डूंगरपुर/ काउंसलिंगके माध्यम से प्रारंभिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा में
जाने वाले शिक्षकों को माध्यमिक स्कूलों में ज्वॉइनिंग नहीं देने पर अब
बीईईओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के प्रक्रिया चल रही है। शीघ्र ही बीईईओ
को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।
प्रारंभिक शिक्षा में लेवल द्वितीय के शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा में समायोजित किया गया था। इसके लिए शिक्षा विभाग में 649 शिक्षकों का चयन नियमानुसार किया था। इसके लिए पूरे राजस्थान में काउंसलिंग प्रक्रिया शुरु की गई थी। प्रक्रिया को शिक्षक संगठन कोर्ट में ले गए थे। जिसमें कोर्ट ने 6 डी प्रक्रिया को सही ठहराते हुए विभाग को राहत दी थी। विभाग की ओर से काउंसलिंग प्रक्रिया के तहत शिक्षकों को चॉइस की स्कूलों का आंवटन किया था। इस प्रक्रिया में भी दिव्यांग, विधवा, परित्यक्ता, महिला, पुरुषों की वरियता तय कर चॉइस के आधार पर शिक्षकों को स्कूल का आवंटन किया था।
शिक्षकों को स्कूल 1 जुलाई तक जोइन कर शाला दर्पण में अपनी ज्वॉइनिंग देनी थी, लेकिन 45 शिक्षकों ने अभी तक अपनी ज्वॉइनिंग नहीं दी है। जिसके कारण माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से इन सभी शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। प्रारंभिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा में जाने के साथ ही विभाग ने पोर्टल पर भी एंट्री कर दी है। प्रारंभिक शिक्षा का शाला दर्शन में इन शिक्षकों को हटा दिया गया है। अब ये शिक्षक माध्यमिक शिक्षा के पोर्टल शाला दर्पण में इंद्राज हो चुके है। ऐसे में अब इन शिक्षकों का वेतन प्रारंभिक शिक्षा विभाग नहीं बना सकेगा। जिससे इन शिक्षकों को माध्यमिक में ज्वॉइनिंग नहीं देने की दशा में वेतन भी नहीं मिलेगा। शिक्षा सचिव नरेश गंगवाल के निर्देश पर पूरे राज्य में शिक्षकों को 8 तारीख को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इन शिक्षकों को 11 जुलाई तक ज्वॉइनिंग करने के निर्देश दिए थे। अब इन शिक्षकों की ज्वॉइनिंग शाला दर्पण में अभी तक नहीं दिख रही है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
प्रारंभिक शिक्षा में लेवल द्वितीय के शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा में समायोजित किया गया था। इसके लिए शिक्षा विभाग में 649 शिक्षकों का चयन नियमानुसार किया था। इसके लिए पूरे राजस्थान में काउंसलिंग प्रक्रिया शुरु की गई थी। प्रक्रिया को शिक्षक संगठन कोर्ट में ले गए थे। जिसमें कोर्ट ने 6 डी प्रक्रिया को सही ठहराते हुए विभाग को राहत दी थी। विभाग की ओर से काउंसलिंग प्रक्रिया के तहत शिक्षकों को चॉइस की स्कूलों का आंवटन किया था। इस प्रक्रिया में भी दिव्यांग, विधवा, परित्यक्ता, महिला, पुरुषों की वरियता तय कर चॉइस के आधार पर शिक्षकों को स्कूल का आवंटन किया था।
शिक्षकों को स्कूल 1 जुलाई तक जोइन कर शाला दर्पण में अपनी ज्वॉइनिंग देनी थी, लेकिन 45 शिक्षकों ने अभी तक अपनी ज्वॉइनिंग नहीं दी है। जिसके कारण माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से इन सभी शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। प्रारंभिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा में जाने के साथ ही विभाग ने पोर्टल पर भी एंट्री कर दी है। प्रारंभिक शिक्षा का शाला दर्शन में इन शिक्षकों को हटा दिया गया है। अब ये शिक्षक माध्यमिक शिक्षा के पोर्टल शाला दर्पण में इंद्राज हो चुके है। ऐसे में अब इन शिक्षकों का वेतन प्रारंभिक शिक्षा विभाग नहीं बना सकेगा। जिससे इन शिक्षकों को माध्यमिक में ज्वॉइनिंग नहीं देने की दशा में वेतन भी नहीं मिलेगा। शिक्षा सचिव नरेश गंगवाल के निर्देश पर पूरे राज्य में शिक्षकों को 8 तारीख को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इन शिक्षकों को 11 जुलाई तक ज्वॉइनिंग करने के निर्देश दिए थे। अब इन शिक्षकों की ज्वॉइनिंग शाला दर्पण में अभी तक नहीं दिख रही है।
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