स्कूल से कॉलेज तक शिक्षा में भर्ती का हाल- ग्रेड थर्ड टीचर भर्ती का
रिजल्ट बदला, कॉलेज लेक्चरर्स के 29 में से सिर्फ 5 विषयों के कर पाए
साक्षात्कार
ग्रेडथर्ड टीचर भर्ती-2013 के संशोधित परिणाम को लेकर विवाद हो गया है। 4 साल बाद इस भर्ती के पूरी होने की आस जागी थी, लेकिन पिछले दिनों जारी हुई कटऑफ ने कई अभ्यर्थियों के नौकरी के सपने तोड़ दिए। इस भर्ती की दो साल पहले 2015 में जारी हुई कटऑफ और इस बार जारी हुई संशोधित कटऑफ में कई जिलों में भारी अंतर गया। इससे ये अभ्यर्थी मेरिट से बाहर हो गए। इसमें ऐसे अभ्यर्थियों की भी कमी नहीं है जो पहले मेरिट में शामिल थे, आरटेट में 60 फीसदी से कम अंकों के कारण नौकरी नहीं लग सके थे। नई कटऑफ के बाद वे भर्ती से बाहर हो गए। अभ्यर्थियों का कहना है कि कई ऐसे अभ्यर्थी पहले ही नौकरी लग चुके हैं जिनके आज की कटऑफ से कम अंक है। हम उन अभ्यर्थियों से अधिक अंक प्राप्त करने के बावजूद नौकरी से वंचित हो रहे हैं। ऐसे अभ्यर्थियों ने अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मेरिट में अंतर रिजर्व केटेगरियों में अधिक आया है।
आरएएस-16 बाद की भर्ती, साक्षात्कार पहले
अभ्यर्थियोंका आरोप है कि आरएएस 2016 बाद की भर्ती है, लेकिन आयोग ने इसके साक्षात्कार को प्राथमिकता दी। कॉलेज लेक्चरर के साक्षात्कार की ओर कोई ध्यान ही नहीं है। जबकि आयोग ने कॉलेज लेक्चरर प्रतियोगी परीक्षा का ऑनलाइन आयोजन किया था। इसका मतलब था कि जल्द भर्ती प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए। लेकिन आयोग ने ऐसा नहीं किया।
आरपीएससी अध्यक्ष बोले- जल्द कराएंगे साक्षात्कार
कॉलेजलेक्चरर प्रतियोगी परीक्षा 2016 के शेष विषयों के साक्षात्कार आयोग जल्द कराएगा। अभी आयोग आरएएस 2016 के साक्षात्कार में लग गया था। अब इस मामले में देखें आगे क्या रहता है। -श्यामसुंदर शर्मा, अध्यक्ष,आरपीएससी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जागी उम्मीद ऐसे टूटी
अक्टूबर2016 में सुप्रीम कोर्ट ने आरटेट में अंकों की छूट के सरकार के निर्णय को सही ठहरा दिया। इस बीच पहले से ही कुछ सवालों को लेकर कई जिलों में चले विवाद में कई अभ्यर्थी कोर्ट चले गए। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से पहले ही कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने आपत्तियों जांच कर कोर्ट को रिपोर्ट दी। तब यह संशोधित परिणाम जारी हुआ है। इस परिणाम की कटऑफ भी बदल गई। जो पहले मेरिट में थे वे मेरिट से बाहर हो गए।
पंचायतीराज विभाग का काम केवल परीक्षा की मॉनिटरिंग करना है। रिजल्ट एजेंसी से तैयार कराकर जिला परिषदों को दे दिया गया था। कटऑफ में अंतर क्यों आया। यह संबंधित जिला परिषद वाले ही बता सकते हैं। हमारे पास इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
-मेघराजसिंह र|ू, उपायुक्त(प्रशिक्षण), पंचायतीराज विभाग
ग्रेड थर्ड टीचर भर्ती 2013 में 20 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। इस भर्ती के समय आरटेट में अंकों की छूट का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन था। हाईकोर्ट में 60 फीसदी से कम अंक वालों को शिक्षक भर्ती में शामिल होने के लिए अयोग्य करार दे दिया था। सरकार सुप्रीम कोर्ट गई, क्योंकि सरकार ने अलग-अलग केटेगरियों में आरटेट की योग्यता में 5 से 20% तक की छूट दे दी थी। सरकार ने परिणाम तैयार करके आरटेट में 60% से अधिक अंक वाले 11,569 अभ्यर्थियों को नौकरी दे दी थी। सरकार का मानना था कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय चाहे जो आए, आरटेट में 60 फीसदी से अधिक अंक वालों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
प्रदेश में स्कूल से लेकर कॉलेज शिक्षा तक भर्तियां अटकी हुई हैं। ग्रेड थर्ड के टीचर्स का कटऑफ बदलने से मेरिट बदल गई और कालेज लेक्चरर्स की भर्ती परीक्षा के 3 साल बाद भी 29 विषयों में से केवल 5 विषयों के साक्षात्कार हो पाए हैं। भास्कर रिपोर्ट...
