कार्यालय संवाददाता | शाहपुरा राज्यसरकार द्वारा 2012 में जिला परिषदों के माध्यम से लगें करीब 40 हजार
थर्ड शिक्षकों की नियुक्ति के दो साल बाद भी स्थायीकरण नहीं करने से परेशान
हैं। राज्य सरकार ने पंचायतीराज विभाग के मार्फत जिला परिषदों से 40 हजार
शिक्षकों की सीधी भर्ती से की गई थी।
2012 में अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी गई। सरकार ने इस भर्ती में उन अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति दे दी गई जिनके आरटेट परीक्षा में 60 प्रतिशत से भी कम अंक थे। इस दौरान आरटेट परीक्षा का मामला हाईकोर्ट पहुंचा गया। हाईकोर्ट ने आरटेट परीक्षा में न्यूनतम उत्तीर्णांक 60 प्रतिशत में दी गई छूट को अवैध ठहराते 60 प्रतिशत से कम अंक से उत्तीर्ण वाले अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती के योग्य नहीं माना है। लेकिन 2012 की थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती में नियुक्ति हुए शिक्षकों को दो साल का प्रोबेशन पीरियड पूरा होने के बावजूद भी स्थायीकरण नहीं किया गया। इसके चलते इन्हें फिक्स मानदेय पर ही काम करना पड़ रहा है। हाई कोर्ट के एडवोकेट संदीप कलवानिया ने बताया कि आरटेट परीक्षा में न्यूनतम उत्तीर्णांक का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण 2012 2013 की शिक्षक भर्तियां में कानूनी अड़चनें रही है। शिक्षक दिनेश, कमलेश आदि आदि का कहना है कि सरकार को मामले का शीघ्र समाधान करना चाहिए। स्थायीकरण नहीं होने से दूरदराज के क्षेत्र में रहकर अल्प वेतन में ही रहना पड़ता है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
2012 में अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी गई। सरकार ने इस भर्ती में उन अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति दे दी गई जिनके आरटेट परीक्षा में 60 प्रतिशत से भी कम अंक थे। इस दौरान आरटेट परीक्षा का मामला हाईकोर्ट पहुंचा गया। हाईकोर्ट ने आरटेट परीक्षा में न्यूनतम उत्तीर्णांक 60 प्रतिशत में दी गई छूट को अवैध ठहराते 60 प्रतिशत से कम अंक से उत्तीर्ण वाले अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती के योग्य नहीं माना है। लेकिन 2012 की थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती में नियुक्ति हुए शिक्षकों को दो साल का प्रोबेशन पीरियड पूरा होने के बावजूद भी स्थायीकरण नहीं किया गया। इसके चलते इन्हें फिक्स मानदेय पर ही काम करना पड़ रहा है। हाई कोर्ट के एडवोकेट संदीप कलवानिया ने बताया कि आरटेट परीक्षा में न्यूनतम उत्तीर्णांक का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण 2012 2013 की शिक्षक भर्तियां में कानूनी अड़चनें रही है। शिक्षक दिनेश, कमलेश आदि आदि का कहना है कि सरकार को मामले का शीघ्र समाधान करना चाहिए। स्थायीकरण नहीं होने से दूरदराज के क्षेत्र में रहकर अल्प वेतन में ही रहना पड़ता है।
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