जिले में पातेय वेतन पर प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उच्च प्राथमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक व माध्यमिक शिक्षा विभाग में कार्यरत 25 उप्रावि प्रधानाध्यापकों के डिमोशन (पदावनत) व पदस्थापन की प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं। शिक्षा अधिकारियों ने मनमानी से फरमान जारी कर जहां चुनिंदा पांच शिक्षकों को पातेय वेतन पर वरिष्ठ
अध्यापक बनाते हुए उसी विद्यालय में यथावत रखा है, वहीं अन्य को लेवल टू का थर्ड ग्रेड शिक्षक बना दिया है। हाल ही में सामने आई इस विसंगति को लेकर विरोध उठने लगा है। पातेय वेतन के कुल 200 शिक्षक हैं, जिनमें से आंशिक 25 को पदनावत करना भी संदेह के घेरे में है।
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अध्यापक बनाते हुए उसी विद्यालय में यथावत रखा है, वहीं अन्य को लेवल टू का थर्ड ग्रेड शिक्षक बना दिया है। हाल ही में सामने आई इस विसंगति को लेकर विरोध उठने लगा है। पातेय वेतन के कुल 200 शिक्षक हैं, जिनमें से आंशिक 25 को पदनावत करना भी संदेह के घेरे में है।
यह है मामला
जिले में पातेय वेतन पर प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उच्च प्राथमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक व माध्यमिक शिक्षा विभाग में कार्यरत करीब 200 वरिष्ठ अध्यापकों में से आंशिक रूप से महज 25 उप्रावि प्रधानाध्यापक, जो विद्यालय एकीकरण में माध्यमिक व उमावि में मर्ज हुए हंै, उन्हें डीईओ माध्यमिक ने पदनावत कर लेवल टू का थर्ड ग्रेड शिक्षक बना दिया। इसी समय पांच अन्य पातेय वेतन पर कार्यरत वरिष्ठ अध्यापक जिन्हें माध्यमिक शिक्षा ने पदनावत नहीं किया, उन्हें उपनिदेशक माध्यमिक शिक्षा उदयपुर ने द्वितीय वेतन शृंखला के पूर्णतया वरिष्ठ अध्यापक मानते हुए विषयाध्यापक बना दिया। हाल ही में एक मार्च को संशोधन कर उन्हें फिर से पातेय वेतन वरिष्ठ अध्यापक बनाते हुए उसी विद्यालय में यथावत रखा गया, जबकि उन्हें भी अन्य वरिष्ठ अध्यापकों की तर्ज पर ही पदावनत करना था।
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