सीकर. निजी स्कूलों को टक्कर देने की मंशा रखने
का राज्य सरकार का दावा खोखला नजर आता है। सर्व संसाधन युक्त निजी स्कूलों
की बराबरी की बात करने वाले राज्य के छह हजार से अधिक सरकारी विद्यालय ऐसे
हैं, जहां इंटरनेट तक की सुविधा नहीं है।
खुद शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव
दवनानी के गृह जिले अजमेर के 156 स्कूलों तथा जहां शिक्षा विभाग के निदेशक
बैठते हैं उस बीकानेर जिले के 175 विद्यालयों में इंटरनेट नहीं है। राजधानी जयपुर में भी 368 विद्यालय ऐसे हैं जहां ब्रॉडबैंड की सुविधा नहीं है।
यह आ रही समस्या
इंटरनेट आज के समय सबसे बड़ी मांगों में शामिल हो गया है। अनेक विद्यालयों में विभिन्न प्रकार के फार्म ऑनलाइन भरे जाते हैं। नई जानकारी सबसे पहले इंटरनेट पर ही आ रही है। शाला दर्पण सहित अन्य पोर्टल इंटनेट से ही अपडेट किए जा रहे हैं। विद्यार्थियों को बिना इंटनरेट के कम्प्यूटर का पूरा ज्ञान नहीं मिल पा रहा।
इंटरनेट आज के समय सबसे बड़ी मांगों में शामिल हो गया है। अनेक विद्यालयों में विभिन्न प्रकार के फार्म ऑनलाइन भरे जाते हैं। नई जानकारी सबसे पहले इंटरनेट पर ही आ रही है। शाला दर्पण सहित अन्य पोर्टल इंटनेट से ही अपडेट किए जा रहे हैं। विद्यार्थियों को बिना इंटनरेट के कम्प्यूटर का पूरा ज्ञान नहीं मिल पा रहा।
मंजूरी मिली
सीकर जिले के जिन विद्यालयों 304 विद्यालयों में इंटरनेट नहीं था, अब वहां ब्रॉडबैंड कनेक्शन दिलवाया जाएगा। इसके लिए हर विद्यालय के लिए दस हजार 365 रुपए की प्रशासनिक व वित्तीय मंजूरी मिल गई है। रमसा के माध्यम से इंटरनेट कनेक्शन करवाए जाएंगे। -पवन कुमार शर्मा, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (मा.शि.),सीकर
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जिले इंटरनेट विहीन
अजमेर 156
अलवर 476
बांसवाड़ा 271
बारां 163
बाडमेर 441
भरतपुर 152
भीलवाड़ा 178
बीकानेर 175
बूंदी 152
चित्तौडगढ़ 243
चूरू 287
दौसा 217
धौलपुर 140
डूंगरपुर 228
हनुमानगढ़ 158
जयपुर 368
जैसलमेर 44
जालौर 182
झालावाड़ 230
झुंझुनूं 127
जोधपुर 289
करौली 114
कोटा 177
नागौर 422
पाली 226
प्रतापगढ़ 60
राजसमंद 137
सवाईमाधोपुर 183
सीकर 304
सिरोही 95
श्रीगंगानगर 136
टोंक 124
उदयपुर 218
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