भास्कर संवाददाता|श्रीगंगानगर पंचायतीराज विभाग ने गुरुवार को श्रीगंगानगर ब्लाॅक के 17 शिक्षकों को
नियुक्ति पत्र दिया। पंचायत समिति भवन में अधिकारियों ने अभ्यर्थियों को
नियुक्ति पत्र दिए। नियुक्ति पत्र हाथ में आते ही अभ्यर्थियों के चेहरे खिल
उठे।
उनका कहना था कि पिछले 5 सालों से वह इस दिन का इंतजार कर रहे थे। जानकारी के अनुसार साल 2012 में ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती निकाली गई थी, लेकिन इसमें आरपीएससी में कम नंबर लाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर 98 अभ्यर्थियों की बीते दिनों काउंसलिंग हुई थी, इसमें श्रीगंगानगर ब्लाॅक को 17 शिक्षक मिले थे। इन शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सुबह पंचायत समिति में बैठक की गई। इसके बाद शाम 5:30 बजे अधिकारियों ने अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र जारी कर दिए। इस दौरान पंचायत समिति प्रधान पुरुषोत्तम सिंह बराड़, ब्लाक विकास अधिकारी गुरतेज सिंह, बीईईओ गंगानगर रणवीर सिंह मौजूद रहे।
पंचायती राज विभाग द्वारा वर्ष 2012 में निकाली गई ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती निकाली गई थी। टीईटी और आरपीएससी में आए नंबर के आधार पर इनका चयन किया गया था। लेकिन विभाग ने आरपीएससी में कम नंबर लाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने से इनकार कर दिया था। इन अभ्यर्थियों के आरपीएससी में तो कम नंबर थे, लेकिन टीईटी में 60 फीसदी से ज्यादा नंबर थे। इसके बाद इन अभ्यर्थियों ने कोर्ट की शरण ली थी, फिर न्यायालय के आदेश पर 2 मई 2017 को इनकी काउंसलिंग कराई गई थी।
उनका कहना था कि पिछले 5 सालों से वह इस दिन का इंतजार कर रहे थे। जानकारी के अनुसार साल 2012 में ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती निकाली गई थी, लेकिन इसमें आरपीएससी में कम नंबर लाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर 98 अभ्यर्थियों की बीते दिनों काउंसलिंग हुई थी, इसमें श्रीगंगानगर ब्लाॅक को 17 शिक्षक मिले थे। इन शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सुबह पंचायत समिति में बैठक की गई। इसके बाद शाम 5:30 बजे अधिकारियों ने अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र जारी कर दिए। इस दौरान पंचायत समिति प्रधान पुरुषोत्तम सिंह बराड़, ब्लाक विकास अधिकारी गुरतेज सिंह, बीईईओ गंगानगर रणवीर सिंह मौजूद रहे।
पंचायती राज विभाग द्वारा वर्ष 2012 में निकाली गई ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती निकाली गई थी। टीईटी और आरपीएससी में आए नंबर के आधार पर इनका चयन किया गया था। लेकिन विभाग ने आरपीएससी में कम नंबर लाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने से इनकार कर दिया था। इन अभ्यर्थियों के आरपीएससी में तो कम नंबर थे, लेकिन टीईटी में 60 फीसदी से ज्यादा नंबर थे। इसके बाद इन अभ्यर्थियों ने कोर्ट की शरण ली थी, फिर न्यायालय के आदेश पर 2 मई 2017 को इनकी काउंसलिंग कराई गई थी।
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