कलेक्ट्रेट के बाहर धरने में 31 संगठनों ने निभाई भागीदारी
जोधपुर। राजस्थान शिक्षा एवं शिक्षक बचाओ संयुक्त मोर्चा की ओर से सोमवार को विद्यालयों में समय वृद्धि सहित अन्य मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दे जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। धरने में 31
शिक्षक संगठनों की ओर से भागीदारी निभाई गई।
धरना स्थल पर शिक्षकों ने बताया कि राज्य
सरकार विद्यालयों का समय बढ़ा कर शिक्षकों
व बच्चों के साथ अन्याय कर रही है। इस
आदेश को तुरंत प्रभाव से निरस्त कर फिर से
पुरानी व्यवस्था लागू करनी चाहिए। शिक्षकों ने
आरोप लगाया कि स्टाफिंग के नाम पर शिक्षकों
के पदों में कटौती की जा रही है। इसका सीधा
प्रभाव उनकी पदोन्नति पर पड़ेगा। उन्होंने मांग
की कि पूर्व की भांति विषयवार शिक्षक फिर
से उपलब्ध कराए जाए। राजनीतिक डिजायरों के
आधार पर शिक्षकों के तबादले बंद होने चाहिए।
शिक्षकों के तबादलों के लिए स्पष्ट नियम बनने
चाहिए। वहीं नव चयनित शिक्षकों को फिक्स
वेतन के स्थान पर चयनित वेतनमान के साथ ही
पूर्व के समान पेंशन सुविधा फिर से शुरू करनी
चाहिए। इन मांगों सहित अन्य मांगों के समर्थन
में शिक्षकों ने धरना दे अपना विरोध जताया।
बाद में शिक्षक प्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर
को अपनी मांगों के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा।
जोधपुर। राजस्थान शिक्षा एवं शिक्षक बचाओ संयुक्त मोर्चा की ओर से सोमवार को विद्यालयों में समय वृद्धि सहित अन्य मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दे जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। धरने में 31
शिक्षक संगठनों की ओर से भागीदारी निभाई गई।
धरना स्थल पर शिक्षकों ने बताया कि राज्य
सरकार विद्यालयों का समय बढ़ा कर शिक्षकों
व बच्चों के साथ अन्याय कर रही है। इस
आदेश को तुरंत प्रभाव से निरस्त कर फिर से
पुरानी व्यवस्था लागू करनी चाहिए। शिक्षकों ने
आरोप लगाया कि स्टाफिंग के नाम पर शिक्षकों
के पदों में कटौती की जा रही है। इसका सीधा
प्रभाव उनकी पदोन्नति पर पड़ेगा। उन्होंने मांग
की कि पूर्व की भांति विषयवार शिक्षक फिर
से उपलब्ध कराए जाए। राजनीतिक डिजायरों के
आधार पर शिक्षकों के तबादले बंद होने चाहिए।
शिक्षकों के तबादलों के लिए स्पष्ट नियम बनने
चाहिए। वहीं नव चयनित शिक्षकों को फिक्स
वेतन के स्थान पर चयनित वेतनमान के साथ ही
पूर्व के समान पेंशन सुविधा फिर से शुरू करनी
चाहिए। इन मांगों सहित अन्य मांगों के समर्थन
में शिक्षकों ने धरना दे अपना विरोध जताया।
बाद में शिक्षक प्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर
को अपनी मांगों के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा।
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