बीकानेर . राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मण्डल की ओर से
शैक्षणिक सत्र २०१७-१८ में वितरित की गई पुस्तकों के बिलों के भुगतान की
जांच में कमियां और अनियमितताएं पाई गई हैं। पाठ्य पुस्तक मण्डल एवं
प्रारंभिक शिक्षा विभाग के मध्य कोई अनुबंध उपलब्ध नहीं है, फिर भी निदेशक
स्तर पर भुगतान की कार्रवाई कर दी गई। राज्य सरकार के वित्तीय सलाहकार की
जांच में ये अनियमितताएं सामने आई हैं।
जांच में सामने आया है कि इन पुस्तकों की खरीद में सक्षम एवं विधिवत क्रय आदेश नहीं दिए गए हैं। नमूने भी सक्षम प्राधिकारी की ओर से प्रमाणित नहीं है। साथ ही क्रय करने संबंधी प्रमाण का बिल भी नहीं है। इस मामले में सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियम की पालना नहीं की गई है।
जांच में प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि शैक्षणिक सत्र २०१८-१९ में कक्षा १ से ८ तक की नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों की मांग राजस्थान पाठ्य पुस्तक मण्डल जयपुर को भिजवाई जानी है। इससे पहले राजस्थान लोक उपासन में पारदर्शिता अधिनियम की पालना की जानी आवश्यक है। यह भी कहा गया कि समुचित अनुबंध और कार्यादेश जारी किए जाएं।
प्रस्तुति का फर्क
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक की रिपार्ट के अनुसार राजस्थान पाठ्य पुस्तक मण्डल कक्षा १ से ८ तक पुस्तकों की आपूर्ति करता आ रहा है। मण्डल राज्य सरकार की अधिकृत संस्था है। सरकार ने इस संस्था को यही काम दिया है। पूरी प्रक्रिया अपनाई गई है। इसलिए निदेशक के आदेश पर बिलों का भुगतान कर दिया गया है। आपत्तियां केवल प्रस्तुति के फर्क के कारण लगाई गई है।
स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रमों के प्रायोगिक सम्पर्क शिविर शुरू
बीकानेर . राजकीय डूंगर महाविद्यालय में मंगलवार से वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा के स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रमों के प्रायोगिक सम्पर्क शिविर का प्रारंभ हुआ। इसके तहत विद्यार्थियों के लिए कार्यशाला आयोजित की गई।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. बेला भनोत ने कहा कि समस्त विद्यार्थी महाविद्यालयी कार्यक्रमों में सहभागिता बढ़ाकर महाविद्यालयी परम्परा का निर्वहन करें। साथ ही महाविद्यालय के समस्त संशाधनों का समुचित उपयोग कर अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करें।
12 मई तक शिविर
अध्ययन केन्द्र की समन्वयक डॉ. मृदुला भटनागर ने इस अवसर पर कहा कि यह शिविर 1 से 12 मई तक महाविद्यालय में संचालित होगा। इस अवसर पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सहायक निदेशक, राजस्थान कॉलेज शिक्षा बीकानेर क्षेत्र के डॉ. दिग्विजय सिंह , डॉ. उज्ज्वल गोस्वामी, डॉ. आरपी माथुर, डॉ. राजेन्द्र पुरोहित, डॉ. जय भारत सिंह, डॉ. शमिन्द्र सक्सेना ने भी विचार व्यक्त किए।
जांच में सामने आया है कि इन पुस्तकों की खरीद में सक्षम एवं विधिवत क्रय आदेश नहीं दिए गए हैं। नमूने भी सक्षम प्राधिकारी की ओर से प्रमाणित नहीं है। साथ ही क्रय करने संबंधी प्रमाण का बिल भी नहीं है। इस मामले में सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियम की पालना नहीं की गई है।
जांच में प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि शैक्षणिक सत्र २०१८-१९ में कक्षा १ से ८ तक की नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों की मांग राजस्थान पाठ्य पुस्तक मण्डल जयपुर को भिजवाई जानी है। इससे पहले राजस्थान लोक उपासन में पारदर्शिता अधिनियम की पालना की जानी आवश्यक है। यह भी कहा गया कि समुचित अनुबंध और कार्यादेश जारी किए जाएं।
प्रस्तुति का फर्क
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक की रिपार्ट के अनुसार राजस्थान पाठ्य पुस्तक मण्डल कक्षा १ से ८ तक पुस्तकों की आपूर्ति करता आ रहा है। मण्डल राज्य सरकार की अधिकृत संस्था है। सरकार ने इस संस्था को यही काम दिया है। पूरी प्रक्रिया अपनाई गई है। इसलिए निदेशक के आदेश पर बिलों का भुगतान कर दिया गया है। आपत्तियां केवल प्रस्तुति के फर्क के कारण लगाई गई है।
स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रमों के प्रायोगिक सम्पर्क शिविर शुरू
बीकानेर . राजकीय डूंगर महाविद्यालय में मंगलवार से वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा के स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रमों के प्रायोगिक सम्पर्क शिविर का प्रारंभ हुआ। इसके तहत विद्यार्थियों के लिए कार्यशाला आयोजित की गई।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. बेला भनोत ने कहा कि समस्त विद्यार्थी महाविद्यालयी कार्यक्रमों में सहभागिता बढ़ाकर महाविद्यालयी परम्परा का निर्वहन करें। साथ ही महाविद्यालय के समस्त संशाधनों का समुचित उपयोग कर अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करें।
12 मई तक शिविर
अध्ययन केन्द्र की समन्वयक डॉ. मृदुला भटनागर ने इस अवसर पर कहा कि यह शिविर 1 से 12 मई तक महाविद्यालय में संचालित होगा। इस अवसर पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सहायक निदेशक, राजस्थान कॉलेज शिक्षा बीकानेर क्षेत्र के डॉ. दिग्विजय सिंह , डॉ. उज्ज्वल गोस्वामी, डॉ. आरपी माथुर, डॉ. राजेन्द्र पुरोहित, डॉ. जय भारत सिंह, डॉ. शमिन्द्र सक्सेना ने भी विचार व्यक्त किए।
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