Jaipur: पिछले 1 साल से पूरा विश्व कोरोना महामारी (Corona epidemic) से जंग लड़ रहा है. महामारी ने सैकड़ों लोगों को अपनों से जुदा कर दिया है और इस महामारी की दूसरी लहर ने तो पूरे भारत को हिला कर रख दिया है.
कोरोना की दूसरी लहर में राजस्थान में हालात बद से बदतर देखने को मिले. शिक्षा विभाग के सैकड़ों शिक्षक, कर्मचारी कोरोना की इस जंग में अपना योगदान देते हुए मौत का ग्रास बने.
राजस्थान (Rajasthan) में शिक्षा विभाग (Education Department) से जुड़े हुए शिक्षकों और कार्मिकों का की मौतों का कोई सरकारी आंकड़ा नहीं होने के बाद भी अगर बात की जाए तो राजस्थान में अब तक स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा में करीब 600 से 700 शिक्षकों और कर्मचारियों की मौत कोरोना महामारी से हो चुकी है तो वहीं निजी क्षेत्र के स्कूलों, कॉलेज और यूनिवर्सिटी की बात की जाए तो ये आंकड़ा करीब 1 हजार को पार कर रहा है.
राजस्थान में शिक्षकों की जान पर भारी कोरोना
- सरकारी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी में लगातार बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा
- स्कूल शिक्षा में अब तक करीब 400 से 500 शिक्षक और कर्मचारियों की हो चुकी मौत
- उच्च शिक्षा में अब तक करीब 100 से 150 शिक्षकों और कर्मचारियों की हो चुकी मौत
- निजी क्षेत्र के स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में भी मौतों का आंकड़ा चिंताजनक
- निजी क्षेत्र की शिक्षण संस्थाओं में करीब 500 शिक्षकों और कर्मचारियों की अब तक हो चुकी मौत
अभी तक मौतों का कोई आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया
स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तर बंद होने की वजह से हालांकि अभी तक मौतों का
कोई आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है. स्कूल शिक्षा निदेशक सौरव स्वामी
(Saurav Swami) ने मौतों का आंकड़ा एकत्रित करने के लिए शिक्षा विभाग के
सभी अधिकारियों को आदेश दे दिए हैं. साथ ही जल्द से जल्द यह आंकड़ा
निदेशालय भेजने के भी निर्देश दिए गए हैं लेकिन इसके बाद भी अगर शिक्षक
संगठनों की मानें तो प्रदेश में मौतों का आंकड़ा करीब 600 से 700 को पार कर
चुका है.
क्या कहना है शिक्षक नेताओं का
शिक्षक नेता नारायण सिंह (Narayan Singh) का कहना है कि "पिछले 1 साल में
बड़ी संख्या में शिक्षा विभाग से जुड़े हुए शिक्षकों की कोरोना के चलते मौत
हुई है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि कोरोना कार्यों में ड्यूटी दे रहे
शिक्षकों को फ्रंटलाइन वारियर्स में शामिल किया जाए. इसके साथ ही जो भी
शिक्षक कोरोना में सेवाएं दे रहे हैं. उनको सुरक्षा के समुचित संसाधन भी
उपलब्ध करवाए जाएं."
महज 30 फ़ीसदी शिक्षकों और कर्मचारियों को लगा टीका
प्रदेश में स्कूल शिक्षा की अगर बात की जाए तो शिक्षकों की संख्या करीब ढाई
से तीन लाख है. इनमें से करीब 80 हजार शिक्षकों की ड्यूटी कोरोना से जुड़े
हुए विभिन्न कार्यों में लगी हुई है. इसके साथ ही प्रारंभिक शिक्षा से
जुड़े हुए शिक्षकों में करीब 90 फीसदी शिक्षकों और कर्मचारियों का
वैक्सीनेशन कार्य पूरा हो चुका है तो वहीं माध्यमिक शिक्षा में अभी भी महज
30 फ़ीसदी शिक्षकों और कर्मचारियों को टीका लगा है.
स्कूल शिक्षा के करीब 80 हजार शिक्षक, कर्मचारी कोरोना में अपनी सेवा
- कोर कमेटी, जिला कलेक्ट्रेट, शादी समारोह की निगरानी
- दुकान बाजार की निगरानी, गांव और शहरों में सर्वे का कार्य
- दवा वितरण, सामग्री वितरण सहित करीब एक दर्जन कार्यों में दे रहे अपनी सेवा
- प्रारंभिक शिक्षा के करीब 90 फ़ीसदी शिक्षकों को लग चुका टीका
- तो वही माध्यमिक शिक्षा में महज 10 फीसदी शिक्षक कर्मचारियों को लगा टीका
- कोरोना कार्यों में लगे शिक्षकों को फ्रंटलाइन वारियर्स में शामिल करने की मांग
बहरहाल, कोरोना की दूसरी लहर ने राजस्थान में हालात बहुत ज्यादा बिगाड़ दिए हैं. ऐसे में शिक्षा विभाग से जुड़े हुए शिक्षकों और कर्मचारियों की मौतों का बढ़ता हुआ आंकड़ा कहीं ना कहीं राजस्थान में चिंता का विषय भी बन गया है. ऐसे में शिक्षा विभाग के पास इन मौतों का आंकड़ा नहीं होना कहीं ना कहीं इससे भी बड़ा चिंता का विषय है.
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