सीकर. कोरोना की वजह से प्रदेश में शिक्षक से लेकर पटवार सहित अन्य भर्ती पूरी तरह लॉकडाउन है। लेकिन लगातार बढ़ते कोरोना के कहर ने नर्सिंग सेक्टर के विद्यार्थियों को नौकरी की संजीवनी दी है। प्रदेश में हर सरकार की ओर से अमूमन आठ से 15 हजार पदों पर भर्ती निकाली जाती है। लेकिन पिछले एक साल से जारी कोरोना के
प्रकोप की वजह से लगातार नर्सिंग क्षेत्र में भर्ती हो रही है। प्रदेश में लगभग 18 हजार पदों पर स्थायी व अस्थाई आधार पर नर्सिँगकर्मियों की भर्ती हो चुकी है। जबकि 25 हजार की भर्ती के लिए चिकित्सा विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने 25 हजार पदों पर नर्सिंगकर्मियों की भर्ती को स्वीकृति दी थी। सरकार की ओर से सभी जिला कलक्टरों को आवश्यकता होने पर नर्सेज भर्ती की अनुमति दी गई है। कई जिलों में अर्जेन्ट बेसिस पर बेरोजगारों को नियुक्ति भी मिली है। ऐसे में कोरोना के साए में प्रदेश के 43 हजार नर्सिँगकर्मियों को इस साल के आखिर तक रोजगार मिलने की संभावना है। आजादी के बाद कभी भी प्रदेश में नर्सिंग के सेक्टर में इतनी बड़ी भर्ती नहीं हुई।नर्सिँग क्षेत्र में एक साल में भर्तियों का फैक्ट फाइल
एनआरएचएम में संविदा जीएनएम: 2000
नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती 2018: 6500
सीएचओ: 7000
अर्जेन्ट बेसिस पर: 2500
प्रस्तावित: 25 हजार
तीसरी लहर के लिए मिल सकते हैं 50 हजार योद्धा
सीकर
सहित प्रदेश के कई जिलों में नर्सिंग पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत युवाओं ने
जनप्रतिनिधियों के साथ जिला कलक्टरों को निशुल्क सेवा देने का भी प्रस्ताव
दिया है। यदि सरकार इनके प्रस्ताव को मंजूरी देती है तो सभी जिलों को तीसरी
लहर से निपटने के लिए 50 हजार से अधिक योद्धा मिल सकते हैं।
प्रदेश में 1.40 लाख प्रशिक्षित नर्सिंगकर्मी
नर्सिग
सेक्टर के एक्सपर्ट के अनुसार प्रदेश में 1.40 लाख नर्सिंगकर्मियों का
पंजीयन है। इनमें से ज्यादातर निजी क्षेत्र में कार्यरत है। लेकिन कोरोना
की वजह से लगातार हुई भर्तियों से इन युवाओं का भी सरकारी नौकरी का सपना
पूरा हुआ है। खास बात है कि प्रदेश में लगातार बढ़ती नर्सिंगकर्मियों की
मांग की वजह से दूसरे राज्यों के युवा भी लगातार यहां आ रहे हैं।
एक्सपर्ट व्यू: कॉलेजों में बढ़ेगा क्रेज
नर्सिंग
क्षेत्र में पहले भी रोजगार की काफी संभावनाएं थी। अब कोरोना की वजह से
युवाओं को सरकारी सेवा में जाने का भी मौका मिल रहा है। इससे नर्सिंग
सेक्टर के प्रति युवाओं में काफी क्रेज बढ़ रहा है। सरकार को हर साल
कलैण्डर के हिसाब से नर्सिँग की भर्ती करनी चाहिए जिससे स्वास्थ्य का ढ़ाचा
लगातार मजबूत बना रहे।
रामनिवास ढाका, नर्सिंग कॉलेज संचालक, सीकर
चिकित्सकों की तरह नर्सेज को मिले स्थायी नौकरी
सरकार
कोरोनाकाल में लगातार स्वास्थ्य के ढ़ांचे को मजबूत कर रही है यह अच्छी
पहल है। लेकिन सरकार को चिकित्सकों की तरह नर्सेज की भी स्थायी भर्र्ती
करनी चाहिए जिससे युवाओं को कॅरियर को लेकर पूरी तरह राहत मिल सके। नियमित
भर्ती होने से प्रदेश में ग्रास रूट तक तक स्वास्थ्य सेवाएं और मजबूत हो
सकेगी।
शशिकांत शर्मा, प्रदेश संयोजक, राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन
प्रदेश में एक लाख पदों पर भर्ती अटकी
प्रदेश
में पिछले एक साल से नर्सिंग को छोड़कर दूसरे सेक्टर में भर्ती नहीं हो
सकी है। प्रदेश में 30 हजार से अधिक पदों के लिए होने वाली तृतीय श्रेणी
शिक्षक भर्ती कोरोना की वजह से चार बार उलझ चुकी है। इसके अलावा पटवार,
छात्रावास अधीक्षक, स्टेनोग्राफर, तकनीकी सहायक, ग्रामसेवक, महिला
पर्यवेक्षक, प्रथम श्रेणी व द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती भी कोरोना की वजह
से उलझी हुई है। वहीं पांच भर्ती ऐसी है जिनकी परीक्षाएं हो चुकी है लेकिन
परिणाम कोरोना के फेर में उलझे हुए है।
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