जयपुर| सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा
सप्ताह के बाद प्रदेश के शिक्षकों को सड़क सुरक्षा पर प्रशिक्षण देने जा
रहा है। प्रशिक्षण का पहला बेच 11 फरवरी से शुरू होगा। इसमें जोधपुर, पाली,
अजमेर, टोंक, कोटा, राजसमंद, सिरोही, डूंगरपुर, बारां जिलों के कुल 215
शिक्षक भाग लेंगे।
प्रशिक्षण के पहले दिन सड़क उपयोगकर्ता के व्यवहार, अनुशासन, सम्मान के बारे में चर्चा की गई। भारत और विदेशों के सड़क उपयोगकर्ता की संस्कृति में अंतर को स्पष्ट करते हुए वीडियो के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं के कारणों को प्रदर्शित किया गया। दुर्घटनाओं को रोकने में शिक्षकों की विशेष भूमिका पर भी चर्चा की जाएगी। ताकि भविष्य में आदर्श सड़क उपयोगकर्ता तैयार हो सकें। प्रशिक्षण का आयोजन 2016-17 के अन्तर्गत सेंटर फोर रोड सेफ्टी, सरदार पटेल पुलिस विश्वविद्यालय, जोधपुर एवं शिक्षा विभाग के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ की उपायुक्त एवं प्रभारी निधि सिंह ने बताया कि वर्ष 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सरकारी विद्यालयों के शिक्षक “सड़क सुरक्षा” विषय में प्रशिक्षक के रूप में तैयार होंगे, जो विद्यार्थियों को जागरूक करेंगे। शिक्षा विभाग ने भी विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए कक्षा 6 से 10 तक के पाठ्यक्रम में इस विषय को सम्मिलित किया है। सेंटर फॉर रोड सेफ्टी की सेंटर कोऑर्डिनेटर प्रेरणा सिंह ने बताया कि प्रतिभागियों को वाहन तकनीक, मोटर वाहन अधिनियम, लाइसेंस प्रणाली, सड़क दुर्घटना में न्यूरो एवं मस्तिष्क से संबंधित समस्याओं और दुर्घटना के बाद प्राथमिक सहायता एवं सीपीआर जैसे विषयों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी जा रही है।
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प्रशिक्षण के पहले दिन सड़क उपयोगकर्ता के व्यवहार, अनुशासन, सम्मान के बारे में चर्चा की गई। भारत और विदेशों के सड़क उपयोगकर्ता की संस्कृति में अंतर को स्पष्ट करते हुए वीडियो के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं के कारणों को प्रदर्शित किया गया। दुर्घटनाओं को रोकने में शिक्षकों की विशेष भूमिका पर भी चर्चा की जाएगी। ताकि भविष्य में आदर्श सड़क उपयोगकर्ता तैयार हो सकें। प्रशिक्षण का आयोजन 2016-17 के अन्तर्गत सेंटर फोर रोड सेफ्टी, सरदार पटेल पुलिस विश्वविद्यालय, जोधपुर एवं शिक्षा विभाग के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ की उपायुक्त एवं प्रभारी निधि सिंह ने बताया कि वर्ष 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सरकारी विद्यालयों के शिक्षक “सड़क सुरक्षा” विषय में प्रशिक्षक के रूप में तैयार होंगे, जो विद्यार्थियों को जागरूक करेंगे। शिक्षा विभाग ने भी विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए कक्षा 6 से 10 तक के पाठ्यक्रम में इस विषय को सम्मिलित किया है। सेंटर फॉर रोड सेफ्टी की सेंटर कोऑर्डिनेटर प्रेरणा सिंह ने बताया कि प्रतिभागियों को वाहन तकनीक, मोटर वाहन अधिनियम, लाइसेंस प्रणाली, सड़क दुर्घटना में न्यूरो एवं मस्तिष्क से संबंधित समस्याओं और दुर्घटना के बाद प्राथमिक सहायता एवं सीपीआर जैसे विषयों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी जा रही है।
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