बाड़मेर. जनसुनवाई में जिला
कलक्टर तक पहुंचकर शिकायत करने वालों की शिकायत पर जांच उन्हीं क्षेत्र के
अधिकारियों को दी जा रही है। ये अधिकारी शिकायतकर्ता को वहां पहुंचते ही
फिर धौंस दिखाते हुए कहते हैं कि जनसुनवाई में क्यों गए? अब वहीं से काम
करवा लो। शिकायत वापस लेने का दबाव और उनसे काम करवाने का रवैया अपनाया जा
रहा है।
इस तरह की शिकायतें गुरुवार को आई तो जिला कलक्टर ने कॉन्फ्रेंस के जरिए अधिकारियों से संपर्क करना चाहा तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम ही फेल रहा।
कलक्ट्रेट के अटल सेवा केन्द्र में गुरुवार को जिला कलक्टर सुधीर शर्मा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय जनसुनवाई करीब 4 घंटे चली। कलक्टर ने इत्मिनान से फरीकों को सुना, लेकिन अधिनस्थों को लेकर जनता की शिकायतें थम नहीं रही थी। कलक्टर के आदेशों की पालना नहीं करने और उल्टे उनको धौंस दिखाने की बात लोगों ने कही और बताया कि इस कारण उन्हें फिर उल्टे पांव आना पड़ा।
जनसुनवाई में करवा लो जांच
जैसार गांव निवासी मोहनलाल, ठाकराराम आदि ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को बताया कि ग्राम पंचायत जैसार सरपंच, ग्रामसेवक पर टांका निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग को लेकर उन्होंने प्रथम बार फरवरी माह में शिकायत की थी। चौहटन विकास अधिकारी से जांच करवाने का आश्वासन दिया था। इसके बाद तीन बार जनसुनवाई में शिकायत कर चुके हैं। विकास अधिकारी से जांच के बारे में पूछने पर वे उन्हें कहते हैं कि जनसुनवाई में क्यों गए? करवाली जांच? इस पर कलक्टर ने उपखंड अधिकारी चौहटन से जांच करवाने का आश्वासन दिया।
शिक्षक व शिक्षा अधिकारी भिड़ पड़े
सुनवाई में शिक्षक रामदेवसिंह ने कहा कि शिक्षा अधिकारी के रवैये पर उन्हें अब फांसी खानी पड़ेगी। डेढ़ वर्ष से वे एपीओ चल रहे हैं। स्थाई नियुक्ति की बजाए उन्हें शैक्षणिक व्यवस्था पर लगाकर थोड़े समय बाद पुन: हटा लिया जाता है। उनकी वेतन वृद्धि नहीं की जा रही। सोलह सीसी नोटिस का निस्तारण नहीं किया जा रहा। जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक कैलाशचंद्र तिवाड़ी ने कहा कि इसके लिए स्वयं शिक्षक जिम्मेदार है। समय पर स्कूल नहीं जाता, विद्यालय स्टाफ से झगड़ता है। एक महीने से अधिक नहीं ठहरता, जयपुर जाने के लिए यह सब कर रहा है। शिक्षक व अधिकारी के बीच कई बार तीखी नोक-झोंक हुई। जिला कलक्टर ने शिक्षक से समझाइश करते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया।
शिकायत वापस लें
भीमड़ा निवासी सतीश खींवसरा ने बताया कि ग्राम पंचायत भीमड़ा के उसके रहवासी मकान का पट्टा नहीं बनाने पर उसकी मां अणछीदेवी ने 20 मई 2015 को राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर विकास अधिकारी व ग्राम सेवक के विरुद्ध शिकायत की थी। इस पर उन्होंने पट्टा जारी किया, लेकिन ग्राम सेवक पट्टे का पंजीयन नहीं कर रहा है। नियमानुसार इसे छह माह में पंजीयन करना चाहिए। इसके लिए वह डेढ़ वर्ष से चक्कर काट रहा है। ग्रामसेवक व विकास अधिकारी पंजीयन के लिए उन पर पूर्व में की गई शिकायत को वापस लेने का दबाब डाल रहे हैं।
एक फर्जी नाम तक तो बताओ
बायतु क्षेत्र के हुड्डों की ढाणी निवासी तेजाराम ने जनसुनवाई में सरपंच, ग्राम सेवक व समिति के कनिष्ठ अभियंता के खिलाफ फर्जी मस्टररोल भर व मशीन से मनरेगा कार्य करवाने का आरोप लगाया। कलक्टर ने कहा कि कोई एक फर्जी व्यक्ति का नाम बताओ। बगैर नाम के जांच कैसे कराऊं। ये सामान्य शिकायत है। जनसुनवाई में ऐसी कई शिकायतें आई है।
