जयपुर।मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट
की बैठक में कई अहम फैसले किए गए। इसमें मुख्य रूप से प्राइवेट स्कूलों की
फीस के संबंध में चल रहे विवाद पर भी लगाम लगाने का फैसला शामिल है। इसके
अलावा प्राकृतिक चिकित्सकों की भर्ती का भी रास्ता साफ कर दिया गया है।ये हैं कैबिनेट के प्रमुख फैसले...
- सभी प्राइवेट स्कूलों में पेरेंट टीचर एसोसिएशन बनेगी। पढ़ाई के स्टैंडर्ड के हिसाब से तय होगी फीस।
- एसडीएम कोर्ट जाएंगे यदि कोई विवाद होता है तो। यदि इसमें भी तय नहीं होता है तो शिक्षा मंत्री की कमेटी।
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छोटे-छोटे सेवा नियमों के ज्यादातर एंजेडों को लेकर मंथन किया गया। बैठक
में 15 से ज्यादा एजेंडों पर विचार विर्मश किया गया। इसमें सबसे ज्यादा
एजेंडे यूडीएच विभाग के रहे। इस बैठक में यूडीएच के अलावा वित्त, कार्मिक,
गृह और संसदीय कार्यविभाग के एजेंडे चर्चा की गई।
- प्राकृतिक चिकित्सा सेवा अधिनियम में भी संशोधन किया गया। इस क्षेत्र में अब भर्ती के रास्ते खोले गए है।
- प्राकृतिक चिकित्सा के अधिकारियों की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा। इसे मंजूरी दे दी गई है।
- जालौर के राजकीय पीजी कॉलेज का नाम बदल कर अब वीर ब्राह्मण राजकीय स्नातकोत्र महाविद्यालय कर दिया गया।
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देश के बड़े नामी अस्पतालों में शुमार अपोलो अस्पताल को जयपुर विकास
प्राधिकरण (जेडीए) करीब 12500 वर्गमीटर जमीन आवंटित करेगा। ये जमीन जयपुर
के सबसे पॉश इलाका माने जाने वाले वैशाली नगर चित्रकूट में दी जाएगी।
- आरपीएससी के सदस्यों को या तो सरकारी मकान दिया जाएगा, या हाउस रैंट अलाउंस दिया जाएगा।
- राज्य सरकार के सचिव स्तर के अधिकारियों के बराबर होगा इसका अलाउंस।
- 235 विनियोग विनयम विधेयकों को हटा दिया गया है। अब कैबिनेट में इसे मंजूरी दी गई।
जीएसटी के कारण केंद्र का बजट 1 फरवरी को पेश हो सकता है।
- ऐसे में राजस्थान में विधानसभा का बजट सत्र जल्द शुरू होगा।
- राज्य सरकार के सचिव स्तर के अधिकारियों के बराबर होगा इसका अलाउंस।
- 235 विनियोग विनयम विधेयकों को हटा दिया गया है। अब कैबिनेट में इसे मंजूरी दी गई।
जीएसटी के कारण केंद्र का बजट 1 फरवरी को पेश हो सकता है।
- ऐसे में राजस्थान में विधानसभा का बजट सत्र जल्द शुरू होगा।
जमीनों के रूपांतरण के मामले के मामले
- मकान, दुकान और लैंड कन्वर्जन के मामलों के संबंध में शिविरों को स्थगित कर दिया गया है हाईकोर्ट के फैसले के बाद।
- सोमवार को हुई बैठक में विद्यार्थी मित्रों को शाला सहायक बनाने पर विचार होने की संभावना थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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