भरतपुर. थर्ड ग्रेड से सेकंड ग्रेड के पद पर संभाग के
शिक्षकों की डीपीसी का मामला अब माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी के पास
भी पहुंच गया है। उन्होंने दावा किया है कि एक भी पात्र शिक्षक से सूची से
वंचित नहीं रहेगा। सभी पात्र शिक्षकों के नाम अस्थायी पात्रता सूची में
शामिल किए जाएंगे। साथ ही वहां के संयुक्त निदेशक से भी रिपोर्ट मांगी गई
है।
अब भी कोई शिकायत है तो खुद शिक्षक उन्हें बता सकते हैं। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 27 मई अंक में जिनका वर्षों पहले प्रमोशन हो चुका, उनका भी दिया पात्रता सूची में नाम शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था। इसके बाद से ही इस मामले को प्रमुखता से उठाया जा रहा है। इसमें अस्थायी पात्रता सूची की तमाम खामियों को सामने लाया गया है। इसके बाद आक्रोशित शिक्षकों ने यह मामला निदेशक स्तर तक पहुंचाया गया। हालांकि अब भी शिक्षा विभाग के अधिकारी सिर्फ यह बात कहकर इतिश्री कर रहे हैं कि डीईओ, सीबीईओ, शिक्षक संघों के माध्यम से पात्र शिक्षकों के नाम आ रहे हैं, उन्हें पात्रता के हिसाब से जोड़ दिया जाएगा, लेकिन स्पष्ट तौर पर अभी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि निदेशक स्तर पर मामला पहुंचने के बाद अब भी कोई कार्रवाई नहीं होती है तो मामले को न्यायालय में ले जाया जाएगा।
जानकारी के अनुसार संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा रिपुसूदन सिंह ने 30 मई को संभाग के चारों जिलों के डीईओ के नाम एक आदेश निकाला था। अब उसी आदेश को जस का तस डीईओ मुख्यालय प्रेमसिंह कुंतल ने भी सीबीईओ को जारी कर दिया है। आदेश में कहा है कि कार्यालय की ओर से तृतीय वेतन श्रृंखला से द्वितीय वेतन श्रृंखला में अध्यापक एवं शारीरिक शिक्षकों की वर्ष 2020-21 की डीपीसी के लिए पात्रता सूची वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन, संतान संबंधित प्रमाण पत्र एवं विभागीय जांच की सूचना के लिए भिजवाई गई है। संज्ञान में आया है कि जारी पात्रता सूची में कुछ कार्मिक उच्च पदों पर चले गए हैं एवं कुछ वरिष्ठता सूचियों में स्नातक के विषय, प्रशैक्षिक योग्यता सही नहीं होने के कारण पात्र कार्मिक पात्रता सूची में शामिल होने से वंचित रह गए हैं। उक्त कार्य दो जून तक कर लिया जाए एवं उसी दिन शाम छह बजे ई-मेल से प्रेषित करें। वहीं इस प्रकरण को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक व शिक्षा मंत्री को भी राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ धौलपुर के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा, राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत ेके प्रदेश संयुक्त मंत्री पवन शर्मा समेत कईपदाधिकारियों ने ज्ञापन प्रेषित किया है।
सूची में सेवानिवृत अध्यापक के प्रमोशनक की तैयारी
