शिक्षा की बागडोर संभालने वाले शिक्षक इन दिनों बड़ी परेशानी में हैं। 5 हजार शिक्षकों को अब तक वेतन नहीं मिला है।
सर्व शिक्षा अभियान में जिलेभर में करीब 4 हजार शिक्षकों को वेतन मिलता है। वहीं पीडी या व्यक्तिगत जमा मद में करीब दो हजार की रोजी-रोटी चलती है।
सातवें वेतन आयोग की बात नहीं भी करें तो भी प्रति शिक्षक न्यूनतम वेतन 35 हजार रुपए के करीब बनता है। ऐसे में साफ है कि दोनों मद में मिलाकर करीब 6 हजार शिक्षक लगे हुए हंै। इनमें से केवल एक हजार को ही वेतन मिला है, शेष 5 हजार शिक्षक पिछले दो माह से वेतन के लिए पीईईओ और ब्लॉक कार्यालय के बीच चक्कर लगा रहे हैं। हालात यह हंै कि इतना समय तो जैसे तैसे गुजर गया, लेकिन अब एक तरफ शादियों का सीजन शुरू हो गया, ऐसे में पैसे की सभी को सख्त जरूरत है।
शिक्षक संगठन हुए सक्रिय
वेतन समय पर नहीं मिलने की शिकायतें शिक्षक संगठनों तक पहुंचने लगी हैं। इसे लेकर विरोध भी सामने आने लगा है। हालात यह हैं कि शिक्षक नेता रोजाना सभी बीईईओ कार्यालयों से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। ऐसे में इसे लेकर सोमवार को तो शहर में एक बैठक भी हो चुकी है। मंगलवार को भी ये शिक्षक नेता डीईओ कार्यालय में जाकर वेतन समय पर दिलवाने के लिए मशक्कत करते दिखे।
पिछले दो माह का वेतन नहीं मिला है। ऐसे शिक्षकों की संख्या 5 हजार के करीब है। ऐसे में एक तो शादियों का सीजन और दूसरा बच्चों के स्कूल एडमिशन का समय गुजर रहा है। शिक्षक एक से दूसरे दफ्तर चक्कर लगा रहे हैं। ऐसे में अब हमें यहां मुख्यालय आकर इसमें जुटना पड़ रहा है। - विश्राम कटारा, अध्यक्ष शिक्षक संघ सियाराम।
सर्व शिक्षा अभियान में जिलेभर में करीब 4 हजार शिक्षकों को वेतन मिलता है। वहीं पीडी या व्यक्तिगत जमा मद में करीब दो हजार की रोजी-रोटी चलती है।
सातवें वेतन आयोग की बात नहीं भी करें तो भी प्रति शिक्षक न्यूनतम वेतन 35 हजार रुपए के करीब बनता है। ऐसे में साफ है कि दोनों मद में मिलाकर करीब 6 हजार शिक्षक लगे हुए हंै। इनमें से केवल एक हजार को ही वेतन मिला है, शेष 5 हजार शिक्षक पिछले दो माह से वेतन के लिए पीईईओ और ब्लॉक कार्यालय के बीच चक्कर लगा रहे हैं। हालात यह हंै कि इतना समय तो जैसे तैसे गुजर गया, लेकिन अब एक तरफ शादियों का सीजन शुरू हो गया, ऐसे में पैसे की सभी को सख्त जरूरत है।
शिक्षक संगठन हुए सक्रिय
वेतन समय पर नहीं मिलने की शिकायतें शिक्षक संगठनों तक पहुंचने लगी हैं। इसे लेकर विरोध भी सामने आने लगा है। हालात यह हैं कि शिक्षक नेता रोजाना सभी बीईईओ कार्यालयों से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। ऐसे में इसे लेकर सोमवार को तो शहर में एक बैठक भी हो चुकी है। मंगलवार को भी ये शिक्षक नेता डीईओ कार्यालय में जाकर वेतन समय पर दिलवाने के लिए मशक्कत करते दिखे।
पिछले दो माह का वेतन नहीं मिला है। ऐसे शिक्षकों की संख्या 5 हजार के करीब है। ऐसे में एक तो शादियों का सीजन और दूसरा बच्चों के स्कूल एडमिशन का समय गुजर रहा है। शिक्षक एक से दूसरे दफ्तर चक्कर लगा रहे हैं। ऐसे में अब हमें यहां मुख्यालय आकर इसमें जुटना पड़ रहा है। - विश्राम कटारा, अध्यक्ष शिक्षक संघ सियाराम।
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