21 वीं सदी में जहां इंसान कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए दवाओं का अविष्कार कर रहा है. तो दूसरी तरफ अभी भी लोग ढोंगी बाबाओं के चक्कर में आकर अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं. हिंदी अखबार दैनिक भास्कर की पड़ताल के अनुसार देश में ऐसे बहुत से लोग हैं जिनकी जिंदगी झूठे बाबाओं के चक्कर में आकर खराब हो गई. बाबाओं के जाल में फंसे लोग आज भी अपने साथ हुए फरेब का दंश झेल रहे हैं.
बाबाओं ने लोगों के साथ ऐसा फरेब किया है कि उसकी आपबीती सुनकर किसी की भी रूह कांप जाएगी. सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है. कि इन बाबाओं के झांसे में आने वालों में पढ़े लिखे वर्ग के लोग ज्यागा हैं, जिनमें एक डॉक्टर और शिक्षक भी शामिल हैं.
पहला केस- मां को कैंसर होने पर बाबा की शरण में गया पेशे से डॉक्टर
MBBS करने के बाद हर इंसान अपने परिजनों का इलाज खुद ही करता है, लेकिन एक डॉक्टर ने ऐसा नहीं किया. डॉक्टर की मां को 2017 में कैंसर हो गया था. जैसी पता चला उसे कि मां को कैंसर है तो वो परेशान हो गया. किसी व्यक्ति ने डॉक्टर से कहा कि सीकर में बाबा की शरण में जाकर इलाज कराने से मां बिल्कुल ठीक हो जाएगी. पहले तो काफी सोचा, फिर मान गए.
डॉक्टर रोज इलाज के लिए मां को लेकर महाराज के पास जाने लगा. बाबा ने जल्द ही मां की बीमारी को ठीक करने की भरोसा जताया था. बाबा ने कुछ गेहूं के दाने और भभूती लगा दी. बाबा के पास काफी पढ़े-लिखे लोग इलाज के लिए आते थे. कुछ दिनों के बाद दोबारा बाबा के पास पहुंचे. फिर से गेहूं के दाने और भभूती लगाकर दे दी, लेकिन मां की बीमारी ठीक नहीं हो रही थी.
डॉक्टर के पास जाकर ठीक हुई मां
डॉक्टर ने बताया कि मां का दर्द बढ़ रहा था. जब मां को आराम नहीं मिला तो वो डॉक्टर के पास गए. उनके टेस्ट कराए और डॉक्टरों ने दवाई देना शुरू कर दिया. कुछ दिनों में दवाइयों से मां को काफी आराम मिला. इसके बाद कुछ महीनों में मां ठीक होने लग गई. इस दौरान मां को फिर से बाबा के पास लेकर गए. बाबा ने उन्हें विश्वास दिलाया कि मां को कुछ नहीं होगा. ठीक हो जाएगी. उसने सवामणी करने की बात कही. बोला कि सवामणी करते ही सब ठीक हो जाएगा.
बाबा बोला- नाटक कर रही आपकी मां
बाबा के कहने पर सवामणी भी करा दिया गया, लेकिन मां की तबीयत कुछ दिन बात खराब होने लगी. जब डॉक्टर फिर दोबारा मां को लेकर बाबा के पास पहुंचा तो बाबा ने कहा कि मां नाटक कर रही है, कुछ नहीं है. सवामणी करा दी है, सब ठीक है. वे मां को लेकर वापस घर आ गया. कुछ दिनों तक दर्द बंद नहीं हुआ तो वे डॉक्टर के पास इलाज के लिए लेकर गए. दोबारा से उनके चेकअप कराए. उनके फेफड़ों तक कैंसर फैल चुका था। डॉक्टर ने कहा कि पहले काफी ठीक थीं, इलाज बीच में ही क्यों रोका. और उसके कुछ दिनों के बाद ही मां की मृत्यु हो गई.
दूसरा केस- बेटे के बीमार होने पर बाबा के पास पहुंची मां, हुआ लाखों का कर्जा
जयपुर में रहने वाली एक महिला ने बताया कि दो साल पहले की बात है उनका बेटा दसवीं में पढ़ा था. उसे मानसिक तनाव रहने लगा, वो चक्कर खाकर जमीन पर गिर जाता था. किसी ने महिला को बाबा के पास जाने की सलाह दी. आमेर में एक बाबा थे वो उसके पास गई. वहां उसके बेटे को आराम नहीं हुआ तो दूसरे बाबा के पास गई. वहां भी कई चक्कर लगाए. तीसरे बाबा के पास पहुंची. बेटा पागल सा होने लग गया था. अजीब आवाजें निकालता था. उसकी हालत खराब होती जा रही थी.
बाबाओं ने इलाज के नाम पर लाखों रुपए लूटे
बेशर्म बाबा इलाज के नाम पर लूट मचाते रहे. बेटे की बीमारी को ठीक करने की मंशा में महिला ने किसी बाबा को 21 हजार तो किसी को 31 हजार रुपए तक दिए. गरीब घर की महिला इस तरह से आर्थिक रूप से कमजोर होती चली गई. बाबाओं के चक्कर में महिला कर्ज के बोझ तले दब गई.
डॉक्टर के पास मिला सही इलाज
महिला बेटे की बीमारी से तंग आ चुकी थी. पड़ोस के लोगों ने उसे डॉक्टर के पास ले जाने की बात कही. तब वह मनोचिकित्सक के पास गई. इलाज शुरू हुआ. शुरू में दवाई के कारण कई-कई घंटों तक सोता रहता था. बाद में धीरे-धीरे ठीक होने लग गया. कुछ महीने में ही बेटा ठीक हो गया. उसने दसवीं की परीक्षा भी दी और अच्छे नंबरों से पास भी हो गया. अब उसकी दवाई भी बंद हो चुकी है.
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