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शिक्षक बनने के लिए रीट में बताए 100 से ज्यादा अंक, जबकि मिले थे

ग्रेड थर्ड शिक्षक बनने के लिए प्रदेश के कई अभ्यर्थियों ने रीट के अंकों में हेराफेरी कर ऑनलाइन आवेदन में गलत मार्क्स दिखा दिए। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने 26000 पदों के लिए हुई ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती-प्रथम लेवल 2018 के लिए पास हुए अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे तो कई अभ्यर्थियों ने आरटेट व रीट की अंक तालिका के नंबरों में हेराफेरी करके आवेदन कर दिया।
अंकों के आधार पर इन अभ्यर्थियों का शिक्षक पद के लिए चयन भी हो गया, लेकिन शिक्षा निदेशालय ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की वेबसाइट से इनकी मार्कशीट की जांच की तो यह हेराफेरी पकड़ में आई। प्रदेश के 59 अभ्यर्थियों ने रीट की मार्कशीट के अंकों में कांट छांट की है। निदेशालय ने इन अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दे दिए हैं।

दैनिक भास्कर ने इन अभ्यर्थियों की पड़ताल की तो गड़बड़ी का चौंकाने वाला खुलासा हुआ। उदाहरण के लिए-अभ्यर्थी प्रिया ने ऑनलाइन आवेदन में बताया कि उसने रीट एग्जाम साल 2017 में पास की। इस परीक्षा में उसे 124 अंक आए थे। छात्रा हिंडौन-करौली की रहने वाली है। जब शिक्षा निदेशालय ने इस छात्र के अंकों की जांच माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के दस्तावेजों से की तो पता चला कि रीट में छात्रा को महज 10 अंक ही मिले थे। इसी तरह मकराना के छात्र रामेश्वरलाल ने आवेदन में 108 मार्क्स बताए। जांच में पता चला कि कि इस छात्र को जीरो नंबर मिले थे।

भास्कर खुलासा

ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती-प्रथम लेवल 2018 के लिए आवेदन में 59 अभ्यर्थियों ने रीट की मार्कशीट में फर्जीवाड़ा किया

“मैं एतद् द्वारा घोषित करता/करती हूं कि आवेदन में प्रस्तुत की गई समस्त जानकारी मेरे ज्ञान और विश्वास में सर्वोतम और सही है। मेरे द्वारा प्रस्तुत की गई जानकारी राजस्थान प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय अध्यापक भर्ती लेवल प्रथम-2018 के पहले या बाद में गलत, झूठी व अयोग्य पाई जाती है तो जिला परिषद/विभाग द्वारा मेरे खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।’ (यह घोषणा अभ्यर्थी द्वारा आवेदन भरते वक्त की गई थी।)

...लेकिन शपथ लेकर भी 59 अभ्यर्थियों ने झूठी सूचनाएं देकर पात्र अभ्यर्थियों का हक छीनने की कोशिश की

शिक्षा निदेशालय ने बोर्ड से जांच कराई तो पता चला कि अभ्यर्थियों ने नौकरी हासिल करने के लिए गलत अंक दर्शाए हैं। निदेशालय ने इसे माना कि अभ्यर्थियों द्वारा भर्ती प्रक्रिया को दूषित कर अनुसूचित लाभ प्राप्त करने व चयन प्रक्रिया में शामिल होने के उद्देश्य से जानबूझकर रीट के गलत अंक प्रविष्ट किए गए हैं तथा रीट/आरटेट की फर्जी अंकतालिकाएं वेबपोर्टल पर अपलोड कर दी।

किस जिले के कितने अभ्यर्थियों पर दर्ज होगी एफआईआर | बीकानेर के एक, जोधपुर के दो, दौसा के नौ, करौली के 16, जालौर के तीन, टोंक के तीन, नागौर के तीन, अजमेर के दो, सिरोही के एक, अलवर के एक, जयपुर के दो, भरतपुर के दो, पाली के दो, डूंगरपुर के नौ, बांसवाड़ा के दो, भीलवाड़ा का एक अभ्यर्थी हैं, जिस पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। अभी सिर्फ 59 की सूची तैयार हुई है, शिक्षा निदेशालय की जांच में कई खुलासे हो सकते हैं।

1. नागौर की छात्रा उमंग मीना ने साल 2017 में रीट पास की। ऑनलाइन आवेदन में इसने रीट 105 अंकों से पास होना बताया। जबकि शिक्षा निदेशालय ने जांच की तो रीट में इसे जीरो मार्क्स मिला हुआ था। यानी रीट की मार्कशीट में छेड़छाड़ की।

2. करौली के अजय चौधरी ने साल 2015 में आरटेट पास करना बताया। ऑनलाइन आवेदन में 128 मार्क्स बताए। की जांच में पता चला कि मार्कशीट में फर्जीवाड़ा किया गया है। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बताया कि आरटेट में इसे महज 26 मार्क्स ही मिले थे।

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