जयपुर- शिक्षा विभाग (Education Department) में बेतुकी ड्यूटी (Absurd Duty of Teacher) आदेश को लेकर सोमवार को माहौल गरमाया रहा।
बारां और करौली जिले में गुरू जी की ऐसी ड्यूटी लगाई गई जिस पर पूरे प्रदेश में बवाल मच गया और आखिरकार मंत्री गोविंद डोटासरा की दखल से ड्यूटियां रद्द हुईं।
बेतुके आदेश भी रद्द कर दिए गए. पहला मामला बारां जिले के किशनपुरा पीई ईओ के उल जुलूल आदेश से सामने आया।
प्रधानाचार्य ने शिक्षकों की गांव में होने वाले शादी समारोह में ड्यूटी लगा दी. मास्टर जी को एसडीओ के आदेशों का हवाला देते हुए।
प्रिंसिपल साहब ने कहा की शादी में आपको सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करानी है।
और 50 से ज्यादा लोग शादी में ना आए इसकी पालना सुनिश्चित करानी है।शादी में जिन शिक्षकों की ड्यूटी लगी।
उन्होंने इस पर गहरा एतराज जताया शिक्षक संगठनों को सूचना दी गई और मामला शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा तक पहुंचाया गया।
डोटासरा ने पूरे मामले की पड़ताल कराई तो चौंकाने वाला रहस्योद्घाटन हुआ ।डोटासरा ने संबंधित अधिकारियों को फटकारा और इस आदेश को तुरंत खारिज करने के लिए आदेश दिए प्रिंसिपल साहब की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई और उन्होंने आनन-फानन में दिए गए आदेश वापस ले लिए.
क्वारंटाइन सेंटरों में मनोरंजन के लिए तैनात किए गए शिक्षक
दूसरा अजब गजब आदेश करौली के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी धर्म सिंह मीणा ने निकाला जिसमें उन्होंने दर्जनभर शारीरिक और संगीत शिक्षकों की ड्यूटी क्वारंटाइन सेंटरों में लगवा दी।
इतना ही नहीं इसमें एक महिला शिक्षक की ड्यूटी भी लगाई गई ।
और आदेशों में इनसे कहा गया कि वह इन सेंटर में रह रहे प्रवासी लोगों का मनोरंजन कराएं योग कराएं और संगीत की प्रस्तुतियां दें।
जिला शिक्षक अधिकारी ने इसकी बाकायदा वीडियो रिकॉर्डिंग मंगवाने के लिए 3 शिक्षकों को पाबंद कर दिया।
शिक्षकों की ड्यूटी करौली मंडरायल और टोडाभीम के क्वॉरेंटाइन सेंटरों में लगाई गई।
शिक्षकों ने इस पर खासा हंगामा किया मगर जब शिक्षकों की ड्यूटी रद्द नहीं हुई तो उन्होंने इसकी शिकायत शिक्षा विभाग के आला अफसरों से की वहां पर भी जब उनकी सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को गुहार लगाई।
डोटासरा ने इस आदेश को भी बेतुका करार दिया
मंत्री डोटासरा ने ड्यूटी लगाने वाले अधिकारी की जमकर क्लास लगाई।
और इस तरह की ड्यूटी लगाने से पहले सौ बार सोचने की हिदायत दी। डोटासरा की कड़ी चेतावनी के बाद आखिरकार यह ड्यूटी भी रद्द हो गई।
तब कहीं जाकर शिक्षकों ने राहत की सांस ली.
मनरेगा निरीक्षण में लगाई ड्यूटी
शिक्षक अजब गजब आदेशों से पीड़ित हैं।
महीने भर में ही शिक्षकों ने ऐसे कई तुगलकी फरमान देखे हैं।
जिनकी वजह से उन्होंने इसकी शिकायत ऊपर तक पहुंचाई है।
पहले धौलपुर कलेक्टर ने शिक्षकों की ड्यूटी मनरेगा निरीक्षण में लगा दी थी। शिक्षकों ने जब विरोध किया तब भी जिला कलेक्टर राकेश जायसवाल ने ड्यूटी वापस लेने से इंकार कर दिया था।
मगर शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के आदेशों के बाद ही धौलपुर कलेक्टर के आदेश भी वापस कर लिए गए थे।
मंत्री डोटासरा ने ड्यूटी लगाने वाले अधिकारी की जमकर क्लास लगाई और इस तरह की ड्यूटी लगाने से पहले सौ बार सोचने की हिदायत दी।
टिड्डी नियंत्रण दल में शिक्षकों की लगाई ड्यूटीकोटा के इटावा उपखंड के एसडीओ ने भी जब शिक्षकों की ड्यूटी टिड्डी नियंत्रण दल में लगाई तो वहां पर भी जमकर हंगामा हुआ।
एसडीओ साहब सफाई देते रहे मगर शिक्षक ड्यूटी के लिए नहीं माने।
उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद यह मामला भी अब जाकर सुलझा ही था की शादी ब्याह और मनोरंजन के कार्य में ड्यूटी लगने से गुरू जी एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं।