शिकायतें यह भी
बाड़मेर शहर निवासी केवलचंद बोहरा ने अतिक्रमण हटाने, राणासर खुर्द निवासी बाबूलाल गिला ने प्राथमिक विद्यालय राणासर खुर्द को गलत मर्ज करने, रोहिला खुर्द निवासी केसाराम विश्रोई ने ग्राम पंचायत में टांका निर्माण की जांच करवाने की शिकायत की। करणी महिला मण्डल संस्थान अध्यक्ष सायर कंवर ने जिला कलक्टर को संस्था की निरक्षर महिलाओं को शिक्षण सामग्री व सहायता राशि उपलब्ध करवाने, वार्ड 31 की हउवादेवी सहित रहवासियों ने नगर परिषद से शौचालयों की स्वीकृत राशि दिलाने, सिणधरी के सरणू पनजी निवासी शेरू खां ने स्वयं के दोनों वॉल्व खराब होने का जिक्र करते हुए परिवार का नाम बीपीएल में जुड़वाने, गांव अणखिया निवासी एक महिला ने जिला पुलिस अधीक्षक से लज्जा भंग के दर्ज एक मामले में आरोपियों को गिरफ्तार करने, गूंगा निवासी एक जने ने पुलिस में उसकी नाबालिग लड़की के विवाह के लिए उसे धमकाने, समाज से बहिष्कृत करने के दर्ज मामले के आरोपितों को गिरफ्तार करने, कुड़ला के ग्रामीणों ने बंद कटाण मार्ग को खुलवाने की मांग की। कलक्टर ने सभी फरियादियों को धैर्य से सुनते हुए अधिनस्थ अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए।
वीडियो कांफ्रेसिंग सिस्टम खराब
जनसुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम पूरा खराब रहा। ग्रामीणों की शिकायतों पर जिला कलक्टर ने संबंधित उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, विकास अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों से प्रकरण के बारे में जानकारी चाहने को लेकर सम्पर्क किया, लेकिन एक बार भी सही रूप से सम्पर्क स्थापित नहीं हो पाया। इस पर पूर्व में की गई शिकायतों का क्या समाधान हुआ, इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
इस तरह की शिकायतें गुरुवार को आई तो जिला कलक्टर ने कॉन्फ्रेंस के जरिए अधिकारियों से संपर्क करना चाहा तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम ही फेल रहा।
कलक्ट्रेट के अटल सेवा केन्द्र में गुरुवार को जिला कलक्टर सुधीर शर्मा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय जनसुनवाई करीब 4 घंटे चली। कलक्टर ने इत्मिनान से फरीकों को सुना, लेकिन अधिनस्थों को लेकर जनता की शिकायतें थम नहीं रही थी। कलक्टर के आदेशों की पालना नहीं करने और उल्टे उनको धौंस दिखाने की बात लोगों ने कही और बताया कि इस कारण उन्हें फिर उल्टे पांव आना पड़ा।
जनसुनवाई में करवा लो जांच
जैसार गांव निवासी मोहनलाल, ठाकराराम आदि ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को बताया कि ग्राम पंचायत जैसार सरपंच, ग्रामसेवक पर टांका निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग को लेकर उन्होंने प्रथम बार फरवरी माह में शिकायत की थी। चौहटन विकास अधिकारी से जांच करवाने का आश्वासन दिया था। इसके बाद तीन बार जनसुनवाई में शिकायत कर चुके हैं। विकास अधिकारी से जांच के बारे में पूछने पर वे उन्हें कहते हैं कि जनसुनवाई में क्यों गए? करवाली जांच? इस पर कलक्टर ने उपखंड अधिकारी चौहटन से जांच करवाने का आश्वासन दिया।
शिक्षक व शिक्षा अधिकारी भिड़ पड़े
