फरवरीमें प्रस्तावित रीट के बाद सरकार की और से 35 हजार तृतीय श्रेणी
शिक्षकों की भर्ती निकाली जाएंगी। इसको लेकर तैयारियां भी चल रही है। ऐसे
में अगर एमए के आधार बीएड करने वाले को इस भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं
किया तो हजारों बेरोजगार शिक्षक बनने से वंचित रह जाएंगे।
सरकार का हास्यास्पद आदेश
उदयवीरसिंहराजपुरोहित | पाली
पीजीलेवल में 50 प्रतिशत से अधिक अंकों के आधार पर बीएड करने वाले हजारों बेरोजगार युवाओं को रीट में शामिल होने से वंचित रहना पड़ेगा। माध्यमिक शिक्षा बाेर्ड द्वारा जारी विज्ञप्ति में उन्हीं अभ्यर्थियों को रीट के लिए योग्य माना गया है, जिनके स्नातक में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक है और वो बीएड किए हुए हैं। विज्ञप्ति में एमए में 50 प्रतिशत से अधिक अंकों के आधार पीटीईटी देकर बीएड की डिग्री प्राप्त करने वाले हजारों अभ्यर्थियों के बारे में कोई उल्लेख नहीं है। युवाओं को इस भर्ती को लेकर पिछले दो सालों से अधिक समय से इंतजार था। अब भर्ती निकली तो उनके सपनों पर पानी फिरता नजर रहा है। इधर, कई बेरोजगार अभ्यर्थी इसे लेकर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों से बार-बार संपर्क कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई जबाव नहीं मिल रहा है। जानकारी के अनुसार सरकार ने 2009-10 में पीटीईटी करने वाले अभ्यर्थियों की शैक्षणिक योग्यता में स्नातक पीजी लेवल पर 50 प्रतिशत अंक अनिवार्य कर दिए थे, इसके चलते हजारों अभ्यर्थियों ने जिनके स्नातक में 50 प्रतिशत से कम अंक थे तो उन्होंने पीजी के लेवल पर पीटीईटी परीक्षा देकर बीएड की थी, लेकिन अब उन्हें रीट में इन अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किया जा रहा है।
2012की भर्ती में शामिल किया तो अब क्यूं नहीं?
2009-10के बाद एमए के आधार पर बीएड करने वाले अभ्यर्थियों को सरकार ने आरटेट 2011 2012 की परीक्षा में शामिल किया था। इसके बाद इनमें से ज्यादातर अभ्यर्थियों आरटेट पास भी कर लिया था। इस परीक्षा में पास होने के बाद हजारों अभ्यर्थी 2012 में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हुए थे। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब 2012 की भर्ती परीक्षा में एमए के आधार पर बीएड करने वाले अभ्यर्थियों को शामिल किया गया है तो रीट में क्यूं नहीं किया जा रहा है, जबकि आरटेट का नाम बदलकर ही इस बार रीट किया गया है।
शिक्षकभर्ती में चयनितों को नियुक्ति भी नहीं दी : 2012में एमए के आधार पर बीएड करने वाले अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में चयन भी हुअा था। इन चयनित अभ्यर्थियों को अब तक नियुक्ति नहीं दी है, जबकि इन अभ्यर्थियों के आरटेट में 60 प्रतिशत से अधिक और एमए में भी 50 प्रतिशत अंक प्राप्त है। इसके बाद भी सरकार द्वारा इन चयनित अभ्यर्थियों को तो पोस्टिंग दी जा रही है और ही उन्हें रीट में शामिल किया जा रहा है।
2009-10में बनाया था नियम : सरकारने पीटीईटी में शामिल होने के लिए स्नातक एमए में 50 प्रतिशत अंकों के आधार डिग्री होना अनिवार्य किया था। जिन अभ्यर्थियों के स्नातक में 50 प्रतिशत से कम अंक थे, उन्होंने एमए के आधार पीटीईटी में शामिल किया था। इसके बाद उन्होंने बीएड की डिग्री प्राप्त की थी। 2009-10 से पहले तो स्नातक या एमए में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को भी पीटीईटी में शामिल किया जाता था।
अबतक दो बार आरटेट एक बार रीट हो चुकी है
जानकारीके अनुसार अब तक सरकार की और से दो बार आरटेट का आयोजन किया जा चुका है। साथ ही एक बार रीट का भी आयोजन हो चुका है। अब सरकार फरवरी माह में रीट का आयोजन करा रही है। इसके बाद शिक्षक भर्ती निकाली जाएंगी
