सीकर। वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता पद पर पदोन्नति शिक्षा विभाग के बाद अब आरपीएससी की ढिलाई में अटक गई है। लंबी जद्दोजहद के बाद निदेशालय द्वारा डीपीसी की सिफारिश वाली फाइल का आरपीएससी ने एक महीने बाद भी अनुमोदन नहीं किया है। ऐसे में वरिष्ठ अध्यापकों के साथ तृतीय श्रेणी शिक्षकों की डीपीसी की उम्मीद भी अधर में अटक गई है।
जबकि यदि सरकार की मंशा हो तो वरिष्ठ अध्यापकों व तृतीय श्रेणी शिक्षकों
की डीपीसी कर सरकार हजारों शिक्षकों को पदोन्नति का तोहफा देने के साथ 40
हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के इच्छित जगह पर तबादलों के साथ 72 हजार पदों
पर नई भर्ती की राह भी खोल सकती है।
दो सत्रों की भेजी थी सिफारिश, वो भी अटकी
शिक्षा विभाग में वरिष्ठ अध्यापकों की चार साल की डीपीसी बकाया है। विभाग में सत्र 2021-22 से लेकर 2024-25 तक की पदोन्नतियां बाकी है। जिनमें से शिक्षा विभाग ने आरपीएससी को पिछले महीने के पहले सप्ताह में 2021-22 व 2022-23 की दो सत्र की बकाया पदोन्नति की सिफारिश भेजी थी। पर करीब एक महीना बीतने पर भी फाइल अटकी पड़ी है।
वरिष्ठ अध्यापकों की 2023-24 की बकाया व 2024-25 की नियमित डीपीसी दो से
अधिक संतानों के विवाद की वजह से कानूनी प्रक्रिया में उलझी है। शिक्षक
संगठनों की मांग है कि मामले में प्रभावित शिक्षकों को छोड़कर इन सत्रों की
डीपीसी भी साथ करवानी चाहिए।
डीपीसी खोल सकती है तबादलों व नई भर्ती की राह
एक्सपर्ट्स के अनुसार यदि मंशा हो तो सभी वर्ग की डीपीसी कर सरकार 40 हजार ग्रेड थर्ड शिक्षकों को इच्छित जगह तबादला करने के साथ बेरोजगारों के लिए 72 हजार पदों पर भर्ती की राह भी खोल सकती है। इसके लिए पहले कोर्ट प्रकरण में उलझे करीब पांच हजार व्याख्याताओं के मसले का निस्तारण कर बकाया सहित 7400 उप प्रधानाचार्य को प्रधानाचार्य बनाए। फिर उप प्रधानाचार्य के दस हजार पदों को व्याख्याताओं की पदोन्नति से भरे तो व्याख्याताओं के 15 हजार पद रिक्त हो जाएंगे।
पहले से खाली 17556 हजार और नव क्रमोन्नत स्कूलों की वित्तीय स्वीकृति
में अटके 17 हजार पद मिलाने पर खाली पदों की संख्या करीब 49 हजार 500 हो
जाएगी। इनमें से पदोन्नति के करीब 30 हजार पदों को वरिष्ठ अध्यापकों की
पदोन्नति से भरने पर इनके पहले से रिक्त चल रहे 33 हजार पद सहित कुल 63
हजार पद वरिष्ठ शिक्षकों के खाली हो जाएंगे। इनमें से पदोन्नति के करीब 35
हजार पद तृतीय श्रेणी शिक्षकों की पदोन्नति से भरने व पहले के खाली करीब 37
हजार पद मिलाने पर तृतीय श्रेणी शिक्षकों के कुल 72 हजार पद खाली हो
जाएंगे। जिससे बकाया ग्रेड थर्ड शिक्षकों का जहां इच्छित जगह पर आसानी से
तबादला किया जा सकता है, वहीं शिक्षक भर्ती के साथ बेरोजगारों को बड़ी राहत
दी जा सकती है।
इनका कहना है..
हर स्तर पर डीपीसी से सारे पद भरने से थर्ड ग्रेड शिक्षकों की भर्ती के लिए 72 हजार नए पद तैयार होंगे। शिक्षकों को लाभ मिलने के साथ सरकारी स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था भी सुधरेगी। जिसका फायदा सरकारी स्कूलों में नामांकन वृद्धि के रूप में भी मिलेगा।-रेखाराम खीचड़, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी, सीकर
एक माह पूर्व व्याख्याता डीपीसी के लिए दो सत्र के प्रस्ताव भेजे गए थे
लेकिन प्रस्तावों का अनुमोदन नहीं होना कई सवाल खड़े करता हैं, यदि
प्रधानाचार्य से लेकर व.अध्यापक तक की सम्पूर्ण डीपीसी की जाती है तो 72
हज़ार थर्ड ग्रेड के पद रिक्त होने से नई भर्ती की राह खुलने के साथ इच्छुक
सभी थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले किए जा सकते हैं।
-उपेन्द्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री,राजस्थान शिक्षक संघ ( शेखावत)
-उपेन्द्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री,राजस्थान शिक्षक संघ ( शेखावत)
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