भास्कर संवाददाता | सीकर तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2012 के तहत पूर्व में चयनित
अभ्यर्थियों के समान सभी सेवा परिलाभ देने के मामले से जुड़ी याचिका का
निस्तारण कर हाईकोर्ट ने पंचायती राज विभाग के शासन सचिव एवं आयुक्त,
प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक, सीकर जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परिषद
सीईओ को प्रार्थी शिक्षक को भी पूर्व में नियुक्ति ले चुके अभ्यर्थियों से
समान को सभी सेवा परिलाभ देने के अभ्यावेदन को
तय करने के आदेश दिए हंै। श्रीमाधोपुर निवासी चन्द्र शेखर कौशिक की ओर से दायर याचिका में अधिवक्ता संदीप कलवानिया ने बताया कि 2012 में निकाली गई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में प्रार्थी सम्मिलित हुआ था। परीक्षा में पूछे गए सवालों को जांचने में हुई गड़बड़ी के कारण प्रार्थियों का मुख्य परीक्षा परिणाम में चयन नही हो सका। विभाग ने करीब एक साल बाद संशोधित परिणाम जारी किया। जिसमें प्रार्थी का चयन हो गया और उसे तृतीय श्रेणी शिक्षक में पद पर नियुक्ति दे दी गई। बाद में नियुक्ति दिए जाने से पूर्व में नियुक्ति ले चुके अभ्यर्थियों के समान सेवा लाभ नही मिल रहे है और प्रार्थी शिक्षक भी नियमों के अनुसार पूर्व में नियुक्त हो चुके अभ्यर्थियों के समान सभी सेवा परिलाभ पाने का हकदार है।
तय करने के आदेश दिए हंै। श्रीमाधोपुर निवासी चन्द्र शेखर कौशिक की ओर से दायर याचिका में अधिवक्ता संदीप कलवानिया ने बताया कि 2012 में निकाली गई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में प्रार्थी सम्मिलित हुआ था। परीक्षा में पूछे गए सवालों को जांचने में हुई गड़बड़ी के कारण प्रार्थियों का मुख्य परीक्षा परिणाम में चयन नही हो सका। विभाग ने करीब एक साल बाद संशोधित परिणाम जारी किया। जिसमें प्रार्थी का चयन हो गया और उसे तृतीय श्रेणी शिक्षक में पद पर नियुक्ति दे दी गई। बाद में नियुक्ति दिए जाने से पूर्व में नियुक्ति ले चुके अभ्यर्थियों के समान सेवा लाभ नही मिल रहे है और प्रार्थी शिक्षक भी नियमों के अनुसार पूर्व में नियुक्त हो चुके अभ्यर्थियों के समान सभी सेवा परिलाभ पाने का हकदार है।
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