जोधपुर। शिक्षा विभाग में तबादलोंका इंतजार कर रहे कार्मिकों को जल्द ही
खुशखबरी मिल सकती है। तबादलों की एक और सूची जल्द जारी हो सकती है। यह
सूची एक-दो दिन में आने की संभावना है। इसके लिए जयपुर में मंथन शुरू हो
गया है।
सूत्रों के अनुसार शिक्षा मंत्री ने तबादलों की फाइनल सूची जारी करने से पहले शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों और कर्मचारियों को जयपुर बुला लिया है। वहां व्याख्याता, प्राचार्य व वरिष्ठ शिक्षकों के तबादलों पर अंतिम मुहर लगाई जानी है। बीकानेर से निदेशक से लेकर शिक्षा अधिकारियों तक ने जयपुर में डेरा डाल दिया है। वहां सूचियों का सत्यापन किया जाना है। एेसे में माना जा रहा है कि इस बार भी तबादले विधायकों की अनुशंसा पर होने की संभावना है। हालांकि सरकार ने शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन मांगे थे और पिछले दिनों शिक्षक संगठनों ने सम्मेलनों में इस मुद्दे को उठाया भी था कि सरकार पूरी पारदर्शिता से तबादले करे, लेकिन लगता है कि जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा को तव्वजो दी जाएगी।
इधर शिक्षक नेताआें का कहना है कि सरकार ने पारदर्शिता का दावा किया, जो खोखला साबित हो रहा है। तबदालों के लिए कोई नीति नहीं बनाई। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया खानापूर्ति के लिए की गई है। अधिकारियों को जयपुर बुलाया गया है। एेसे में सरकार की मंशा सामने आ गई है। पिछली सरकार ने भी तबादलों के लिए अधिकारियों की बाड़ेबंदी की थी, यह सरकार भी उसी के रास्ते पर है। जब ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे, तो तबादलों में पूरी पारदर्शिता रखनी चाहिए।
सूत्रों के अनुसार शिक्षा मंत्री ने तबादलों की फाइनल सूची जारी करने से पहले शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों और कर्मचारियों को जयपुर बुला लिया है। वहां व्याख्याता, प्राचार्य व वरिष्ठ शिक्षकों के तबादलों पर अंतिम मुहर लगाई जानी है। बीकानेर से निदेशक से लेकर शिक्षा अधिकारियों तक ने जयपुर में डेरा डाल दिया है। वहां सूचियों का सत्यापन किया जाना है। एेसे में माना जा रहा है कि इस बार भी तबादले विधायकों की अनुशंसा पर होने की संभावना है। हालांकि सरकार ने शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन मांगे थे और पिछले दिनों शिक्षक संगठनों ने सम्मेलनों में इस मुद्दे को उठाया भी था कि सरकार पूरी पारदर्शिता से तबादले करे, लेकिन लगता है कि जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा को तव्वजो दी जाएगी।
इधर शिक्षक नेताआें का कहना है कि सरकार ने पारदर्शिता का दावा किया, जो खोखला साबित हो रहा है। तबदालों के लिए कोई नीति नहीं बनाई। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया खानापूर्ति के लिए की गई है। अधिकारियों को जयपुर बुलाया गया है। एेसे में सरकार की मंशा सामने आ गई है। पिछली सरकार ने भी तबादलों के लिए अधिकारियों की बाड़ेबंदी की थी, यह सरकार भी उसी के रास्ते पर है। जब ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे, तो तबादलों में पूरी पारदर्शिता रखनी चाहिए।
No comments:
Post a Comment