उदयपुर. सेशन शुरू हो चुका है और जिस वक्त पढ़ाई की अच्छी शुरुआत होनी है, संभाग के 65 वरिष्ठ अध्यापक एवं लेक्चरर यहां उपनिदेशक कार्यालय (डीडी) माध्यमिक में ड्यूटी दे रहे हैं। वजह यह है कि शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों को ऐसे स्कूलों में पोस्टिंग एवं प्रमोशन दिए, जहां पहले से ही संबंधित विषय के शिक्षक हैं।
इसलिए संस्था प्रधानों ने नए शिक्षक को
ज्वाइन कराने से मना कर दिया। अब ये
शिक्षक डीडी ऑफिस में सिर्फ इसीलिए ड्यूटी
देने आ रहे हैं, कि उनके रिकॉर्ड में नियमित
उपस्थिति दर्ज हो सके।
हाल ही लागू स्टाफिंग पैटर्न में कई स्कूलों से
पद टूटने एवं लेक्चरर प्रमोशन पोस्टिंग के बाद
ये हालात बने हैं। एक स्कूल में दो विषयाध्यापक
संबंधी परिवेदनाएं लेकर शिक्षक डीडी
कार्यालय पहुंच रहे हैं लेकिन निस्तारण नहीं हो
पा रहा, क्योंकि डीडी भूपेन्द्र जैन सहित तीन
कर्मचारी दो महीने से जयपुर में तबादला
प्रक्रिया में व्यस्त हैं।
दफ्तर में बाबुओं के काम कर रहे हैं शिक्षक :
स्कूल के बजाय डीडी ऑफिस में ड्यूटी दे रहे
शिक्षकों को अलग-अलग काम साैंपा गया है।
कोई दूसरे शिक्षकों की परिवेदनाओं को
जिलावार इकट्ठी कर रहा है तो कोई डाटा एंट्री
और संस्थापन शाखा से जुड़े काम कर रहा है।
दूसरी ओर हालात ये हैं कि कई स्कूलों में
गणित, विज्ञान और अंग्रेजी पढ़ाने वाले
शिक्षक नहीं हैं। वहां इन शिक्षकों की जरूरत
ज्यादा है क्योंकि डेढ़ महीने में कई अवकाशों के
बीच पहले टेस्ट का कोर्स करवाना है।
गींगला उच्च माध्यमिक विद्यालय में पहले से ही
विज्ञान विषय की वरिष्ठ अध्यापक अंजू
शर्मा कार्यरत हैं। पद टूटने से यहां एक और
विज्ञान विषय की ही शिक्षिका को लगा दिया
गया। प्रिंसिपल पन्नालाल नागदा ने उन्हें
ज्वाइन कराने से मना कर दिया।
भींडर उच्च माध्यमिक से गणित विषय के
वरिष्ठ अध्यापक ललित आमेटा का बाठेड़ा कला
उमावि में ट्रांसफर हुआ, लेकिन वहां पहले ही
गणित शिक्षक है। बड़ी बात ये है कि बाठेड़ा
कला के ही वरिष्ठ शिक्षक पुष्कर वैष्णव को
ललित आमेटा के बजाय भींडर उमावि लगा
दिया। जबकि पुष्कर पिछले साल ही लेक्चरर
बनकर एक अन्य स्कूल में कार्यरत हैं।]
करेक्शन चल रहे हैं
ऐसे कई शिक्षक कार्यालय में लगे हैं, कुछ के
संशोधन हो गए हैं तथा बाकी के संशोधन
प्रक्रिया मुख्यालय स्तर पर जारी है। हमने
ऐसी सभी परिवेदनाएं जयपुर भेजी हैं।
नरेश डांगी, सहायक निदेशक, माध्यमिक शिक्षा
इसलिए संस्था प्रधानों ने नए शिक्षक को
ज्वाइन कराने से मना कर दिया। अब ये
शिक्षक डीडी ऑफिस में सिर्फ इसीलिए ड्यूटी
देने आ रहे हैं, कि उनके रिकॉर्ड में नियमित
उपस्थिति दर्ज हो सके।
हाल ही लागू स्टाफिंग पैटर्न में कई स्कूलों से
पद टूटने एवं लेक्चरर प्रमोशन पोस्टिंग के बाद
ये हालात बने हैं। एक स्कूल में दो विषयाध्यापक
संबंधी परिवेदनाएं लेकर शिक्षक डीडी
कार्यालय पहुंच रहे हैं लेकिन निस्तारण नहीं हो
पा रहा, क्योंकि डीडी भूपेन्द्र जैन सहित तीन
कर्मचारी दो महीने से जयपुर में तबादला
प्रक्रिया में व्यस्त हैं।
दफ्तर में बाबुओं के काम कर रहे हैं शिक्षक :
स्कूल के बजाय डीडी ऑफिस में ड्यूटी दे रहे
शिक्षकों को अलग-अलग काम साैंपा गया है।
कोई दूसरे शिक्षकों की परिवेदनाओं को
जिलावार इकट्ठी कर रहा है तो कोई डाटा एंट्री
और संस्थापन शाखा से जुड़े काम कर रहा है।
दूसरी ओर हालात ये हैं कि कई स्कूलों में
गणित, विज्ञान और अंग्रेजी पढ़ाने वाले
शिक्षक नहीं हैं। वहां इन शिक्षकों की जरूरत
ज्यादा है क्योंकि डेढ़ महीने में कई अवकाशों के
बीच पहले टेस्ट का कोर्स करवाना है।
गींगला उच्च माध्यमिक विद्यालय में पहले से ही
विज्ञान विषय की वरिष्ठ अध्यापक अंजू
शर्मा कार्यरत हैं। पद टूटने से यहां एक और
विज्ञान विषय की ही शिक्षिका को लगा दिया
गया। प्रिंसिपल पन्नालाल नागदा ने उन्हें
ज्वाइन कराने से मना कर दिया।
भींडर उच्च माध्यमिक से गणित विषय के
वरिष्ठ अध्यापक ललित आमेटा का बाठेड़ा कला
उमावि में ट्रांसफर हुआ, लेकिन वहां पहले ही
गणित शिक्षक है। बड़ी बात ये है कि बाठेड़ा
कला के ही वरिष्ठ शिक्षक पुष्कर वैष्णव को
ललित आमेटा के बजाय भींडर उमावि लगा
दिया। जबकि पुष्कर पिछले साल ही लेक्चरर
बनकर एक अन्य स्कूल में कार्यरत हैं।]
करेक्शन चल रहे हैं
ऐसे कई शिक्षक कार्यालय में लगे हैं, कुछ के
संशोधन हो गए हैं तथा बाकी के संशोधन
प्रक्रिया मुख्यालय स्तर पर जारी है। हमने
ऐसी सभी परिवेदनाएं जयपुर भेजी हैं।
नरेश डांगी, सहायक निदेशक, माध्यमिक शिक्षा
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