प्रदेश के गांव साक्षरता में भले ही पिछड़े हुए हों, लेकिन अफसर देने के मामले में वे शहरों से कहीं आगे हंै। हाल ही जारी आरएएस-2012 के परिणाम में यह तथ्य सामने आया है। चयनित उम्मीदवारों में से 70% तक गांवों से हैं। हालांकि, गांवों में साक्षरता दर 62.34% और शहरों में 80.73% है। आरएएस-2012 में 1211 उम्मीदवारों का चयन हुआ है। इनमें 360 राज्य सेवा और 851 अधीनस्थ सेवा के लिए हैं। भीलवाड़ा जिले से चयनित चार में से तीन गांव के हैं। चारों सरकारी नौकरी में हैं। उधर, शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा-रिजल्ट से साबित होता है कि सरकारी स्कूल भी निजी स्कूलों से कमजोर नहीं हैं। इस साल 7 लाख बच्चों का नामांकन बढ़ा है।
30% पहलेप्रयास में चयनित
50% सरकारीनौकरी में
40% पहलेसे शिक्षक
प्रदेश को 4 साल बाद मिलेंगे 360 आरएएस अफसर
प्रदेशमें आरएएस की स्वीकृत कैडर स्ट्रेंथ 1350 है। इसमें से वर्तमान में 840 भरे हुए हैं, जबकि 510 खाली हैं। आरएएस-2012 से 360 आरएएस मिल जाएंगे। इसके बाद खाली पदों की संख्या काफी हद तक कम होगी। खास बात यह है कि प्रदेश को 4 साल बाद आरएएस अफसर मिलेंगे। अभी अफसरों की कमी के कारण एक-एक अफसर के पास कई अतिरिक्त कार्यभार होते हैं। पद भरने से भी काम में गति आएगी। सरकारी योजनाओं की क्रियान्विति समय पर हो सकेगी।
सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली राधिका रहीं टॉपर
परीक्षामें डीडवाना की राधिका टॉपर रही हैं। उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई सरकारी स्कूल में पूरी की। वे जयपुर के केवी-5 में शिक्षिका हैं। उनका कहना है कि सरकारी स्कूलों में भी पढ़ाई का स्तर बहुत अच्छा है।
जिलाप्रमुख भी आरएएस
जैसलमेरजिला प्रमुख अंजना मेघवाल उनकी बहन जिला परिषद सदस्य प्रेम धनदे चयनित हुई हैं। पाली के भगवान चंद कर्मचंदानी (12वीं रैंक) उनकी प|ी पुष्पा (54वीं रैंक) भी सफल रहे। पाली के रेंदडी गांव से सगे भाई भागीरथ भरतसिंह चुने गए।
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