राजस्थानविश्वविद्यालय और महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के सदस्यों
ने उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी को ज्ञापन भेजकर सितंबर से वेतन नहीं
मिलने तथा प्राचार्य पर अनावश्यक रूप से वेतन रोकने के आरोप लगाते हुए
वेतन दिलवाने की मांग की।
शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के इकाई सहसचिव डॉ. कमलेश रावत के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापन में बताया कि प्राचार्य से व्याख्याताओं ने गत 25 अक्टूबर को वेतन भुगतान की मांग की थी जिस पर प्राचार्य जैन ने वेतन नियमन कार्य पूर्ण नहीं हो पाने के कारण वेतन देने में असमर्थता व्यक्त की। जब प्राचार्य जैन को बताया गया कि 45 शिक्षकों के वेतन नियमन का कार्य पूरा हो चुका है तो प्राचार्य ने शीघ्र वेतन भुगतान का आश्वासन दिया लेकिन वेतन आज तक नहीं दिया और अगले दिन सभी शिक्षकों से 50 रुपए के स्टांप पर वेतन नियमन का स्टांप सत्यापित करवाकर देने को कहा। व्याख्याताओं ने स्टांप सत्यापित करवाकर दे दिए लेकिन फिर भी प्राचार्य जैन ने वेतन भुगतान के प्रयास नहीं किए। व्याख्याताओं ने आरोप लगाया कि 27 अक्टूबर को सितंबर माह का बिल ट्रेजरी को प्रेषित कर दिया गया था और वो पास भी हो चुका था लेकिन प्राचार्य जैन 29 अक्टूबर को सहायक लेखाधिकारी के आवास पर जाकर बिल वापिस ले आए।
शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के इकाई सहसचिव डॉ. कमलेश रावत के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापन में बताया कि प्राचार्य से व्याख्याताओं ने गत 25 अक्टूबर को वेतन भुगतान की मांग की थी जिस पर प्राचार्य जैन ने वेतन नियमन कार्य पूर्ण नहीं हो पाने के कारण वेतन देने में असमर्थता व्यक्त की। जब प्राचार्य जैन को बताया गया कि 45 शिक्षकों के वेतन नियमन का कार्य पूरा हो चुका है तो प्राचार्य ने शीघ्र वेतन भुगतान का आश्वासन दिया लेकिन वेतन आज तक नहीं दिया और अगले दिन सभी शिक्षकों से 50 रुपए के स्टांप पर वेतन नियमन का स्टांप सत्यापित करवाकर देने को कहा। व्याख्याताओं ने स्टांप सत्यापित करवाकर दे दिए लेकिन फिर भी प्राचार्य जैन ने वेतन भुगतान के प्रयास नहीं किए। व्याख्याताओं ने आरोप लगाया कि 27 अक्टूबर को सितंबर माह का बिल ट्रेजरी को प्रेषित कर दिया गया था और वो पास भी हो चुका था लेकिन प्राचार्य जैन 29 अक्टूबर को सहायक लेखाधिकारी के आवास पर जाकर बिल वापिस ले आए।
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