीति से निकले लोगों ने राजनीति में अच्छा नाम किया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जीतने वाले ही नहीं यहां तो हारने वाले भी दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए। उन्होंने एनएलयू में स्टेट रिजर्वेशन की मांग भी उठाई। आरंभ में जेएनवीयू कुलपति प्रो. सिंह ने स्वागत भाषण दिया। अंत में कार्यवाहक कुलसचिव आबिद खान ने आभार जताया। संचालन डॉ. निधि सिंधल ने किया। मंच पर महापौर घनश्याम ओझा, जिला प्रमुख पूनाराम चौधरी, शहर विधायक कैलाश भंसाली सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास भी मौजूद थीं। इस अवसर पर जेएनवीयू कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अनिल पंवार कॉलेज शिक्षा में समायोजित हुए कर्मचारियों ने भी मांग पत्र सौंपा। कार्यक्रम के बाद अतिथियों ने एचआरडीसी की वेबसाइट का विमोचन भी किया।

जेएनवीयू के पूर्व छात्र रहे राजस्थान हाईकोर्ट के एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के पहले गोल्ड मेडलिस्ट एमएम अग्रवाल, पूर्व जस्टिस मगराज कल्ला, समाजसेवी सुशीला बोहरा, आरपीएससी चेयरमैन ललित के पंवार साहित्यकार शक्तिदान कविया को विश्वविद्यालय गौरव र| से नवाजा गया। वहीं उच्च शिक्षा के ओएसडी कमल मिश्रा को मंत्री मलिक से स्मृति चिह्न लेना था, लेकिन उन्होंने खुद ही स्मृति चिह्न उठा लिया और मंत्री को देकर चले गए। सभी ने चुटकियां लीं तो मंत्री मलिक ने मोमेंटो लौटाया।

सत्यपाल मलिक के पैरों का ऑपरेशन हो चुका है। वे गौरव र| से सम्मानित करने के लिए खड़े हुए तो ज्यादा देर तक खड़ा नहीं हो पाने का कह कर कुर्सी मंगवाई। लेकिन मीडिया को देखा तो कैमरे के डर से कुर्सी पर नहीं बैठे। पत्रकारों ने उन्हें बैठने का अाग्रह भी किया, लेकिन वे नहीं बैठे और टेबल का सहारा लिए मंच पर खड़े रहे।
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