वर्तमान युग में बहुत कम एेसे लोग है जो अपने खर्चे पर गरीब बच्चों शिक्षा मुहैया करवाए। लेकिन, कस्बे के उदयनगर मायलों की ढाणी निवासी शिक्षक भागीरथ मायला एक वर्ष से शिक्षा की लौ जगाने में जुटे हैं। भागीरथ राउप्रावि मायलों की ढाणी में तृतीय श्रेणी शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं।
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उन्होंने सत्र 2015-16 में शिक्षा से वंचित तीन दर्जन से अधिक गरीब परिवारों के बच्चों को कक्षा प्रथम में प्रवेश दिलवाया। वहीं कई बच्चों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से उन्होंने विद्यालय छोड़ चुके बच्चों को कॉपी, पेन व अन्य शिक्षण सामग्री खुद के खर्चे से उपलब्ध करवाकर उन्हें विद्यालय से जोड़ कर अपने पेशे का मान बढ़ाया।
मायलों की ढाणी उदयनगर के कालोत्तर धोरा में रहने वाले भील जाति के पचास से अधिक परिवारों के एक भी बच्चे ने विद्यालय का चेहरा तक नहीं देखा। इन बच्चों के पढ़ाई के लिए शिक्षक भागीरथ ने बच्चों के अभिभावकों को शिक्षा का महत्व बताया। इस दौरान उन्हें कई परेशानी उठानी पड़ी। आखिर इन प्रयासों से तीन दर्जन से अधिक बच्चों को शिक्षा से जुड़ सके।
शिक्षक भागीरथ मायला द्वारा गरीब व दलित परिवारों के बच्चों को विद्यालय में जोडऩे व उनके परिजनों को शिक्षा के महत्व को समझाते हुए महत्वपूर्ण योगदान देने के कारण उन्हें इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर सम्मानित भी किया जा चुका है।
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