दरअसल सीएम वसुंधरा राजे ने बजट के दौरान 77,100 पदों समेत एक लाख से ज्यादा पदों पर भर्ती की घोषणा की थी। अब तक माना जा रहा था कि सरकार चुनाव से पहले भर्ती प्रक्रिया को शुरू कर देगी। वहीं अब राजस्थान में बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर घमासान जारी है। इसमें सीएम वसुंधरा राजे समेत तमाम मंत्री लगे हुए हैं। ऐसे में पार्टी और सरकार दोनों का काम प्रभावित हो रहा है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक अगर प्रदेश अध्यक्ष पद पर वसुंधरा खेमे के नेता को नहीं बिठाया गया तो आने वाले दिनों में सरकार का काम और प्रभावित होगा।
इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। अगर केंद्रीय नेतृत्व अपने खास नेता को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बिठाता है तो वसुंधरा राजे के मन मुताबिक टिकट वितरण नहीं हो पाएगा। ऐसे में सरकार का काम विकास कार्यों से हटकर पार्टी के अंतरिक कलह को सुझलाने में लगा रहेगा। जिससे साफ तौर पर भर्ती प्रभावित होगी।
कर्नाटक चुनाव के बाद घोषणा संभव
परनामी के इस्तीफे बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम प्रदेश अध्यक्ष पद की रेस में आगे था लेकिन सीएम राजे शेखावत के नाम से सहमत नहीं हैं। जिसके चलते हाल ही में सीएम राजे ने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और अन्य पदाधिकारियों से मुलाकात की थी। इस दौरान पार्टी ने कर्नाटक चुनाव के बाद प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की बात कही थी।
ये है 77 हजार पदों की की डिटेल
54 हजार तृतीय श्रेणी अध्यापक
9 हजार द्वितीय श्रेणी अध्यापक
5 हजार व्याख्याता की भर्ती
4 हजार 500 शरीरिक प्रतिशिक्षण अनुदेशक ग्रेड-3
एक हजार 500 संस्कृति शिक्षा अध्यापक
1 हजार 200 प्रयोगशाला सहायक ग्रेड—3
700 पुस्तकालय अध्यक्ष की भर्ती की घोषणा
पटवरी के 2000 पद
बजट में पटवारी के दो हजार पदों पर भर्ती की घोषणा हुई है। ये पद आरपीएससी कराएगी। साथ ही बजट में आरपीएससी और यूपीएससी परीक्षाओं के इंटरव्यू देने के लिए जाने वाले अभ्यर्थी रोडवेज बस में फ्री यात्रा कर सकेंगे। वहीं 1 हजार 161 कांस्टेबल्स की भर्ती भी की जाएगी।
No comments:
Post a Comment