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बीएड छात्रों से खिलवाड़! पहले तो मार्कशीट में फेल बताया, दूसरे दिन बदल गए अंक... और हो गए पास

जयपुर. बीएड सैकंड ईयर के विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम के मामले में राजस्थान विश्वविद्यालय की गंभीर लापरवाही सामने आई है। विवि प्रशासन ने कई छात्रों को पहले तो फेल घोषित कर दिया, फिर एक दिन बाद ही ऐसे छात्रों की दूसरी मार्कशीट जारी कर दी और उनको पास कर दिया।


विवि ने पहले जारी परिणाम भी अपनी वेबसाइट से हटा लिया और चालाकी बरतते हुए परिणाम घोषित करने की तिथि भी बदल दी। हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन दोबारा परिणाम जारी करने की बात से तो इनकार कर रहा है, लेकिन यह मान रहा है कि दो-ढाई सौ छात्रों के अंक चढ़ने से रह गए थे। इस कारण संशोधन किया था। वर्तमान में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती सैकंड लेवल के 28 हजार पदों पर भर्ती होनी है। छात्र इस भर्ती में शिक्षक के पद पर चयन होने का सपना संजोए हुए हैं। ऐसे में विवि की यह लापरवाही कई विद्यार्थियों का भविष्य बिगाड़ सकती थी।
केस 1 - बीएड में दोनों साल के अंक लिखे, लेकिन कुल प्राप्तांक बताए शून्य
राजेश कुमार मीणा का रोल नंबर 1456159 है। 20 अगस्त को जारी परिणाम को देखा तो मार्कशीट में उसके बीएड के फर्स्ट और सैकंड ईयर के कुल प्राप्तांक शून्य बता दिए और फेल घोषित कर दिया। जबकि इसी अंक-तालिका में फर्स्ट ईयर के 582 और सैकंड ईयर के 593 प्राप्तांक भी लिखे थे। एसयूपीडब्ल्यू में अनुपस्थित बताया था और शून्य अंक दिए थे। संशोधित अंक-तालिका में एसयूपीडब्ल्यू में 87 अंक बताए गए और सैकंड ईयर के कुल प्राप्तांक बढकर 680 हो गए। दोनों सालों के कुल प्राप्तांक 1262 दर्शाते हुए मीणा को पास घोषित कर दिया।
केस 2 - यहां दोनों सालों के अंक शून्य बता दिए और कुल प्राप्तांक दर्शा दिए 605
भागचन्द पहाड़िया का रोल नंबर 1456134 है। पहले जारी अंक तालिका में दोनों सालों में अलग -अलग प्राप्तांक शून्य दे दिए, कुल प्राप्तांक 605 दर्शा दिए और फेल कर दिया। एसयूपीडब्ल्यू में भी अनुपस्थित दिखाया गया। अगले ही दिन जारी में अंक-तालिका की पूरी तस्वीर ही बदल गई। एसयूपीडब्ल्यू में उसको 87 अंक मिले। इसी प्रकार प्रथम वर्ष में 635 और द्वितीय वर्ष में 692 अंक दिए गए। कुल प्राप्तांक 1327 होने पर पास घोषित कर दिया। वह नहीं समझ पा रहा है कि पहली अंक-तालिका में 605 अंक विवि कहां से ले आया।
प्रेक्टिकल के अंक मिलने से पहले ळी जारी कर दिया परिणाम
विवि ने 25 अगस्त तक प्रेक्टिकल के अंक मांगे थे और परिणाम पहले ही जारी कर दिए। यही नहीं कई विद्यार्थियों को पास होने के बावजूद फेल कर दिया गया। विवि प्रशासन ने आनन-फानन में यह परिणाम जारी किया। इससे विद्यार्थियों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ा है। - एलसी भारतीय, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान शिक्षा महाविद्यालय परिषद
हमने संशोधित परिणाम जारी नहीं किया
हमने संशोधित परिणाम जारी नहीं किया है। करीब दो-ढाई सौ विद्यार्थियों के कुछ विषयों के अंक कंपाइल नहीं हो पाए थे। केवल उन्हीं विद्यार्थियों के परिणाम में संशोधन किया था। - डॉ. वीके गुप्ता, परीक्षा नियंत्रक, राजस्थान विश्वविद्यालय

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