राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. DP जारोली ने कहा कि बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षाओं के आयोजन को लेकर निर्णय लॉकडाउन समाप्ति के बाद किया जाएगा। यह निर्णय राज्य सरकार की सहमति से लिया जाएगा। इस समय पहली प्राथमिकता लोगों का जीवन बचाना है। राज्य सरकार ने अपना सारा ध्यान इसी ओर केंद्रित कर रखा है।
गौरतलब है कि बोर्ड की 10वीं और 12वीं की वर्ष 2021 की परीक्षाओं में प्रदेश भर के 21.58 लाख विद्यार्थी शामिल होने का अनुमान है। बोर्ड ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 14 अप्रेल को ही स्थगित कर दी थीं। संभावना यही बन रही थी कि पिछले वर्ष की तरह बोर्ड इन परीक्षाओं के आयोजन जून में कर सकता है। लेकिन प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण में वृद्धि और विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसार को देखते हुए इस पर भी संशय हो गया है।
ऑनलाइन काम को दी प्राथमिकता
जारोली ने बताया कि कोरोना काल में भी बोर्ड प्रशासन द्वारा शिक्षकों से संबंधित सैकड़ों भुगतान ऑनलाइन किए गए हैं। कोरोना काल में भी बोर्ड की वेबसाइट पर विद्यार्थियों द्वारा उनके परीक्षा दस्तावेजों की मांग संबंधी सभी आवेदनों का निस्तारण किया गया। राजस्थान बोर्ड ने लगभग 500 अंक तालिकाएं और परीक्षा प्रमाण पत्रों की प्रतियां आवेदकों को उनके निवास के पते पर जरिए स्पीड पोस्ट भिजवाई है।
शिक्षकों का हो टीकाकरण
डॉक्टर जारोली ने सरकार से मांग की है कि शिक्षकों को कोरोना वारियर्स की भांति वरीयता के आधार पर कोरोना टीकाकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षक सुरक्षित हैं तो विद्यार्थी भी सुरक्षित रहेंगे। क्योंकि शिक्षक समाज का वो केंद्र बिंदु है, जो देश के भविष्य का निर्माण करने के अलावा अभिभावकों और विद्यार्थियों के सुख दुख में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं । कोरोना काल मे कई शिक्षक जिला प्रशासन के निर्देश पर फ्रंट लाईन वॉरियर्स की भांति अपनी ड्यूटी निष्ठापूर्वक दे रहे हैं।
बोर्ड सहयोग के लिए तैयार
जारोली
ने कहा की राजस्थान बोर्ड प्रदेश में शिक्षकों के कोरोना टीकाकरण पर होने
वाले व्यय में आर्थिक सहयोग के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने
अपने कार्मिकों और अजमेर शहर के वाशिन्दों को अस्पताल में ऑक्सीजन की सहज
उपलब्धता के लिए 20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर देने की सहमति अजमेर जिला प्रशासन
को दी है। शहर के अस्पतालों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए जाने पर
होने वाले व्यय का पुनर्भरण राजस्थान बोर्ड करेगा, बोर्ड सचिव ने इस आशय का
पत्र जिला कलेक्टर को भेजा है।
देवनानी कर चुके हैं 10वीं की परीक्षा रद्द करने की मांग
इधर,
पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी पिछले दिनों शिक्षा मंत्री गोविंद
सिंह डोटासरा को पत्र लिख कर CBSE की तर्ज पर 10वीं की परीक्षा रद्द करने
की मांग कर चुके हैं। देवनानी ने कहा है कि 10वीं बोर्ड परीक्षा कराने को
लेकर राजस्थान सरकार के अनिर्णय की स्थिति से कक्षा 10वीं में पढ़ रहे
प्रदेश के 12 लाख विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों को खासा परेशानी का
सामना करना पड़ रहा है। सरकार को चाहिए कि वह भी 10वीं कक्षा की परीक्षा
रद्द कर CBSE द्वारा कमेटी बना अपनाई गई प्रक्रिया अनुसार परीक्षा परिणाम
जारी करने का शीघ्र निर्णय करे ताकि तनाव से जूझ रहे विद्यार्थियों को राहत
मिल सके। इस बारे में अभी सरकार और बोर्ड ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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