जोधपुर/जयपुर। हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने एक मामले में सरकार को आदेश दिए
कि वह तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की समान भर्ती में 1998 में चयनित
प्रार्थिया को भी भर्ती में चयनित अन्य अभ्यर्थियों के समान वरिष्ठता और
अन्य परिलाभ दें।
जस्टिस एसपी शर्मा ने यह आदेश शमीम बानाे की याचिका पर दिया। अधिवक्ता विशेष शर्मा ने बताया कि प्रार्थिया का चयन तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-1998 में हुआ था। लेकिन मामला कोर्ट में लंबित होने के कारण उसे तब नियुक्ति नहीं मिली और 2007 में नियुक्ति मिली। जबकि इसी समान भर्ती में चयनित अन्य अभ्यर्थियों को उसी साल नियुक्तियां दे दीं। प्रार्थिया को नियुक्ति तो दे दी, लेकिन वरिष्ठता व चयनित वेतनमान का लाभ नहीं मिला। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा उसे भी समान भर्ती में अन्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति तिथि से ही परिलाभ का लाभ मिले।
जस्टिस एसपी शर्मा ने यह आदेश शमीम बानाे की याचिका पर दिया। अधिवक्ता विशेष शर्मा ने बताया कि प्रार्थिया का चयन तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-1998 में हुआ था। लेकिन मामला कोर्ट में लंबित होने के कारण उसे तब नियुक्ति नहीं मिली और 2007 में नियुक्ति मिली। जबकि इसी समान भर्ती में चयनित अन्य अभ्यर्थियों को उसी साल नियुक्तियां दे दीं। प्रार्थिया को नियुक्ति तो दे दी, लेकिन वरिष्ठता व चयनित वेतनमान का लाभ नहीं मिला। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा उसे भी समान भर्ती में अन्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति तिथि से ही परिलाभ का लाभ मिले।
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