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इजराइल में काम के साथ ही शिक्षक भर्ती तैयारी कर रीट परीक्षा पास की, गांव में किया सम्मान

भास्कर संवाददाता | डूंगरपुर शहर से आठ किमी. दूर ऊपरगांव में दशहरे पर इस बार नई प्रोत्साहन और प्रेरणादायक कार्यक्रम शुरु किया है। गांव के सर्व समाज के लोग ऊपरगांव के प्रमुख चौराह पर एकत्रित हुए।
जहां पर एक -दूसरें को दशहरों की शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही इस वर्ष गांव के युवा वर्ग जो सरकारी नौकरी में चयनित हुए है उन्हें मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया। इसमे सबसे प्रेरणा देने वाली कहानी है इसी गांव का एक युवा जो इजराइल मे रहकर शिक्षक भर्ती परीक्षा रीट की तैयारी की। वहां से ऑनलाइन सैलेबस और किताबों के माध्यम से पढ़ाई कर पूरी तैयारी की। परीक्षा के लिए भारत आकर रीट उत्तीर्ण की।

अब उसका चयन तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में हो चुका है। जिसके बाद उसको गांव की ओर से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही गांव के पांच अन्य युवा जिनका चयन शिक्षक भर्ती में हुआ है। इसके अलावा एक युवा का पटवारी परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद पदस्थापन मिलने पर सम्मानित किया गया। सर्व समाज की ओर से एकत्रित लोगो ने इन छह युवाओं से प्रेरणा लेने के लिए अपने जीवन में संघर्ष की कहानी बताई। वही युवाओं को मेहनत करने की टिप्स दिए। सम्मानित होने वालों में नवयुवक मंडल ऊपरगांव की ओर से इन बच्चों को सम्मानित किया गया। जिसमें मेघनंदन पाटीदार, रमेश पाटीदार, दीपिका पंचाल, महेश पाटीदार और नीतिन पाटीदार शिक्षक बने। वहीं दीपक पाटीदार को पटवारी बनने के बाद सम्मानित किया गया। नवयुवक मंडल के अध्यक्ष वल्लभ पटेल, उपाध्यक्ष कृष्णकांत पटेल, अशोक चौबीसा, कपिल चौबीसा, गौतमलाल साद, गिरीशपुरी गोस्वामी, चिराग पाटीदार, सार्थक चौबीसा, कैलाश पाटीदार, अजेश रावल, किर्तन पाटीदार कमलेश पाटीदार, मुकेश पाटीदार सहित गांव के गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

नीतिन पाटीदार।

मन में संकल्प और मेहनत जरूरी : नीतिन

ऊपरगांव के नीतिन पाटीदार ने बताया कि उसने बीएड़ करने के बाद बेरोजगार था। उस समय आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण परिवारिक दबाव के चलते उन्हें रोजगार के लिए इजराइल जाना पड़ा। ऐसे में उनके शिक्षक बनने का सपना नहीं तोड़ा। उन्होंने ई-मेल के जरिए अपने दोस्तों से रीट का सैलेबस मंगवाया। वही से रीट की परीक्षा का फॉर्म ऑनलाइन सबमिट किया। वहां पर कंपनी में काम करने के बाद शाम को समय मिलने पर प्रतिदिन रीट परीक्षा के सैलेबस की तैयारी करता था। जिसमें उसने अपने अंदर कभी भी आत्मविश्वास को कमजोर नहीं होने दिया। रीट परीक्षा देने के लिए मार्च में भारत आया। यहां पर उसने रीट परीक्षा उत्तीर्ण करने के साथ ही 70 प्रतिशत प्राप्तांक मिले। जिसके बाद उसका चयन तृतीय श्रेणी शिक्षक द्वितीय लेवल में हुआ। जिसके बाद अब उन्हें स्कूल में पदस्थापन मिला है।

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