खुशखबरी: आर्मी स्कूलों में शिक्षक बनने का मौका, एक हजार से अधिक पद - The Rajasthan Teachers Blog - राजस्थान - शिक्षकों का ब्लॉग

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Tuesday 12 December 2017

खुशखबरी: आर्मी स्कूलों में शिक्षक बनने का मौका, एक हजार से अधिक पद

सीकर. आर्मी स्कूलों में शिक्षक बनने का युवाओं के लिए अच्छा मौका है। आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसाइटी ने एक हजार से अधिक शिक्षकों के लिए आवेदन मांगे है। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए भी अभ्यर्थियों का सीटेट या राज्यों की शिक्षक पात्रता परीक्षा पास होना अनिवार्य है।
वहीं मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में 739 विभिन्न पदों के लिए आवेदन मांगे गए है। इन पदों पर अभ्यर्थियों का अंतिम चयन शैक्षणिक योग्यता, परीक्षा व साक्षात्कार के जरिए होगा। एयरपोट्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भी फायर सर्विस के 170 पदों के लिए आवेदन मांगे है। अभ्यर्थी 31 दिसम्बर तक आवेदन कर सकेंगे। चयनित अभ्यर्थियों को देश के विभिन्न एयरपोर्ट पर नियुक्ति दी जाएगी।

137 स्कूलों में नियुक्ति, 21 दिसम्बर तक पंजीयन
आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसाइटी ने पीजीटी, टीजीटी और पीआरटी शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे है। चयनित अभ्यर्थियों को देश के विभिन्न मिलिट्री स्टेशनों में स्थित 137 आर्मी पब्लिक स्कूलों में नियुक्त किया जाएगा। यह भर्ती सीबीएसई या एडब्ल्यूईएस के नियमों के आधार पर होगी। ऑनलाइन पंजीयन शुरू हो गया है। ऑनलाइन पंजीयन 21 दिसम्बर तक होगा। प्रवेश पत्र पांच जनवरी को जारी होंगे।

परिणाम 27 जनवरी तक जारी होगा। अभ्यर्थी अंग्रेजी, हिन्दी, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, गणित, रसायन विज्ञान, समाजशास्त्र, कम्प्यूटर, गृहविज्ञान, शारीरिक शिक्षक सहित अन्य पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे। अभ्यर्थियों का चयन ऑनलाइन स्क्रीनिंग परीक्षा, साक्षात्कार और टीचिंग स्किल एंड कंप्यूटर की जानकारी के आधार पर होगा। अभ्यर्थियों को ऑनलाइन एग्जाम से पहले मॉक टेस्ट की सुविधा भी दी जाएगी। इस टेस्ट के लिए दो जनवरी से दस जनवरी तक रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर लिंक उपलब्ध रहेगा। परीक्षा केंद्रों की जानकारी भी रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर मिलेगी। देशभर के लगभग 77 शहरों में परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। आवेदक कोई भी तीन केंद्रों का चयन कर सकता है। परिणाम 27 जनवरी तक घोषित होने की संभावना है।

शिक्षक बनने की ओर कदम
रीट में बाल विकास तथा शिक्षण विधियों का हिस्सा रीट प्रथम लेवल व द्वितीय स्तर विज्ञान के लिए कुल 150 अंकों में से 80 अंकों का होगा। वहीं सामाजिक विज्ञान द्वितीय स्तर के अभ्यर्थियों के लिए बाल विकास तथा शिक्षण विधियों की विषय वस्तु 72 अंकों की होगी। अभ्यर्थियों को कक्षा दसवीं तक की संंबंधित विषय वस्तु को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की पुस्तक से अध्ययन करना होगा। बाल विकास विषय की तैयारी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा 11 व 12 में जोड़ी गई मनोविज्ञान पुस्तक से करनी होगी।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कुल 739 पदों पर
एएआई में जूनियर असिस्टेंट (फायर सर्विस), मध्यप्रदेश हाईकोर्ट व जल बोर्ड में भर्तियों का मौकामध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कुल 739 पदों पर रिक्तियां घोषित की हैं। यह भर्तियां मध्य प्रदेश के जिला एवं सत्र न्यायालयों में सीधी भर्ती के तहत होगी। हाईकोर्ट ने इन पदों पर योग्य अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। ऑनलाइन आवेदन 31 दिसम्बर तक होंगे। आवेदन में गलती सुधार का मौका तीन जनवरी तक मिलेगा। स्क्रीनिंग 28 जनवरी व साक्षात्कार 28 फरवरी को होगा। इसके आधार पर अभ्यर्थियों का अंतिम परिणाम घोषित होगा।

बाल विकास के महत्वपूर्ण कथन
शैशवावस्था -(जन्म से 5 वर्ष की उम्र)
ब्रिजेस- ‘‘दो वर्ष की उम्र तक बालक में लगभग सभी संवेगों का विकास हो जाता है।’’
वैलेन्टाइन- ‘‘शैशवावस्था सीखने का आदर्शकाल है।’’
सिगमण्ड फ्रायड के अनुसार- ‘‘शिशु में काम प्रवृत्ति बहुत प्रबल होती है पर वयस्कों की भांति उसकी अभिव्यक्ति नहीं होती है।’’
रूसो के अनुसार- ‘‘बालक के हाथ, पैर व नैत्र उसके प्रारंभिक शिक्षक है। इन्हीं के द्वारा वह पांच वर्ष में ही पहचान सकता है, सोच सकता है और याद कर सकता है।’

