अलवर. सूचना का अधिकार
कानून की सरकारी अधिकारियों को कतई परवाह नहीं है। अलवर जिले के ग्राम सचिव
से अतिरिक्त जिला कलक्टर तक के आला अफसरों ने आम-आदमी की ओर से मांगी गई
सूचना देने के बजाय जुर्माना देने में ही रुचि दिखाई।
बीते वित्त वर्ष की बात करें तो जिले में 20 सरकारी अधिकारियों पर सूचना आयोग ने जुर्माना लगाया। इसके बाद भी अधिकारियों का रवैया बदलने का नाम नहीं ले रहा है।
दरअसल, आरटीआई से आने वाली पारदर्शिता से बचने के लिए विभागीय अधिकारी भ्रामक गलत या आधी अधूरी सूचना दे रहे हैं। कई बार सूचना का अंकन किए बिना ही अधिक राशि की मांग ली जाती है। इन शिकायतों पर राज्य राजस्थान सूचना आयोग ने ऐसे अधिकारियों पर जुर्माना लगाया है।
पिछले एक वर्ष में अलवर जिले में 20 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें आयोग ने सूचना अधिकारियों पर शास्ति लगाई है, जो कि उन्हें जेब से भरनी होती है। आयोग ने अलवर के सूचना अधिकारियों पर एक वित्त वर्ष में ही सवा तीन लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह खुलासा अलवर जिले के आरटीआई कार्यकर्ता दीपेन्द्र आर्य और शिवदयाल यादव की ओर से राज्य सूचना आयोग से ली गई जानकारी के बाद हुआ है।
पंचायती राज विभाग पर सर्वाधिक जुर्माना
अलवर जिले में पंचायती राज विभाग पर सबसे अधिक सात शास्ति लगाई गई है। इसके बाद शिक्षा विभाग पर चार, जेवीएनएल पर तीन, खाद्य आपूर्ति विभाग पर दो, यूआईटी पर एक, नगर परिषद आयुक्त पर एक, पीएचईडी पर एक शास्ति लगाई है। यही नहीं, अलवर जिले के अतिरिक्त जिला कलक्टर को भी सूचना के अधिकार के उल्लंघन पर दंडित होना पड़ा है।
इतना लगा जुर्माना
अधिकारी ......... जुर्माना राशि
बीईओ, उमरैण ......... 25 हजार
डीएसओ, अलवर ......... 25 हजार
ग्रा. सचिव, हसनपुर ......... 15 हजार
डीएसओ, अलवर ......... 10 हजार
सहायक अभियंता ......... 25 हजार
अधीक्षण अभियंता ......... 25 हजार
बीईओ, बानसूर ......... 25 हजार
सीईओ, जिला परिषद ......... 25 हजार
अ. अभियंता, जलदाय ......... 25 हजार
सचिव, यूआईटी ......... 10 हजार
प्रधानाचार्य, खेडा मैदा ......... 25 हजार
सचिव, बलदेवगढ़ ......... 10 हजार
आयुक्त, नगर परिषद ......... 10 हजार
सचिव, गूंती बहरोड़ ......... 05 हजार
सचिव, कान्हावास ......... 05 हजार
सचिव, कोलाहेड़ा ......... 05 हजार
एईएन, विद्युत, खेरली ......... 25 हजार
सचिव सलेटा ......... 05 हजार
डीईओ मा. प्रथम ......... 05 हजार
एडीएम, अलवर ......... 25 हजार
शास्ति लगाना गंभीर
मुक्तानंद अग्रवाल जिला कलक्टर ने बताया कि जिले में सूचना के अधिकार के तहत सूचनाएं नहीं देने पर शास्ति लगना गंभीर मामला है। कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक सूचनाएं मांगता है तो उसे समय पर देनी चाहिए। इसको लेकर विभागों को चेतावनी पत्र भी दिए जाएंगे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
बीते वित्त वर्ष की बात करें तो जिले में 20 सरकारी अधिकारियों पर सूचना आयोग ने जुर्माना लगाया। इसके बाद भी अधिकारियों का रवैया बदलने का नाम नहीं ले रहा है।
दरअसल, आरटीआई से आने वाली पारदर्शिता से बचने के लिए विभागीय अधिकारी भ्रामक गलत या आधी अधूरी सूचना दे रहे हैं। कई बार सूचना का अंकन किए बिना ही अधिक राशि की मांग ली जाती है। इन शिकायतों पर राज्य राजस्थान सूचना आयोग ने ऐसे अधिकारियों पर जुर्माना लगाया है।
पिछले एक वर्ष में अलवर जिले में 20 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें आयोग ने सूचना अधिकारियों पर शास्ति लगाई है, जो कि उन्हें जेब से भरनी होती है। आयोग ने अलवर के सूचना अधिकारियों पर एक वित्त वर्ष में ही सवा तीन लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह खुलासा अलवर जिले के आरटीआई कार्यकर्ता दीपेन्द्र आर्य और शिवदयाल यादव की ओर से राज्य सूचना आयोग से ली गई जानकारी के बाद हुआ है।
पंचायती राज विभाग पर सर्वाधिक जुर्माना
अलवर जिले में पंचायती राज विभाग पर सबसे अधिक सात शास्ति लगाई गई है। इसके बाद शिक्षा विभाग पर चार, जेवीएनएल पर तीन, खाद्य आपूर्ति विभाग पर दो, यूआईटी पर एक, नगर परिषद आयुक्त पर एक, पीएचईडी पर एक शास्ति लगाई है। यही नहीं, अलवर जिले के अतिरिक्त जिला कलक्टर को भी सूचना के अधिकार के उल्लंघन पर दंडित होना पड़ा है।
इतना लगा जुर्माना
अधिकारी ......... जुर्माना राशि
बीईओ, उमरैण ......... 25 हजार
डीएसओ, अलवर ......... 25 हजार
ग्रा. सचिव, हसनपुर ......... 15 हजार
डीएसओ, अलवर ......... 10 हजार
सहायक अभियंता ......... 25 हजार
अधीक्षण अभियंता ......... 25 हजार
बीईओ, बानसूर ......... 25 हजार
सीईओ, जिला परिषद ......... 25 हजार
अ. अभियंता, जलदाय ......... 25 हजार
सचिव, यूआईटी ......... 10 हजार
प्रधानाचार्य, खेडा मैदा ......... 25 हजार
सचिव, बलदेवगढ़ ......... 10 हजार
आयुक्त, नगर परिषद ......... 10 हजार
सचिव, गूंती बहरोड़ ......... 05 हजार
सचिव, कान्हावास ......... 05 हजार
सचिव, कोलाहेड़ा ......... 05 हजार
एईएन, विद्युत, खेरली ......... 25 हजार
सचिव सलेटा ......... 05 हजार
डीईओ मा. प्रथम ......... 05 हजार
एडीएम, अलवर ......... 25 हजार
शास्ति लगाना गंभीर
मुक्तानंद अग्रवाल जिला कलक्टर ने बताया कि जिले में सूचना के अधिकार के तहत सूचनाएं नहीं देने पर शास्ति लगना गंभीर मामला है। कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक सूचनाएं मांगता है तो उसे समय पर देनी चाहिए। इसको लेकर विभागों को चेतावनी पत्र भी दिए जाएंगे।
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