अमेरिका में नौकरी छोड़ RAS बनने की ठानी, पहले ही प्रयास में पाई सफलता
जयपुर. जयपुर डीसीएम अजमेर रोड पर रहने वाले विकास राजपुरोहित ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़कर आरएएस बनने की ठानी और पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त की। राज्य में उन्होंने 6वीं रेंक प्राप्त की है।
उन्होंने 6 साल तक इंफोसिस कंपनी में काम
किया और करीब ढ़ाई साल तक अमेरिका में रहे।
मूल रूप से बाड़मेर के पारलू गांव के रहने वाले
हैं। उन्होंने कहा कि इस नौकरी में सामाजिक
जुड़ाव रहता है और लोगों की मदद से संतुष्टि
मिलती है। जबकि प्राइवेट कंपनी में केवल
भौतिक सुविधाएं मिलती है। लोगों से व समाज
से जुड़ाव खत्म हो जाता है।
जयपुर. जयपुर डीसीएम अजमेर रोड पर रहने वाले विकास राजपुरोहित ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़कर आरएएस बनने की ठानी और पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त की। राज्य में उन्होंने 6वीं रेंक प्राप्त की है।
उन्होंने 6 साल तक इंफोसिस कंपनी में काम
किया और करीब ढ़ाई साल तक अमेरिका में रहे।
मूल रूप से बाड़मेर के पारलू गांव के रहने वाले
हैं। उन्होंने कहा कि इस नौकरी में सामाजिक
जुड़ाव रहता है और लोगों की मदद से संतुष्टि
मिलती है। जबकि प्राइवेट कंपनी में केवल
भौतिक सुविधाएं मिलती है। लोगों से व समाज
से जुड़ाव खत्म हो जाता है।
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