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Rajasthan: तृतीय श्रेणी शिक्षक सरकार के खिलाफ हुए लामबंद, ट्रांसफर की मांग पूरी नहीं होने पर दी ये चेतावनी

 जयपुर: प्रदेश में तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने अब राज्य सरकार के खिलाफ खुलकर मुखर हुए. मंगलवार को शिक्षक संघ शेखावत की अगुवाई में प्रदेश भर के शिक्षकों ने शहीद स्मारक पर प्रदर्शन किया और यहां राज्य सरकार को इस नवंबर महीने में ट्रांसफर पॉलिसी का ड्राफ्ट सार्वजनिक करने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी वाजिब मांग नहीं मानती है तो जयपुर का घेराव किया जाएगा. शिक्षक अर्धवार्षिक परीक्षा का भी बहिष्कार करेंगे और फिर प्रदेश भर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की जयंती पर अटल यात्रा निकलते हुए सरकार का विरोध किया जाएगा.

प्रदेश की नई बीजेपी सरकार से आस लगाए बैठे तृतीय श्रेणी शिक्षकों को आघात लगा है और अब ट्रांसफर की मांग को लेकर उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. जयपुर में आंदोलन करते हुए शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश महामंत्री उपेंद्र शर्मा ने बताया कि पिछले 6 साल से थर्ड ग्रेड के ट्रांसफर नहीं खुले हैं और 20-20 साल से शिक्षक अपने घर से 400-500 किलोमीटर की दूरी पर सेवाएं दे रहे हैं. उनके हक को पूरी तरह मारा जा रहा है. इसलिए कई दिनों से संघर्षरत हैं. इस सत्र में एक बार फिर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए शहीद स्मारक पर धरना दिया है और आंदोलन का आगाज किया है.

उन्होंने कहा कि यदि राजस्थान सरकार शिक्षकों की वाजिब मांग को नहीं सुनेगी, तो पूरे प्रदेश का शिक्षक राजस्थान की सरकार के खिलाफ राजधानी की सड़कों पर उतरेगा और इसका परिणाम सरकार को भी भुगतना पड़ेगा. उन्होंने शिक्षा मंत्री की ओर से सेवा नियमों का हवाला देते हुए तृतीय श्रेणी शिक्षकों का तबादला जिले से बाहर नहीं करने के बयान को बेतुका बताया. साथ ही कहा कि शिक्षा मंत्री शिक्षा के अलावा किसी भी तरह के बयान देते हैं, जबकि 1971 की सेवा नियमों में स्पष्ट प्रावधान है कि जिस कर्मचारी की नियुक्ति होती है, उसे ट्रांसफर का अधिकार भी होता है. चाहे वो फर्स्ट ग्रेड का हो या थर्ड ग्रेड का, लेकिन उनके बेतुके बयान से अब शर्म आने लगी है कि उन्हें ऐसा मुखिया मिला है.

वहीं, इस आंदोलन में शामिल हुए शिक्षक संघ एकीकृत के प्रदेश महामंत्री रनजीत मीणा ने बताया कि प्रदेश में 2 लाख 35 हजार से ज्यादा तृतीय श्रेणी शिक्षक कार्यरत हैं, जिसमें से करीब एक तिहाई शिक्षक ट्रांसफर चाहते हैं. यदि सरकार समय से डीपीसी करे तो सरकार को इतने ट्रांसफर करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी और शिक्षकों को भी राहत मिल जाएगी, लेकिन सरकार ने इस पर कोई भी रुख स्पष्ट नहीं किया है. इसलिए अब सरकार को इस नवंबर महीने का समय और दे रहे हैं, जिसमें सरकार ट्रांसफर पॉलिसी का ड्राफ्ट सार्वजनिक करें और यदि ऐसा नहीं करती है तो पहले शिक्षक अर्धवार्षिक परीक्षा का बहिष्कार करेंगे और फिर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिन के अवसर पर अटल यात्रा निकाली जाएगी.

जयपुर: प्रदेश में तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने अब राज्य सरकार के खिलाफ खुलकर मुखर हुए. मंगलवार को शिक्षक संघ शेखावत की अगुवाई में प्रदेश भर के शिक्षकों ने शहीद स्मारक पर प्रदर्शन किया और यहां राज्य सरकार को इस नवंबर महीने में ट्रांसफर पॉलिसी का ड्राफ्ट सार्वजनिक करने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी वाजिब मांग नहीं मानती है तो जयपुर का घेराव किया जाएगा. शिक्षक अर्धवार्षिक परीक्षा का भी बहिष्कार करेंगे और फिर प्रदेश भर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की जयंती पर अटल यात्रा निकलते हुए सरकार का विरोध किया जाएगा.

प्रदेश की नई बीजेपी सरकार से आस लगाए बैठे तृतीय श्रेणी शिक्षकों को आघात लगा है और अब ट्रांसफर की मांग को लेकर उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. जयपुर में आंदोलन करते हुए शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश महामंत्री उपेंद्र शर्मा ने बताया कि पिछले 6 साल से थर्ड ग्रेड के ट्रांसफर नहीं खुले हैं और 20-20 साल से शिक्षक अपने घर से 400-500 किलोमीटर की दूरी पर सेवाएं दे रहे हैं. उनके हक को पूरी तरह मारा जा रहा है. इसलिए कई दिनों से संघर्षरत हैं. इस सत्र में एक बार फिर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए शहीद स्मारक पर धरना दिया है और आंदोलन का आगाज किया है.

उन्होंने कहा कि यदि राजस्थान सरकार शिक्षकों की वाजिब मांग को नहीं सुनेगी, तो पूरे प्रदेश का शिक्षक राजस्थान की सरकार के खिलाफ राजधानी की सड़कों पर उतरेगा और इसका परिणाम सरकार को भी भुगतना पड़ेगा. उन्होंने शिक्षा मंत्री की ओर से सेवा नियमों का हवाला देते हुए तृतीय श्रेणी शिक्षकों का तबादला जिले से बाहर नहीं करने के बयान को बेतुका बताया. साथ ही कहा कि शिक्षा मंत्री शिक्षा के अलावा किसी भी तरह के बयान देते हैं, जबकि 1971 की सेवा नियमों में स्पष्ट प्रावधान है कि जिस कर्मचारी की नियुक्ति होती है, उसे ट्रांसफर का अधिकार भी होता है. चाहे वो फर्स्ट ग्रेड का हो या थर्ड ग्रेड का, लेकिन उनके बेतुके बयान से अब शर्म आने लगी है कि उन्हें ऐसा मुखिया मिला है.

वहीं, इस आंदोलन में शामिल हुए शिक्षक संघ एकीकृत के प्रदेश महामंत्री रनजीत मीणा ने बताया कि प्रदेश में 2 लाख 35 हजार से ज्यादा तृतीय श्रेणी शिक्षक कार्यरत हैं, जिसमें से करीब एक तिहाई शिक्षक ट्रांसफर चाहते हैं. यदि सरकार समय से डीपीसी करे तो सरकार को इतने ट्रांसफर करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी और शिक्षकों को भी राहत मिल जाएगी, लेकिन सरकार ने इस पर कोई भी रुख स्पष्ट नहीं किया है. इसलिए अब सरकार को इस नवंबर महीने का समय और दे रहे हैं, जिसमें सरकार ट्रांसफर पॉलिसी का ड्राफ्ट सार्वजनिक करें और यदि ऐसा नहीं करती है तो पहले शिक्षक अर्धवार्षिक परीक्षा का बहिष्कार करेंगे और फिर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिन के अवसर पर अटल यात्रा निकाली जाएगी.

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