स्कूल की फीस जमा होने पर अब संस्था प्रधान या स्कूल संचालक बच्चे पर दबाव
नहीं बना सकेंगे। फीस जमा करने के लिए संस्था प्रधानों को सीधे बच्चों के
माता-पिता से संपर्क करना होगा और उनसे ही फीस जमा करने की बात कहनी होगी।
अगर वह विद्यार्थियों से फीस के लिए बात करते हैं और उन्हें क्लास में सबके
सामने परेशान करते हैं तो स्कूल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
इतना ही नहीं स्कूल की मान्यता भी समाप्त की जा सकती है।
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब कोई भी निजी शिक्षण संस्थान
फीस जमा कराने के लिए किसी भी बच्चे पर दबाव नहीं डाल सकेगा। इसके लिए
शिक्षा निदेशालय बीकानेर ने आदेश जारी किए हैं। प्रदेश के सभी जिला शिक्षा
अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह सख्ती से इन आदेशों को लागू करें।
सहायक शासन सचिव स्कूल शिक्षा विभाग राजस्थान, बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई
दिल्ली की ओर से 12 फरवरी 2018 को जारी पत्र में कहा गया है कि निजी
विद्यालयों में फीस जमा नहीं कर पाने वाले बच्चे को स्कूल प्रबंधन द्वारा
अन्य बच्चों के सामने प्रताड़ित किया जाता है। निजी स्कूल प्रबंधन की
मनमानी और कमीशनबाजी पर रोक लगाने के लिए उन पर शिक्षा अधिकारियों की
लगातार नजर बनी रहेगी। जिला शिक्षा अधिकारी सुरेंद्रसिंह गौड़ ने ने बताया
कि कुछ समय पहले निदेशालय ने आदेश जारी करके यह स्पष्ट किया था कि किसी भी
स्कूल परिसर में शिक्षण सामग्री की बिक्री नहीं की जाएगी। अगर कोई भी स्कूल
प्रबंधक स्कूल परिसर में बच्चों की कॉपी-किताबें, स्कूल ड्रेस, टाई,
बेल्ट, मौजे आदि की बिक्री करता है और उन्हें बाध्य करता है तो उस पर
कार्रवाई की जाएगी। कॉपी किताबों में सिर्फ एनसीईआरटी या राजस्थान राज्य
पाठ्य पुस्तक मंडल की ओर से निर्धारित पाठ्यक्रम ही पढ़ाया जाएगा, जिससे यह
पुस्तकें आसानी से बाजार से खरीदी जा सकें।
विभाग की सख्ती
शिक्षा निदेशालय ने जारी किए आदेश, स्कूल प्रबंधन की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए उठाया कदम
पाठ्य सामग्रियों का वितरण जारी
निजी स्कूल संचालक द्वारा स्कूलों में ही पाठ्य सामग्री व ड्रेस
का वितरण किया जा रहा है, लेकिन हमारे शिक्षा विभाग को अभिभावक या
विद्यार्थियों की शिकायत का इंतजार है। जब तक शिकायत नहीं होगी वे कार्रवाई
नहीं करेंगे। शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि स्कूलों द्वारा पाठ्य
पुस्तकों की बिक्री की जा रही है। ऐसी हमारे पास कोई शिकायत नहीं आई है।
शिकायत आती है तो कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा
निदेशालय के आदेश प्राप्त हुए है। इसके तहत फीस जमा नहीं होने पर कोई भी
स्कूल बच्चों पर दबाव नहीं बनाएगा। उसे सीधे अभिभावक से बात करनी होगी।
इसके अलावा कोई भी स्कूल संचालक ड्रेस व किताबों की बिक्री नहीं कर सकता
है। ओमप्रकाश चौधरी, एडीईओ माध्यमिक
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