धौलपुर में हिंदी विषय में क्रम संख्या 13 पर अंकित हरिओम शर्मा रामावि मौरोली 31 मई को सेवानिवृत हो गए हैं। उनका नाम भी सूची दर्ज है। विज्ञान विषय में क्रम संख्या पांच पर बृजेंद्र सिंह वर्मा राउमावि बाड़ी का नाम है, उनके पास स्नातक में विज्ञान नहीं है वह लेवल प्रथम का है। क्रम संख्या 32 पर गीतांजलि शर्मा राउप्रावि कायस्थपाड़ा की नियुक्ति तिथि 16 जनवरी 2008 है। जयपुर स्थानांतरित हो गई थी। वहां के बाद चार जून 2018 में इस स्कूल में ज्वॉइन किया है। दूसरी बार की ज्वॉइनिंग के हिसाब से सूची में नाम नहीं होना चाहिए था। हिंदी विषय में क्रम संख्या 132 पर बहादुर सिंह राउमावि कांसपुरा है, स्नातक में हिंदी विषय ही नहीं है। फिर भी नाम शामिल कर दिया गया है। क्रम संख्या पांच पर अरुण कुलश्रेष्ठ राउमावि मरैना गत वर्ष भी प्रमोशन के बाद पदस्थापन दिया गया। इन्होंने परित्याग कर दिया था। दो वर्ष तक सूची में नाम नहीं होना चाहिए था। फिर भी नाम शामिल कर दिया गया।
भरतपुर में दर्शाये धौलपुर जिले के शिक्षक
अस्थायी पात्रता सूची में एक दर्जन से अधिक शिक्षकों के धौलपुर जिले में पदस्थापित होने के बाद भी उन्हें भरतपुर जिले में दिखाया गया है। गणित में क्रम संख्या 102 पर मनोज कुमार शर्मा यूपीएस गुनराइच बसेड़ी, 106 पर ओमप्रकाश यूपीएस बाबरपुर, 107 पर सत्यप्रकाश शर्मा यूपीएस भागीरथपुरा, 115 पर अनूप पाराशर रामावि शेखुपुर, 114 पर दिलीप चौधरी राउप्रावि सांगोरी समेत एक दर्जन से अधिक शिक्षक धौलपुर जिले में कार्यरत है, लेकिन सूची में उन्हें भरतपुर में दर्शाया गया है।
-वाकई यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। संबंधित अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है। सूची जारी करने के बाद छह दिन आपत्तियां मांगने का समय दिया जाता है। अब भी अगर पात्र शिक्षक वंचित हैं तो वे नाम जुड़वा सकते हैं। इसके बाद भी अगर कोई शिक्षक वंचित रह जाता है तो राज्यवार सूची बनाते समय आपत्तियां मांग कर उनका निस्तारण किया जाएगा।
सौरभ स्वामी
निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर
अब भी कोई शिकायत है तो खुद शिक्षक उन्हें बता सकते हैं। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 27 मई अंक में जिनका वर्षों पहले प्रमोशन हो चुका, उनका भी दिया पात्रता सूची में नाम शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था। इसके बाद से ही इस मामले को प्रमुखता से उठाया जा रहा है। इसमें अस्थायी पात्रता सूची की तमाम खामियों को सामने लाया गया है। इसके बाद आक्रोशित शिक्षकों ने यह मामला निदेशक स्तर तक पहुंचाया गया। हालांकि अब भी शिक्षा विभाग के अधिकारी सिर्फ यह बात कहकर इतिश्री कर रहे हैं कि डीईओ, सीबीईओ, शिक्षक संघों के माध्यम से पात्र शिक्षकों के नाम आ रहे हैं, उन्हें पात्रता के हिसाब से जोड़ दिया जाएगा, लेकिन स्पष्ट तौर पर अभी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि निदेशक स्तर पर मामला पहुंचने के बाद अब भी कोई कार्रवाई नहीं होती है तो मामले को न्यायालय में ले जाया जाएगा।
