जयपुर। राजस्थान के हजारो ग्रामीण डाक सेवको के लिये खुशखबरी है। केन्द्र सरकार
ने गांवो में डाक सेवा प्रदान करने वाले डाकसेवको को भी सातवे वेतन आयोग के
लाभ देने का फैसला कर लिया है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशो के अनुरूप
वेतन देने की मांग कर रहे डाककर्मियों को इस फैसले से लाभ मिल सकेगा।
वित्त मंत्रालय ने ग्रामीण डाक सेवकों की सेवा शर्तों को मंजूरी दे दी है। इसके लिये दीवाली के बाद जीडीएस समिति का गठन किया जाएगा। इसका अध्यक्ष डाक विभाग का सेवानिवृत्त अधिकारी होगा।
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वित्त मंत्रालय ने ग्रामीण डाक सेवकों की सेवा शर्तों को मंजूरी दे दी है। इसके लिये दीवाली के बाद जीडीएस समिति का गठन किया जाएगा। इसका अध्यक्ष डाक विभाग का सेवानिवृत्त अधिकारी होगा।
अखिल भारतीय ग्रामीण डाक
कर्मचारी संघ के मुताबिक वर्तमान में प्रत्येक डाक सेवक को 4500 रुपए से
लेकर 10,000 रुपए तक का मासिक वेतन दिया जा रहा है। जबकि अनुभव के आधार पर
डाक सेवक एक पोस्टमैन के बराबर है और काम भी इनकी तुलना में अधिक है।
संघ के परिमंडल सचिव मालीराम स्वामी ने बताया कि सातवां वेतन आयोग मिलने से न सिर्फ डाक सेवकों को आर्थिक रूप से संबल मिल सकेगा, बल्कि डाक सेवा को गति भी मिलेगी।
क्योंकि काम की एवज में ना तो वेतन दिया जा रहा है और ना ही डाक विभाग की अन्य स्कीम के तहत कोई फायदा। अब जीडीएस समिति के गठन और इसकी रिपोर्ट के बाद ही आगे की नीति तय होगी।
संघ के परिमंडल सचिव मालीराम स्वामी ने बताया कि सातवां वेतन आयोग मिलने से न सिर्फ डाक सेवकों को आर्थिक रूप से संबल मिल सकेगा, बल्कि डाक सेवा को गति भी मिलेगी।
क्योंकि काम की एवज में ना तो वेतन दिया जा रहा है और ना ही डाक विभाग की अन्य स्कीम के तहत कोई फायदा। अब जीडीएस समिति के गठन और इसकी रिपोर्ट के बाद ही आगे की नीति तय होगी।
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