भास्कर संवाददाता | सीकर/झुंझुनूं प्रारंभिक शिक्षा विभाग में नव चयनित थर्ड ग्रेड शिक्षकों के 7,500 पदों
पर पदस्थापन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
इसके बाद भी राज्य की प्राथमिक-उच्च प्राथमिक स्कूलों में 63,600 शिक्षकों के पद खाली रहेंगे। गांव-ढाणी की स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली होने से बच्चे सरकारी स्कूलों से दूरी बना रहे हैं।
नया शिक्षा सत्र शुरू हो गया है लेकिन प्राथमिक-उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 36 फीसदी पद अभी भी खाली है। ऐसे में अभिभावक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में अपने बच्चों को प्रवेश नहीं दिला रहे हैं। वहीं छात्र संख्या घटने से कम नामांकन वाले स्कूल एकीकरण की परिधि में रहे हैं।
पिछले तीन सालों में सरकार ने 17 हजार प्राथमिक-उच्च प्राथमिक स्कूलों को पास ही के स्कूल में मर्ज कर उनका अस्तित्व खत्म कर दिया है। वर्तमान में राज्य सरकार का पूरा फोकस माध्यमिक सेटअप की स्कूलों पर है। माध्यमिक सेटअप में नई भर्ती और डीपीसी से रिक्त पदों को भरने की कवायद चल रही है।
राज्य के प्रा. शिक्षा विभाग में लगभग 49,500 प्राथमिक-उच्च प्राथमिक स्कूल हैं। डेढ़ हजार स्कूल शिक्षक विहीन है। आठ हजार स्कूल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। पिछले माह हुए छह डी में चयनित शिक्षकों के सेटअप परिवर्तन के बाद अब ग्रेड थर्ड से ग्रेड सैकंड शिक्षक पदोन्नति से ऐसे स्कूलों की संख्या में और इजाफा होगा। 2017-18 की डीपीसी में लगभग 7 हजार ग्रेड थर्ड शिक्षकों को सैकंड में पदोन्नत किया जाएगा। ऐसे में प्रारंभिक सेटअप में थर्ड ग्रेड शिक्षकों के पद और कम हो जाएंगे।
थर्ड ग्रेड टीचर्स
50000
सैकंडग्रेड टीचर्स
9,800
शारीरिकशिक्षक
3800
इसके बाद भी राज्य की प्राथमिक-उच्च प्राथमिक स्कूलों में 63,600 शिक्षकों के पद खाली रहेंगे। गांव-ढाणी की स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली होने से बच्चे सरकारी स्कूलों से दूरी बना रहे हैं।
नया शिक्षा सत्र शुरू हो गया है लेकिन प्राथमिक-उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 36 फीसदी पद अभी भी खाली है। ऐसे में अभिभावक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में अपने बच्चों को प्रवेश नहीं दिला रहे हैं। वहीं छात्र संख्या घटने से कम नामांकन वाले स्कूल एकीकरण की परिधि में रहे हैं।
पिछले तीन सालों में सरकार ने 17 हजार प्राथमिक-उच्च प्राथमिक स्कूलों को पास ही के स्कूल में मर्ज कर उनका अस्तित्व खत्म कर दिया है। वर्तमान में राज्य सरकार का पूरा फोकस माध्यमिक सेटअप की स्कूलों पर है। माध्यमिक सेटअप में नई भर्ती और डीपीसी से रिक्त पदों को भरने की कवायद चल रही है।
राज्य के प्रा. शिक्षा विभाग में लगभग 49,500 प्राथमिक-उच्च प्राथमिक स्कूल हैं। डेढ़ हजार स्कूल शिक्षक विहीन है। आठ हजार स्कूल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। पिछले माह हुए छह डी में चयनित शिक्षकों के सेटअप परिवर्तन के बाद अब ग्रेड थर्ड से ग्रेड सैकंड शिक्षक पदोन्नति से ऐसे स्कूलों की संख्या में और इजाफा होगा। 2017-18 की डीपीसी में लगभग 7 हजार ग्रेड थर्ड शिक्षकों को सैकंड में पदोन्नत किया जाएगा। ऐसे में प्रारंभिक सेटअप में थर्ड ग्रेड शिक्षकों के पद और कम हो जाएंगे।
थर्ड ग्रेड टीचर्स
50000
सैकंडग्रेड टीचर्स
9,800
शारीरिकशिक्षक
3800
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