भास्कर संवाददाता| श्रीगंगानगर हाईकोर्ट जोधपुर ने स्कूल लेक्चरर भर्ती परीक्षा 2015 को लेकर दायर की
गई जनहित याचिकाओं में सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रखा है। कोर्ट में
श्रीगंगानगर निवासी ममता सोनी, रायसिंहनगर निवासी सुनीता सैन और संगरिया
जिला हनुमानगढ़ निवासी मनीषा देवी सहित चार दर्जन
याचिकाओं मेंं आरपीएससी द्वारा आयोजित स्कूल लेक्चरर भर्ती परीक्षा के परिणाम सवालों को चुनौती देते हुए जनहित याचिकाएं दायर की थी। निर्णय आने तक चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर लगी रोक यथावत रहेगी।
प्रार्थियों के अधिवक्ता इंद्रजीत यादव ने बताया की आरपीएससी द्वारा वर्ष 2015-2016 के लिए स्कूल लेक्चरर के विभिन्न विषयों के लिए विज्ञप्ति जारी की थी, जिसमे हिंदी विषय के 3163 पदों के लिए भी विज्ञप्ति जारी की थी। सभी प्रार्थियों ने हिंदी विषय के लिए आवेदन किए थे। राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा हिंदी विषय सहित सभी विषयों के लिए जुलाई 2016 में लिखित परीक्षा आयोजित की। आयोग द्वारा 12 अगस्त 2016 को हिंदी सहित सभी विषयों के लिए ली गई परीक्षा की उत्तर कुंजी जारी की गई थी, जिसमे आरपीएससी द्वारा कुछ प्रश्नों के गलत उत्तर होते हुए भी उत्तर कुंजी जारी कर दी गई जबकि प्रार्थियों ने उनके जवाब सही दिए थे।
आंसर की पर आयोग ने मांगी थी आपत्तियां : आरपीएससीने कोर्ट में जवाब पेश कर बताया कि आंसर-की जारी करने के लिए परिणाम के बाद सभी से आपत्तियां मांगी गई थी। एक्सपर्ट कमेटी से सवालों की जांच कराने के बाद कमेटी की अनुशंसा पर उन सवालों को डिलीट कर बोनस अंक दे दिए गए हैं। इस पर अधिवक्ता इंद्रजीत यादव ने कोर्ट को बताया कि सवालों के विकल्प और उत्तर कुंजी में कमियां होने के आधार पर ही हाईकोर्ट में चयन सूची को चुनौती दी गई है। चूंकि गलत सवालों को डिलीट कर आयोग ने बोनस अंक तो दे दिए है लेकिन जिन सवालों के विकल्प सही होते हुए भी गलत विकल्प के आधार पर अंक दिए गए है जो पूर्णतया गलत है। आयोग ने कुछ सवाल तो अपनी पुरानी भर्ती परीक्षाओं में और 2015 की भर्ती के अन्य विषयों में उन्हीं सवालों के सही जवाब माने है अतः भर्ती परीक्षा संदेह के दायरे में है।
गलत परिणाम जारी होने से चयन से हुए वंचित
आयोगद्वारा आपत्तियां मांगने के बाद 18 नवंबर 2016 को पुन संशोधित उत्तर कुंजी जारी की। इसमें भी आयोग द्वारा फिर से कुछ सवालों के गलत जवाब में कोई सुधार नहीं करते हुए एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर नयी उत्तर कुंजी जारी कर दी, जिससे उक्त सभी प्रार्थीगण बहुत ही कम अंकों से अंतिम चयन सूची से बाहर हो गए। इस पर प्रार्थीगण ने हाईकोर्ट में रिट याचिकाएं दायर की। हाईकोर्ट ने अंतिम चयन सूची पर रोक लगा दी थी साथ ही आरपीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
याचिकाओं मेंं आरपीएससी द्वारा आयोजित स्कूल लेक्चरर भर्ती परीक्षा के परिणाम सवालों को चुनौती देते हुए जनहित याचिकाएं दायर की थी। निर्णय आने तक चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर लगी रोक यथावत रहेगी।
प्रार्थियों के अधिवक्ता इंद्रजीत यादव ने बताया की आरपीएससी द्वारा वर्ष 2015-2016 के लिए स्कूल लेक्चरर के विभिन्न विषयों के लिए विज्ञप्ति जारी की थी, जिसमे हिंदी विषय के 3163 पदों के लिए भी विज्ञप्ति जारी की थी। सभी प्रार्थियों ने हिंदी विषय के लिए आवेदन किए थे। राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा हिंदी विषय सहित सभी विषयों के लिए जुलाई 2016 में लिखित परीक्षा आयोजित की। आयोग द्वारा 12 अगस्त 2016 को हिंदी सहित सभी विषयों के लिए ली गई परीक्षा की उत्तर कुंजी जारी की गई थी, जिसमे आरपीएससी द्वारा कुछ प्रश्नों के गलत उत्तर होते हुए भी उत्तर कुंजी जारी कर दी गई जबकि प्रार्थियों ने उनके जवाब सही दिए थे।
आंसर की पर आयोग ने मांगी थी आपत्तियां : आरपीएससीने कोर्ट में जवाब पेश कर बताया कि आंसर-की जारी करने के लिए परिणाम के बाद सभी से आपत्तियां मांगी गई थी। एक्सपर्ट कमेटी से सवालों की जांच कराने के बाद कमेटी की अनुशंसा पर उन सवालों को डिलीट कर बोनस अंक दे दिए गए हैं। इस पर अधिवक्ता इंद्रजीत यादव ने कोर्ट को बताया कि सवालों के विकल्प और उत्तर कुंजी में कमियां होने के आधार पर ही हाईकोर्ट में चयन सूची को चुनौती दी गई है। चूंकि गलत सवालों को डिलीट कर आयोग ने बोनस अंक तो दे दिए है लेकिन जिन सवालों के विकल्प सही होते हुए भी गलत विकल्प के आधार पर अंक दिए गए है जो पूर्णतया गलत है। आयोग ने कुछ सवाल तो अपनी पुरानी भर्ती परीक्षाओं में और 2015 की भर्ती के अन्य विषयों में उन्हीं सवालों के सही जवाब माने है अतः भर्ती परीक्षा संदेह के दायरे में है।
गलत परिणाम जारी होने से चयन से हुए वंचित
आयोगद्वारा आपत्तियां मांगने के बाद 18 नवंबर 2016 को पुन संशोधित उत्तर कुंजी जारी की। इसमें भी आयोग द्वारा फिर से कुछ सवालों के गलत जवाब में कोई सुधार नहीं करते हुए एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर नयी उत्तर कुंजी जारी कर दी, जिससे उक्त सभी प्रार्थीगण बहुत ही कम अंकों से अंतिम चयन सूची से बाहर हो गए। इस पर प्रार्थीगण ने हाईकोर्ट में रिट याचिकाएं दायर की। हाईकोर्ट ने अंतिम चयन सूची पर रोक लगा दी थी साथ ही आरपीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
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