बाल्यावस्था (6-12)
कोलएवंब्रुसने-‘‘बाल्यावस्था को जीवन का अनोखा काल कहा है।’’
रॉस-बाल्यावस्था का ेमिथ्या या छद्म परिपक्वता का काल ‘‘कहा है। ’’
सिगमंड फ्रायड ने- ‘‘बाल्यावस्था को काम की प्रसुप्तावस्था’ कहा है।’’
स्ट्रैंग- ‘‘ऐसा शायद ही कोई खेल हो जिसे दस वर्ष के बालक न खेलते हों।’

किशोरावस्था (13-18)
स्टेनली हॉल के अनुसार- ‘‘किशोरावस्था प्रबल दबाव, तनाव, तूफान व संघर्ष का काल है।’’
ई.ए. किलपैट्रिक ने- ‘‘किशोरावस्था को जीवन का सबसे कठिन काल कहा है।’’
रॉस के अनुसार- ‘‘किशोरावस्था, शैशवावस्था की पुनरावृत्ति है।’’
वैलेन्टीन के अनुसार- ‘‘घनिष्ठ व व्यक्तिगत मित्रता उत्तर किशोरावस्था की विशेषता है।’’

(वृद्धि एवं विकास)
वृद्धि- ‘‘प्राणी में होने वाले ऐसे जैविक परिवर्तन को वृद्धि कहते हैं जिसका निरीक्षण किया जा सकता है तथा जिसको मापा जा सकता है।’’ वृद्धि असतत प्रक्रिया है।
विकास- शरीर के विभिन्न अंगों में जो गुणात्मक व व्यवहारगत परिवर्तन होता है उसे विकास कहते हैं। विकास से बालक की कार्यक्षमता, कार्यकुशलता एवं व्यवहार में प्रगति होती है।
वृद्धि एवं विकास के सिद्धांत
- विकास सामान्य से विशिष्ट प्रतिक्रिया की ओर होता है
- विकास सतत् होता है
- विकास समग्रता से विभेदीकरण की ओर अग्रसर होता है
- विकास में सहसंबंध होते हैं
- स्त्री-पुरुष के विकास दरों में अंतर होते हैं
- विकास लम्बात्मक न होकर वर्तुलाकार होता है वृद्धि और विकास की क्रिया वंशानुक्रम और वातावरण का संयुक्त परिणाम है
-विकास मस्ताधोमुखी (सिर से पैर की ओर) तथा मध्य से बाहर की ओर होता है
-प्रत्येक विकासात्मक अवस्था में अन्तर्निहित खतरे होते हैं।

अधिगम-
अधिगम का अर्थ सीखना अथवा व्यवहार में अपेक्षाकृत स्थायी परिवर्तन हैयह परिवर्तन अनुभव के द्वारा प्राप्त होताहै।
- अर्जित व्यवहार की प्रकृति अपेक्षाकृत स्थायी होती है।
- सीखना जीवन पर्यन्त चलने वाली एक सतत् प्रक्रिया है।
-सीखना एक सार्वभौमिक प्रक्रिया है।
- सीखना वातावरण एवं क्रियाशीलता की उपज है।
- सीखना समायोजन में सहायक है।

इन दिनों चर्चा में...
सामुद्रिक विज्ञान दशक
यूनेस्कों ने वर्ष 2021 से 2030 के दशक को सामुद्रिक विज्ञान दशक घोषित किया है। जिसका उद्देश्य समुद्री व्यापार में बेहतर प्रबंधन व तटीय संसाधनों का उपयोग और व्यापार की नई संभावनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए महासागरों पर अध्ययन - शोध को बढावा देना है।

नेसनेट
गुगल के सुपर कम्प्यूटर ने बिना किसी मानवीय सहयोग के आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस नेसनेट नामक मशीनी बच्चा बनाया है। यह अपनी तरह का पहला मामला है। यह मशीन रैनफोर्समेंट लर्निंग के तहत अपने अभिभावक कम्प्यूटर से सलाह भी लेता है।

दुक्खम- सुक्खम
हिन्दी साहित्यकार ममता कालिया को वर्ष 2017 का व्यास सम्मान उपन्यास दुक्खम-सुक्खम के लिए दिया जाएगा। बिड़ला फाउण्डेशन का यह पुरस्कार विगत दस वर्ष की अवधि में हिन्दी में प्रकाशित किसी रचना को दिया जाता है।

ओलम्पिक 2018
विंटर ओलम्पिक की मेजबानी करने वाला रूस फरवरी 2018 में प्योंगचेंग (दक्षिण कोरिया)में होने वाले विंटर ओलम्पिक गेम्स में इंटरनेशनल ओलम्पिक कमेटी के उस पर डोपिंग मामले में प्रतिबंध के कारण हिस्सा नहीं ले सकेगा।

ओखी तूफान
ओखी तूफान एक सक्रिय उष्णकटिबंधीय चक्रवात है, जो हाल ही में भारत के दक्षिणी क्षेत्र में सक्रिय था। ओखी 29 नवंबर को श्रीलंका के पास अशान्त मौसम के क्षेत्र से उत्पन्न हुआ था। भूमि की निकटता ने इस तूफान को महत्वपूर्ण रूप से सुदृढ़ होने से रुका हुआ था,लेकिन इसके अरब सागर में प्रवेश करते ही अनुकूल परिस्थितियों के कारण एक दिसंबर से इसमें तेजी देखी जाने लगी।

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