जानकारी के अनुसार संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा रिपुसूदन सिंह ने 30 मई को संभाग के चारों जिलों के डीईओ के नाम एक आदेश निकाला था। अब उसी आदेश को जस का तस डीईओ मुख्यालय प्रेमसिंह कुंतल ने भी सीबीईओ को जारी कर दिया है। आदेश में कहा है कि कार्यालय की ओर से तृतीय वेतन श्रृंखला से द्वितीय वेतन श्रृंखला में अध्यापक एवं शारीरिक शिक्षकों की वर्ष 2020-21 की डीपीसी के लिए पात्रता सूची वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन, संतान संबंधित प्रमाण पत्र एवं विभागीय जांच की सूचना के लिए भिजवाई गई है। संज्ञान में आया है कि जारी पात्रता सूची में कुछ कार्मिक उच्च पदों पर चले गए हैं एवं कुछ वरिष्ठता सूचियों में स्नातक के विषय, प्रशैक्षिक योग्यता सही नहीं होने के कारण पात्र कार्मिक पात्रता सूची में शामिल होने से वंचित रह गए हैं। उक्त कार्य दो जून तक कर लिया जाए एवं उसी दिन शाम छह बजे ई-मेल से प्रेषित करें। वहीं इस प्रकरण को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक व शिक्षा मंत्री को भी राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ धौलपुर के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा, राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत ेके प्रदेश संयुक्त मंत्री पवन शर्मा समेत कईपदाधिकारियों ने ज्ञापन प्रेषित किया है।
सूची में सेवानिवृत अध्यापक के प्रमोशनक की तैयारी
धौलपुर में हिंदी विषय में क्रम संख्या 13 पर अंकित हरिओम शर्मा रामावि मौरोली 31 मई को सेवानिवृत हो गए हैं। उनका नाम भी सूची दर्ज है। विज्ञान विषय में क्रम संख्या पांच पर बृजेंद्र सिंह वर्मा राउमावि बाड़ी का नाम है, उनके पास स्नातक में विज्ञान नहीं है वह लेवल प्रथम का है। क्रम संख्या 32 पर गीतांजलि शर्मा राउप्रावि कायस्थपाड़ा की नियुक्ति तिथि 16 जनवरी 2008 है। जयपुर स्थानांतरित हो गई थी। वहां के बाद चार जून 2018 में इस स्कूल में ज्वॉइन किया है। दूसरी बार की ज्वॉइनिंग के हिसाब से सूची में नाम नहीं होना चाहिए था। हिंदी विषय में क्रम संख्या 132 पर बहादुर सिंह राउमावि कांसपुरा है, स्नातक में हिंदी विषय ही नहीं है। फिर भी नाम शामिल कर दिया गया है। क्रम संख्या पांच पर अरुण कुलश्रेष्ठ राउमावि मरैना गत वर्ष भी प्रमोशन के बाद पदस्थापन दिया गया। इन्होंने परित्याग कर दिया था। दो वर्ष तक सूची में नाम नहीं होना चाहिए था। फिर भी नाम शामिल कर दिया गया।
भरतपुर में दर्शाये धौलपुर जिले के शिक्षक
अस्थायी पात्रता सूची में एक दर्जन से अधिक शिक्षकों के धौलपुर जिले में पदस्थापित होने के बाद भी उन्हें भरतपुर जिले में दिखाया गया है। गणित में क्रम संख्या 102 पर मनोज कुमार शर्मा यूपीएस गुनराइच बसेड़ी, 106 पर ओमप्रकाश यूपीएस बाबरपुर, 107 पर सत्यप्रकाश शर्मा यूपीएस भागीरथपुरा, 115 पर अनूप पाराशर रामावि शेखुपुर, 114 पर दिलीप चौधरी राउप्रावि सांगोरी समेत एक दर्जन से अधिक शिक्षक धौलपुर जिले में कार्यरत है, लेकिन सूची में उन्हें भरतपुर में दर्शाया गया है।
-वाकई यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। संबंधित अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है। सूची जारी करने के बाद छह दिन आपत्तियां मांगने का समय दिया जाता है। अब भी अगर पात्र शिक्षक वंचित हैं तो वे नाम जुड़वा सकते हैं। इसके बाद भी अगर कोई शिक्षक वंचित रह जाता है तो राज्यवार सूची बनाते समय आपत्तियां मांग कर उनका निस्तारण किया जाएगा।
सौरभ स्वामी
निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर
No comments:
Post a Comment