यह है मामला
विषय पदों की संख्या
अंग्रेजीसाहित्य 93
भूगोल 100
हिंदी साहित्य 69
इतिहास 94
पुस्तकालय विज्ञान 01
राजनीति विज्ञान 94
लोक प्रशासन 18
संस्कृत 67
सिंधी 01
समाज शास्त्र 37
वनस्पति शास्त्र 74
रसायन शास्त्र 97
कंप्यूटर विज्ञान 08
भौतिक शास्त्र 61
प्राणी शास्त्र 83
लेखा-सांख्यिकी 45
आर्थिक प्र.-वित्तीय प्रबंध 69
वस्त्र की रंगाई एवं छपाई 01
भू गर्भ शास्त्र 05
चित्रकला 08
विधि 86
संगीत वाद्य 01
संगीत कंठ 08
फारसी 01
इनके साक्षात्कार बाकी
अभ्यर्थियोंके मुताबिक आयोग ने दो महीने में केवल छोटे-छोटे पदों वाले विषयों के ही साक्षात्कार किए हैं, जबकि उन महत्वपूर्ण विषयों की ओर ध्यान नहीं दे रहा जिनमें पद और अभ्यर्थियों की संख्या अधिक हैं।
मेरिट वाले इस तरह भर्ती से बाहर हो गए
एसटी वर्ग के सूर्य कुमार को जोधपुर जिले से विज्ञान-गणित की परीक्षा में 113.25 मार्क्स मिले थे। कटऑफ 112.79 थी। आरटेट में 60% से कम अंक के कारण नियुक्ति नहीं मिली। नौकरी की पूरी आस थी, नई कटऑफ 113.84 हो गई और वह भर्ती से बाहर हो गया।
चित्तौडगढ़ से लेवल सेकंड (सामाजिक अध्ययन) से आवेदक एसटी वर्ग के महेंद्र के 166.06 मार्क्स थे। कटऑफ 159.54 थी। आरटेट में 60% से कम अंक होने के कारण मेरिट में आने के बावजूद नौकरी नहीं मिली। संशोधित परिणाम में अंक 163.38 हो गए। कटऑफ 170.37 हुई। महेंद्र बाहर हो गया।
जालौर से ग्रेड फर्स्ट लेवल का आवेदन करने वाली एसटी वर्ग की सुनीता के परीक्षा में 135.12 अंक आए। वर्ष 2015 में जारी कटऑफ 105.35 के आधार पर मेरिट में थी, लेकिन आरटेट में 60 फीसदी से कम अंक होने के कारण नियुक्ति नहीं मिली। अब 2017 में संशोधित परिणाम के बाद इस जिले में महिला एसटी वर्ग की कटऑफ 137.92 हो गई। इससे सुनीता मेरिट से ही बाहर हो गई।
ग्रेडथर्ड टीचर भर्ती-2013 के संशोधित परिणाम को लेकर विवाद हो गया है। 4 साल बाद इस भर्ती के पूरी होने की आस जागी थी, लेकिन पिछले दिनों जारी हुई कटऑफ ने कई अभ्यर्थियों के नौकरी के सपने तोड़ दिए। इस भर्ती की दो साल पहले 2015 में जारी हुई कटऑफ और इस बार जारी हुई संशोधित कटऑफ में कई जिलों में भारी अंतर गया। इससे ये अभ्यर्थी मेरिट से बाहर हो गए। इसमें ऐसे अभ्यर्थियों की भी कमी नहीं है जो पहले मेरिट में शामिल थे, आरटेट में 60 फीसदी से कम अंकों के कारण नौकरी नहीं लग सके थे। नई कटऑफ के बाद वे भर्ती से बाहर हो गए। अभ्यर्थियों का कहना है कि कई ऐसे अभ्यर्थी पहले ही नौकरी लग चुके हैं जिनके आज की कटऑफ से कम अंक है। हम उन अभ्यर्थियों से अधिक अंक प्राप्त करने के बावजूद नौकरी से वंचित हो रहे हैं। ऐसे अभ्यर्थियों ने अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मेरिट में अंतर रिजर्व केटेगरियों में अधिक आया है।
आरएएस-16 बाद की भर्ती, साक्षात्कार पहले
अभ्यर्थियोंका आरोप है कि आरएएस 2016 बाद की भर्ती है, लेकिन आयोग ने इसके साक्षात्कार को प्राथमिकता दी। कॉलेज लेक्चरर के साक्षात्कार की ओर कोई ध्यान ही नहीं है। जबकि आयोग ने कॉलेज लेक्चरर प्रतियोगी परीक्षा का ऑनलाइन आयोजन किया था। इसका मतलब था कि जल्द भर्ती प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए। लेकिन आयोग ने ऐसा नहीं किया।
आरपीएससी अध्यक्ष बोले- जल्द कराएंगे साक्षात्कार
कॉलेजलेक्चरर प्रतियोगी परीक्षा 2016 के शेष विषयों के साक्षात्कार आयोग जल्द कराएगा। अभी आयोग आरएएस 2016 के साक्षात्कार में लग गया था। अब इस मामले में देखें आगे क्या रहता है। -श्यामसुंदर शर्मा, अध्यक्ष,आरपीएससी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जागी उम्मीद ऐसे टूटी
