जयपुर।राजस्थान हाईकोर्ट ने अंग्रेजी विषय के तृतीय
श्रेणी (लेवल द्वितीय) भर्ती 2016 के मामले में एकलपीठ के सात नवंबर 2016
के उस आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है जिसके अनुसार भर्ती के लिए
बीए और बीएड में अंग्रेजी विषय होने को अनिवार्य माना था। न्यायाधीश केएस
झवेरी व दिनेश मेहता की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश सोमवार को शेरसिंह की
अपील पर दिया। जानिए इसके बारे में और क्या है खास ...
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अपील में कहा कि आरटीई एक्ट में भाषा शिक्षक के लिए उन्हें ही लगाने के
लिए कहा है जिनके रीट में साठ प्रतिशत अंक हैं और रीट के अंकों के आधार पर
ही मेरिट बनती है।
- ऐसे में एकलपीठ के आदेश का कोई औचित्य नहीं है। अपीलार्थी पक्ष की दलीलों को सुनकर अदालत ने एकलपीठ के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी।
- गौरतलब है कि एकलपीठ ने दिनेश सिंह व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सात नवंबर को निर्णय दिया था कि अंग्रेजी विषय के तृतीय श्रेणी अध्यापक पद की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थी के पास बीए व बीएड में अंग्रेजी विषय होना जरूरी है।
- इस मामले में दिनेश सिंह व अन्य ने राज्य सरकार के छह जुलाई 2016 के शिक्षक भर्ती विज्ञापन की उस शर्त को चुनौती दी थी जिसमें कहा था कि जो अभ्यर्थी जिस विषय के लिए आवेदन कर रहा है वह विषय उसके पास रीट में होना जरूरी है।
- प्रार्थियों का कहना था कि संबंधित विषय के शिक्षक पद पर उसी अभ्यर्थी को नियुक्ति दी जाए जिसके पास बीए व बीएड में वह विषय रहा हो।
- ऐसे में एकलपीठ के आदेश का कोई औचित्य नहीं है। अपीलार्थी पक्ष की दलीलों को सुनकर अदालत ने एकलपीठ के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी।
- गौरतलब है कि एकलपीठ ने दिनेश सिंह व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सात नवंबर को निर्णय दिया था कि अंग्रेजी विषय के तृतीय श्रेणी अध्यापक पद की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थी के पास बीए व बीएड में अंग्रेजी विषय होना जरूरी है।
- इस मामले में दिनेश सिंह व अन्य ने राज्य सरकार के छह जुलाई 2016 के शिक्षक भर्ती विज्ञापन की उस शर्त को चुनौती दी थी जिसमें कहा था कि जो अभ्यर्थी जिस विषय के लिए आवेदन कर रहा है वह विषय उसके पास रीट में होना जरूरी है।
- प्रार्थियों का कहना था कि संबंधित विषय के शिक्षक पद पर उसी अभ्यर्थी को नियुक्ति दी जाए जिसके पास बीए व बीएड में वह विषय रहा हो।
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