जयपुर। ग्रीष्मावकाश के बाद प्रदेश के सभी सरकारी
स्कूल सोमवार से खुल जाएंगे। हालांकि बच्चों की अभी सात दिन और मौज रहेगी।
सोमवार से स्कूलों में केवल शिक्षक, प्रधानाचार्य व अन्य कर्मचारी ही
आएंगे। बच्चों के लिए स्कूल 1 जुलाई से ही शुरू होंगे।
शिक्षक व प्रधानाचार्य सात दिन तक स्कूलों की व्यवस्थाएं संभालेंगे। स्कूलों की साफ-सफाई, किताबें लाना, स्थानांतरण चाहने वाले बच्चों को टीसी देने जैसे अन्य कार्य सात दिन तक किए जाएंगे। इसके साथ ही स्कूलों में प्रवेशोत्सव का दूसरा चरण भी शुरू कर दिया जाएगा। प्रवेशोत्सव के दूसरे चरण के तहत 2 जुलाई को हर स्कूल में बड़ी बाल सभा होगी। सात दिन तक शिक्षक बाल सभाओं की भी तैयारी करेंगे।
इन विवादों व परिवर्तनों के बीच खुलेंगे स्कूल
प्रदेश में सरकार बदलने के बाद से ही स्कूली शिक्षा विभाग में विवादों व परिवर्तनों का दौर शुरू हो गया है। इस सत्र में स्कूल इन्हीं विवादों और परिवर्तन के बीच खुलेंगे।
1. स्कूली पाठ्यक्रम में परिवर्तन - कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही स्कूली किताबों में कुछ बदलाव किए हैं। सबसे महत्वपूर्ण बदलाव वीर सावरकर के अंश में किया गया है। अब वीर सावरकर के अंश में उनका नाम विनायक दामोदर सावरकर लिखा गया है। इसके अलावा अंग्रेजी विषय की एक किताब से जौहर का चित्र हटाकर दुर्ग का चित्र लगाने पर भी खूब विवाद हुआ है।
2. स्कूली कैलेंडर में परिवर्तन - पाठ्यक्रम में अलावा शिक्षा विभाग के कैलेंडर शिविरा में भी परिवर्तन किया गया है। सरकार ने 2012-13 का स्कूली कैलेंडर लागू किया है। नए कैलेंडर के अनुसार ही स्कूल 24 जून से खुल रहे हैं। यह शिक्षण सत्र 15 मई तक चलेगा। साथ ही शीतकालीन अवकाश भी केवल 7 दिन का होगा।
3. शिक्षकों के तबादले - ग्रीष्मावकाश के दौरान स्कूली शिक्षकों को तबादलों की उम्मीद थी। लेकिन, तबादले नहीं किए गए। हालांकि विभाग ने शिक्षकों के शाला दर्पण पोर्टल पर स्टाफ कार्नर की नई व्यवस्था शुरू कर दी है। जिसमें शिक्षक अपने व्यक्तिगत लॉगिन आईडी बना रहे हैं। पहली बार तबादलों के आवेदन भी ऑनलाइन ही लिए जाएंगे। स्कूल शुरू होने के बाद ही तबादले होंगे। बीच सत्र में तबादलों से पढ़ाई में भी बाधा आएगी।
शिक्षक व प्रधानाचार्य सात दिन तक स्कूलों की व्यवस्थाएं संभालेंगे। स्कूलों की साफ-सफाई, किताबें लाना, स्थानांतरण चाहने वाले बच्चों को टीसी देने जैसे अन्य कार्य सात दिन तक किए जाएंगे। इसके साथ ही स्कूलों में प्रवेशोत्सव का दूसरा चरण भी शुरू कर दिया जाएगा। प्रवेशोत्सव के दूसरे चरण के तहत 2 जुलाई को हर स्कूल में बड़ी बाल सभा होगी। सात दिन तक शिक्षक बाल सभाओं की भी तैयारी करेंगे।
इन विवादों व परिवर्तनों के बीच खुलेंगे स्कूल
प्रदेश में सरकार बदलने के बाद से ही स्कूली शिक्षा विभाग में विवादों व परिवर्तनों का दौर शुरू हो गया है। इस सत्र में स्कूल इन्हीं विवादों और परिवर्तन के बीच खुलेंगे।
1. स्कूली पाठ्यक्रम में परिवर्तन - कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही स्कूली किताबों में कुछ बदलाव किए हैं। सबसे महत्वपूर्ण बदलाव वीर सावरकर के अंश में किया गया है। अब वीर सावरकर के अंश में उनका नाम विनायक दामोदर सावरकर लिखा गया है। इसके अलावा अंग्रेजी विषय की एक किताब से जौहर का चित्र हटाकर दुर्ग का चित्र लगाने पर भी खूब विवाद हुआ है।
2. स्कूली कैलेंडर में परिवर्तन - पाठ्यक्रम में अलावा शिक्षा विभाग के कैलेंडर शिविरा में भी परिवर्तन किया गया है। सरकार ने 2012-13 का स्कूली कैलेंडर लागू किया है। नए कैलेंडर के अनुसार ही स्कूल 24 जून से खुल रहे हैं। यह शिक्षण सत्र 15 मई तक चलेगा। साथ ही शीतकालीन अवकाश भी केवल 7 दिन का होगा।
3. शिक्षकों के तबादले - ग्रीष्मावकाश के दौरान स्कूली शिक्षकों को तबादलों की उम्मीद थी। लेकिन, तबादले नहीं किए गए। हालांकि विभाग ने शिक्षकों के शाला दर्पण पोर्टल पर स्टाफ कार्नर की नई व्यवस्था शुरू कर दी है। जिसमें शिक्षक अपने व्यक्तिगत लॉगिन आईडी बना रहे हैं। पहली बार तबादलों के आवेदन भी ऑनलाइन ही लिए जाएंगे। स्कूल शुरू होने के बाद ही तबादले होंगे। बीच सत्र में तबादलों से पढ़ाई में भी बाधा आएगी।
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