अक्टूबर2016 में सुप्रीम कोर्ट ने आरटेट में अंकों की छूट के सरकार के निर्णय को सही ठहरा दिया। इस बीच पहले से ही कुछ सवालों को लेकर कई जिलों में चले विवाद में कई अभ्यर्थी कोर्ट चले गए। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से पहले ही कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने आपत्तियों जांच कर कोर्ट को रिपोर्ट दी। तब यह संशोधित परिणाम जारी हुआ है। इस परिणाम की कटऑफ भी बदल गई। जो पहले मेरिट में थे वे मेरिट से बाहर हो गए।
पंचायतीराज विभाग का काम केवल परीक्षा की मॉनिटरिंग करना है। रिजल्ट एजेंसी से तैयार कराकर जिला परिषदों को दे दिया गया था। कटऑफ में अंतर क्यों आया। यह संबंधित जिला परिषद वाले ही बता सकते हैं। हमारे पास इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
-मेघराजसिंह र|ू, उपायुक्त(प्रशिक्षण), पंचायतीराज विभाग
ग्रेड थर्ड टीचर भर्ती 2013 में 20 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। इस भर्ती के समय आरटेट में अंकों की छूट का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन था। हाईकोर्ट में 60 फीसदी से कम अंक वालों को शिक्षक भर्ती में शामिल होने के लिए अयोग्य करार दे दिया था। सरकार सुप्रीम कोर्ट गई, क्योंकि सरकार ने अलग-अलग केटेगरियों में आरटेट की योग्यता में 5 से 20% तक की छूट दे दी थी। सरकार ने परिणाम तैयार करके आरटेट में 60% से अधिक अंक वाले 11,569 अभ्यर्थियों को नौकरी दे दी थी। सरकार का मानना था कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय चाहे जो आए, आरटेट में 60 फीसदी से अधिक अंक वालों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
प्रदेश में स्कूल से लेकर कॉलेज शिक्षा तक भर्तियां अटकी हुई हैं। ग्रेड थर्ड के टीचर्स का कटऑफ बदलने से मेरिट बदल गई और कालेज लेक्चरर्स की भर्ती परीक्षा के 3 साल बाद भी 29 विषयों में से केवल 5 विषयों के साक्षात्कार हो पाए हैं। भास्कर रिपोर्ट...
यह है मामला
विषय पदों की संख्या
अंग्रेजीसाहित्य 93
भूगोल 100
हिंदी साहित्य 69
इतिहास 94
पुस्तकालय विज्ञान 01
राजनीति विज्ञान 94
लोक प्रशासन 18
संस्कृत 67
सिंधी 01
समाज शास्त्र 37
वनस्पति शास्त्र 74
रसायन शास्त्र 97
कंप्यूटर विज्ञान 08
भौतिक शास्त्र 61
प्राणी शास्त्र 83
लेखा-सांख्यिकी 45
आर्थिक प्र.-वित्तीय प्रबंध 69
वस्त्र की रंगाई एवं छपाई 01
भू गर्भ शास्त्र 05
चित्रकला 08
विधि 86
संगीत वाद्य 01
संगीत कंठ 08
फारसी 01
इनके साक्षात्कार बाकी
अभ्यर्थियोंके मुताबिक आयोग ने दो महीने में केवल छोटे-छोटे पदों वाले विषयों के ही साक्षात्कार किए हैं, जबकि उन महत्वपूर्ण विषयों की ओर ध्यान नहीं दे रहा जिनमें पद और अभ्यर्थियों की संख्या अधिक हैं।
मेरिट वाले इस तरह भर्ती से बाहर हो गए
एसटी वर्ग के सूर्य कुमार को जोधपुर जिले से विज्ञान-गणित की परीक्षा में 113.25 मार्क्स मिले थे। कटऑफ 112.79 थी। आरटेट में 60% से कम अंक के कारण नियुक्ति नहीं मिली। नौकरी की पूरी आस थी, नई कटऑफ 113.84 हो गई और वह भर्ती से बाहर हो गया।
चित्तौडगढ़ से लेवल सेकंड (सामाजिक अध्ययन) से आवेदक एसटी वर्ग के महेंद्र के 166.06 मार्क्स थे। कटऑफ 159.54 थी। आरटेट में 60% से कम अंक होने के कारण मेरिट में आने के बावजूद नौकरी नहीं मिली। संशोधित परिणाम में अंक 163.38 हो गए। कटऑफ 170.37 हुई। महेंद्र बाहर हो गया।
जालौर से ग्रेड फर्स्ट लेवल का आवेदन करने वाली एसटी वर्ग की सुनीता के परीक्षा में 135.12 अंक आए। वर्ष 2015 में जारी कटऑफ 105.35 के आधार पर मेरिट में थी, लेकिन आरटेट में 60 फीसदी से कम अंक होने के कारण नियुक्ति नहीं मिली। अब 2017 में संशोधित परिणाम के बाद इस जिले में महिला एसटी वर्ग की कटऑफ 137.92 हो गई। इससे सुनीता मेरिट से ही बाहर हो गई।
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