सुनवाई में शिक्षक रामदेवसिंह ने कहा कि शिक्षा अधिकारी के रवैये पर उन्हें अब फांसी खानी पड़ेगी। डेढ़ वर्ष से वे एपीओ चल रहे हैं। स्थाई नियुक्ति की बजाए उन्हें शैक्षणिक व्यवस्था पर लगाकर थोड़े समय बाद पुन: हटा लिया जाता है। उनकी वेतन वृद्धि नहीं की जा रही। सोलह सीसी नोटिस का निस्तारण नहीं किया जा रहा। जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक कैलाशचंद्र तिवाड़ी ने कहा कि इसके लिए स्वयं शिक्षक जिम्मेदार है। समय पर स्कूल नहीं जाता, विद्यालय स्टाफ से झगड़ता है। एक महीने से अधिक नहीं ठहरता, जयपुर जाने के लिए यह सब कर रहा है। शिक्षक व अधिकारी के बीच कई बार तीखी नोक-झोंक हुई। जिला कलक्टर ने शिक्षक से समझाइश करते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया।
शिकायत वापस लें
भीमड़ा निवासी सतीश खींवसरा ने बताया कि ग्राम पंचायत भीमड़ा के उसके रहवासी मकान का पट्टा नहीं बनाने पर उसकी मां अणछीदेवी ने 20 मई 2015 को राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर विकास अधिकारी व ग्राम सेवक के विरुद्ध शिकायत की थी। इस पर उन्होंने पट्टा जारी किया, लेकिन ग्राम सेवक पट्टे का पंजीयन नहीं कर रहा है। नियमानुसार इसे छह माह में पंजीयन करना चाहिए। इसके लिए वह डेढ़ वर्ष से चक्कर काट रहा है। ग्रामसेवक व विकास अधिकारी पंजीयन के लिए उन पर पूर्व में की गई शिकायत को वापस लेने का दबाब डाल रहे हैं।
एक फर्जी नाम तक तो बताओ
बायतु क्षेत्र के हुड्डों की ढाणी निवासी तेजाराम ने जनसुनवाई में सरपंच, ग्राम सेवक व समिति के कनिष्ठ अभियंता के खिलाफ फर्जी मस्टररोल भर व मशीन से मनरेगा कार्य करवाने का आरोप लगाया। कलक्टर ने कहा कि कोई एक फर्जी व्यक्ति का नाम बताओ। बगैर नाम के जांच कैसे कराऊं। ये सामान्य शिकायत है। जनसुनवाई में ऐसी कई शिकायतें आई है।
शिकायतें यह भी
बाड़मेर शहर निवासी केवलचंद बोहरा ने अतिक्रमण हटाने, राणासर खुर्द निवासी बाबूलाल गिला ने प्राथमिक विद्यालय राणासर खुर्द को गलत मर्ज करने, रोहिला खुर्द निवासी केसाराम विश्रोई ने ग्राम पंचायत में टांका निर्माण की जांच करवाने की शिकायत की। करणी महिला मण्डल संस्थान अध्यक्ष सायर कंवर ने जिला कलक्टर को संस्था की निरक्षर महिलाओं को शिक्षण सामग्री व सहायता राशि उपलब्ध करवाने, वार्ड 31 की हउवादेवी सहित रहवासियों ने नगर परिषद से शौचालयों की स्वीकृत राशि दिलाने, सिणधरी के सरणू पनजी निवासी शेरू खां ने स्वयं के दोनों वॉल्व खराब होने का जिक्र करते हुए परिवार का नाम बीपीएल में जुड़वाने, गांव अणखिया निवासी एक महिला ने जिला पुलिस अधीक्षक से लज्जा भंग के दर्ज एक मामले में आरोपियों को गिरफ्तार करने, गूंगा निवासी एक जने ने पुलिस में उसकी नाबालिग लड़की के विवाह के लिए उसे धमकाने, समाज से बहिष्कृत करने के दर्ज मामले के आरोपितों को गिरफ्तार करने, कुड़ला के ग्रामीणों ने बंद कटाण मार्ग को खुलवाने की मांग की। कलक्टर ने सभी फरियादियों को धैर्य से सुनते हुए अधिनस्थ अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए।
वीडियो कांफ्रेसिंग सिस्टम खराब
जनसुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम पूरा खराब रहा। ग्रामीणों की शिकायतों पर जिला कलक्टर ने संबंधित उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, विकास अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों से प्रकरण के बारे में जानकारी चाहने को लेकर सम्पर्क किया, लेकिन एक बार भी सही रूप से सम्पर्क स्थापित नहीं हो पाया। इस पर पूर्व में की गई शिकायतों का क्या समाधान हुआ, इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली।
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