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Tuesday 20 December 2016

प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन तक शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए 3 बड़ी उम्मीद

जयपुर.राजस्थान यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल की बैठक में सोमवार को कई महत्वपूर्ण फैसले हुए। सबसे बड़ी राहत एमफि‌ल कर चुके छात्रों को दी गई। अब एमफिल कर चुके छात्रों को पीएचडी के लिए प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगी। इसके अलावा बैठक में आरयू में कार्यरत शिक्षकों को छात्रों को पीएचडी कराने के लिए गाइड के रूप में 2 सीटें अलग से देने का फैसला हुआ।
गौरतलब है कि इससे पहले एमफिल कर चुके छात्रों को भी प्रवेश परीक्षा देने का फैसला लिया गया था। इन फैसलों को अंतिम रूप देने के लिए बुधवार को सिंडीकेट बैठक में चर्चा की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि पहले इन प्रस्तावों पर पहले भी सिंडीकेट में भी इस पर चर्चा हुई थी। लेकिन इसे चर्चा के बाद फैसले को रिव्यू के लिए दोबारा एकेडमिक कौंसिल में भेज दिया गया था।
ग्रेड थर्ड (अंग्रेजी): बीएड में अंग्रेजी अनिवार्यता पर रोक
हाईकोर्ट ने अंग्रेजी विषय के ग्रेड थर्ड (लेवल द्वितीय) भर्ती-2016 के मामले में एकलपीठ के 7 नवंबर, 2016 के उस आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है जिसमें भर्ती के लिए बीए और बीएड में अंग्रेजी विषय होने को अनिवार्य माना था। न्यायाधीश केएस झवेरी व दिनेश मेहता की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश सोमवार को शेरसिंह की अपील पर दिया। अपील में कहा गया कि आरटीई एक्ट में भाषा शिक्षक के लिए उन्हें ही लगाने को कहा है जिनके रीट में 60% अंक हैं और रीट के अंकों के आधार पर ही मेरिट बनती है। ऐसे में एकलपीठ के आदेश का कोई औचित्य नहीं है। अपीलार्थी पक्ष की दलीलों को सुनकर अदालत ने एकलपीठ के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी।
एकलपीठ का यह आदेश रोका
एकलपीठ ने दिनेश सिंह व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते 7 नवंबर को निर्णय दिया था कि अंग्रेजी विषय के तृतीय श्रेणी अध्यापक पद की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थी के पास बीए व बीएड में अंग्रेजी विषय होना जरूरी है।
दिनेश सिंह व अन्य ने राज्य सरकार के भर्ती विज्ञापन की उस शर्त को चुनौती दी थी जिसमें कहा था कि जो अभ्यर्थी जिस विषय के लिए आवेदन कर रहा है वह विषय उसके पास रीट में होना जरूरी है। प्रार्थियों का कहना था कि संबंधित विषय के शिक्षक पद पर उसी अभ्यर्थी को नियुक्ति दी जाए जिसके पास बीए व बीएड में वह विषय रहा हो।
और स्कूल : 1000 रिसोर्स पर्सन को भी लेनी होंगी कक्षाएं
प्रदेश के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने नई पहल की है। इसके तहत बीएड प्रशिक्षु के साथ-साथ रिसोर्स पर्सन (आरपी) को भी शिक्षकों का काम करना होगा। आरपी वह शिक्षक होते हैं जो वरिष्ठ अध्यापक श्रेणी में आते हैं।
जिन्हें विभागीय कार्य के अलावा स्कूल निरीक्षण में कक्षा कक्ष का अवलोकन, शिक्षण और एसएमसी सदस्य प्रशिक्षण, एसएसए की अनुदान राशि की मॉनिटरिंग करना, शिक्षा से वंचित बच्चों काे जोड़ने का काम, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नियुक्त किया जाता है।

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