और मंत्री डोटासरा को अपने माड़ साहब को बचाने के लिए मैदान में कूदना पड़ा
बारां और करौली जिले में गुरू जी की ऐसी ड्यूटी लगाई गई जिस पर पूरे प्रदेश में बवाल मच गया और आखिरकार मंत्री गोविंद डोटासरा की दखल से ड्यूटियां रद्द हुईं।
बेतुके आदेश भी रद्द कर दिए गए. पहला मामला बारां जिले के किशनपुरा पीई ईओ के उल जुलूल आदेश से सामने आया।
प्रधानाचार्य ने शिक्षकों की गांव में होने वाले शादी समारोह में ड्यूटी लगा दी. मास्टर जी को एसडीओ के आदेशों का हवाला देते हुए।
प्रिंसिपल साहब ने कहा की शादी में आपको सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करानी है।
और 50 से ज्यादा लोग शादी में ना आए इसकी पालना सुनिश्चित करानी है।शादी में जिन शिक्षकों की ड्यूटी लगी।
उन्होंने इस पर गहरा एतराज जताया शिक्षक संगठनों को सूचना दी गई और मामला शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा तक पहुंचाया गया।
डोटासरा ने पूरे मामले की पड़ताल कराई तो चौंकाने वाला रहस्योद्घाटन हुआ ।डोटासरा ने संबंधित अधिकारियों को फटकारा और इस आदेश को तुरंत खारिज करने के लिए आदेश दिए प्रिंसिपल साहब की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई और उन्होंने आनन-फानन में दिए गए आदेश वापस ले लिए.
क्वारंटाइन सेंटरों में मनोरंजन के लिए तैनात किए गए शिक्षक
दूसरा अजब गजब आदेश करौली के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी धर्म सिंह मीणा ने निकाला जिसमें उन्होंने दर्जनभर शारीरिक और संगीत शिक्षकों की ड्यूटी क्वारंटाइन सेंटरों में लगवा दी।
इतना ही नहीं इसमें एक महिला शिक्षक की ड्यूटी भी लगाई गई ।
और आदेशों में इनसे कहा गया कि वह इन सेंटर में रह रहे प्रवासी लोगों का मनोरंजन कराएं योग कराएं और संगीत की प्रस्तुतियां दें।
जिला शिक्षक अधिकारी ने इसकी बाकायदा वीडियो रिकॉर्डिंग मंगवाने के लिए 3 शिक्षकों को पाबंद कर दिया।
शिक्षकों की ड्यूटी करौली मंडरायल और टोडाभीम के क्वॉरेंटाइन सेंटरों में लगाई गई।
शिक्षकों ने इस पर खासा हंगामा किया मगर जब शिक्षकों की ड्यूटी रद्द नहीं हुई तो उन्होंने इसकी शिकायत शिक्षा विभाग के आला अफसरों से की वहां पर भी जब उनकी सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को गुहार लगाई।
डोटासरा ने इस आदेश को भी बेतुका करार दिया
मंत्री डोटासरा ने ड्यूटी लगाने वाले अधिकारी की जमकर क्लास लगाई।
और इस तरह की ड्यूटी लगाने से पहले सौ बार सोचने की हिदायत दी। डोटासरा की कड़ी चेतावनी के बाद आखिरकार यह ड्यूटी भी रद्द हो गई।
तब कहीं जाकर शिक्षकों ने राहत की सांस ली.
मनरेगा निरीक्षण में लगाई ड्यूटी
शिक्षक अजब गजब आदेशों से पीड़ित हैं।
महीने भर में ही शिक्षकों ने ऐसे कई तुगलकी फरमान देखे हैं।
जिनकी वजह से उन्होंने इसकी शिकायत ऊपर तक पहुंचाई है।
पहले धौलपुर कलेक्टर ने शिक्षकों की ड्यूटी मनरेगा निरीक्षण में लगा दी थी। शिक्षकों ने जब विरोध किया तब भी जिला कलेक्टर राकेश जायसवाल ने ड्यूटी वापस लेने से इंकार कर दिया था।
मगर शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के आदेशों के बाद ही धौलपुर कलेक्टर के आदेश भी वापस कर लिए गए थे।
मंत्री डोटासरा ने ड्यूटी लगाने वाले अधिकारी की जमकर क्लास लगाई और इस तरह की ड्यूटी लगाने से पहले सौ बार सोचने की हिदायत दी।
टिड्डी नियंत्रण दल में शिक्षकों की लगाई ड्यूटीकोटा के इटावा उपखंड के एसडीओ ने भी जब शिक्षकों की ड्यूटी टिड्डी नियंत्रण दल में लगाई तो वहां पर भी जमकर हंगामा हुआ।
एसडीओ साहब सफाई देते रहे मगर शिक्षक ड्यूटी के लिए नहीं माने।
उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद यह मामला भी अब जाकर सुलझा ही था की शादी ब्याह और मनोरंजन के कार्य में ड्यूटी लगने से गुरू जी एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं।
और मंत्री डोटासरा को अपने माड़ साहब को बचाने के लिए मैदान में कूदना पड़ा
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