तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2017 मामलें में राजस्थान हाई कोर्ट ने एक अहम
आदेश दिया है. जस्टिस एमएन भंडारी की खण्डपीठ ने मनीष मोहन बोहरा की याचिका
पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देशित किया है कि भर्ती प्रक्रिया
में केवल उन्हीं अभ्यर्थियों का चयन किया जाए जिनके पास ग्रेजुएशन,बीएड और
रीट में एक समान विषय हो.
याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करने वाले अधिवक्ता विज्ञान शाह ने बताया कि हमने याचिका के जरिए सरकार के इस नोटिफिकेशन को चैलेंज किया था जिसमें सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में केवल ग्रेजुएशन व रीट में ही एक समान विषय होना जरूरी किया था. लेकिन हमारा कहना था कि बीएड के जरिए ही अध्यापक होने की प्रारंभिक पात्रता प्राप्त होती है। ऐसे में बीएड के विषयों को भी तवज्जो दी जानी चाहिए. इस पर कोर्ट ने हमारी बात से सहमत होते हुए तीनों स्तर पर समान विषय रखने वाले अभ्यर्थियों को ही चयन के योग्य माना है.
याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करने वाले अधिवक्ता विज्ञान शाह ने बताया कि हमने याचिका के जरिए सरकार के इस नोटिफिकेशन को चैलेंज किया था जिसमें सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में केवल ग्रेजुएशन व रीट में ही एक समान विषय होना जरूरी किया था. लेकिन हमारा कहना था कि बीएड के जरिए ही अध्यापक होने की प्रारंभिक पात्रता प्राप्त होती है। ऐसे में बीएड के विषयों को भी तवज्जो दी जानी चाहिए. इस पर कोर्ट ने हमारी बात से सहमत होते हुए तीनों स्तर पर समान विषय रखने वाले अभ्यर्थियों को ही चयन के योग्य माना है.
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