बांसवाड़ा| राजस्थानसरकार के खिलाफ प्रदेश के सभी कर्मचारियों में नाराजगी
है। समय समय पर इन कर्मचारी संगठनों की ओर से विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन
देकर सरकार तक मांगे पहुंचाई गई, लेकिन सरकार की ओर से मांगों को अनसूना
किया जा रहा है।
अब इन सभी कर्मचारियों की मांगों को लेकर राजस्थान राज्य कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले सोमवार से दो शिक्षक आगामी 48 घंटों के लिए कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर अनशन पर बैठ गए।
अनशन पर बैठे शिक्षक संघ प्रगतिशील के शिक्षक रमेशचंद्र मईड़ा और बहादुर सिंह चरपोटा ने बताया कि अनशन की जानकारी कलेक्टर को दे दी गई है। हम इसके माध्यम से सरकार तक हमारी मांग पहुुंचाना चाहते हैं। समिति के संयोजक महेश चौबीसा ने बताया कि सरकार से हमारी मांग है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें केंद्र के समान 1 जनवरी 2016 से लागू की जाए। 5वीं अनुसूचि में संशोधन निरस्त किया जाए।
राज्य कर्मचारियों के लिए नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पूरानी पेंशन योजना को लागू किया जाए। इन मांगों के अतिरिक्त कुछ अन्य मांगे भी हैं। सरकार यदि इन्हें नहीं मानती तो आंदोलन उग्र भी किया जा सकता है। इस दौरान सह संयोजक अनिल मईड़ा, आरएनए अध्यक्ष रकमचंद मईड़ा, संदीप गामोठ, गिरवरसिंह लबाना, निखिल सुथार, दिनेश गरासिया, रमेश निनामा आदि मौजूद थे।
अब इन सभी कर्मचारियों की मांगों को लेकर राजस्थान राज्य कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले सोमवार से दो शिक्षक आगामी 48 घंटों के लिए कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर अनशन पर बैठ गए।
अनशन पर बैठे शिक्षक संघ प्रगतिशील के शिक्षक रमेशचंद्र मईड़ा और बहादुर सिंह चरपोटा ने बताया कि अनशन की जानकारी कलेक्टर को दे दी गई है। हम इसके माध्यम से सरकार तक हमारी मांग पहुुंचाना चाहते हैं। समिति के संयोजक महेश चौबीसा ने बताया कि सरकार से हमारी मांग है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें केंद्र के समान 1 जनवरी 2016 से लागू की जाए। 5वीं अनुसूचि में संशोधन निरस्त किया जाए।
राज्य कर्मचारियों के लिए नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पूरानी पेंशन योजना को लागू किया जाए। इन मांगों के अतिरिक्त कुछ अन्य मांगे भी हैं। सरकार यदि इन्हें नहीं मानती तो आंदोलन उग्र भी किया जा सकता है। इस दौरान सह संयोजक अनिल मईड़ा, आरएनए अध्यक्ष रकमचंद मईड़ा, संदीप गामोठ, गिरवरसिंह लबाना, निखिल सुथार, दिनेश गरासिया, रमेश निनामा आदि मौजूद थे।
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