^सरकार की और से जारी निर्देशानुसार ही रीट का आयोजन कराया जा रहा है। जो भी सरकार आदेश देंगी उसकी अनुपालना की जाएंगी। -प्रो. बीएल चौधरी, चेयरमैन, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर
सरकार का हास्यास्पद आदेश
उदयवीरसिंहराजपुरोहित | पाली
पीजीलेवल में 50 प्रतिशत से अधिक अंकों के आधार पर बीएड करने वाले हजारों बेरोजगार युवाओं को रीट में शामिल होने से वंचित रहना पड़ेगा। माध्यमिक शिक्षा बाेर्ड द्वारा जारी विज्ञप्ति में उन्हीं अभ्यर्थियों को रीट के लिए योग्य माना गया है, जिनके स्नातक में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक है और वो बीएड किए हुए हैं। विज्ञप्ति में एमए में 50 प्रतिशत से अधिक अंकों के आधार पीटीईटी देकर बीएड की डिग्री प्राप्त करने वाले हजारों अभ्यर्थियों के बारे में कोई उल्लेख नहीं है। युवाओं को इस भर्ती को लेकर पिछले दो सालों से अधिक समय से इंतजार था। अब भर्ती निकली तो उनके सपनों पर पानी फिरता नजर रहा है। इधर, कई बेरोजगार अभ्यर्थी इसे लेकर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों से बार-बार संपर्क कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई जबाव नहीं मिल रहा है। जानकारी के अनुसार सरकार ने 2009-10 में पीटीईटी करने वाले अभ्यर्थियों की शैक्षणिक योग्यता में स्नातक पीजी लेवल पर 50 प्रतिशत अंक अनिवार्य कर दिए थे, इसके चलते हजारों अभ्यर्थियों ने जिनके स्नातक में 50 प्रतिशत से कम अंक थे तो उन्होंने पीजी के लेवल पर पीटीईटी परीक्षा देकर बीएड की थी, लेकिन अब उन्हें रीट में इन अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किया जा रहा है।
2012की भर्ती में शामिल किया तो अब क्यूं नहीं?
2009-10के बाद एमए के आधार पर बीएड करने वाले अभ्यर्थियों को सरकार ने आरटेट 2011 2012 की परीक्षा में शामिल किया था। इसके बाद इनमें से ज्यादातर अभ्यर्थियों आरटेट पास भी कर लिया था। इस परीक्षा में पास होने के बाद हजारों अभ्यर्थी 2012 में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हुए थे। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब 2012 की भर्ती परीक्षा में एमए के आधार पर बीएड करने वाले अभ्यर्थियों को शामिल किया गया है तो रीट में क्यूं नहीं किया जा रहा है, जबकि आरटेट का नाम बदलकर ही इस बार रीट किया गया है।
शिक्षकभर्ती में चयनितों को नियुक्ति भी नहीं दी : 2012में एमए के आधार पर बीएड करने वाले अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में चयन भी हुअा था। इन चयनित अभ्यर्थियों को अब तक नियुक्ति नहीं दी है, जबकि इन अभ्यर्थियों के आरटेट में 60 प्रतिशत से अधिक और एमए में भी 50 प्रतिशत अंक प्राप्त है। इसके बाद भी सरकार द्वारा इन चयनित अभ्यर्थियों को तो पोस्टिंग दी जा रही है और ही उन्हें रीट में शामिल किया जा रहा है।
2009-10में बनाया था नियम : सरकारने पीटीईटी में शामिल होने के लिए स्नातक एमए में 50 प्रतिशत अंकों के आधार डिग्री होना अनिवार्य किया था। जिन अभ्यर्थियों के स्नातक में 50 प्रतिशत से कम अंक थे, उन्होंने एमए के आधार पीटीईटी में शामिल किया था। इसके बाद उन्होंने बीएड की डिग्री प्राप्त की थी। 2009-10 से पहले तो स्नातक या एमए में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को भी पीटीईटी में शामिल किया जाता था।
अबतक दो बार आरटेट एक बार रीट हो चुकी है
जानकारीके अनुसार अब तक सरकार की और से दो बार आरटेट का आयोजन किया जा चुका है। साथ ही एक बार रीट का भी आयोजन हो चुका है। अब सरकार फरवरी माह में रीट का आयोजन करा रही है। इसके बाद शिक्षक भर्ती निकाली जाएंगी
^सरकार की और से जारी निर्देशानुसार ही रीट का आयोजन कराया जा रहा है। जो भी सरकार आदेश देंगी उसकी अनुपालना की जाएंगी। -प्रो. बीएल चौधरी, चेयरमैन, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर
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