दौसा |स्कूल आउट बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए पहली बार मतदाता सूची के
आधार पर डोर-टू-डोर संपर्क किया जाएगा। इसमें शिक्षक डोर-टू-डोर जाकर
बच्चों के अभिभावकों से मिलेंगे और उनके परिवार में जो बच्चे स्कूल नहीं
जाते हैं ऐसे बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए पहल करेंगे।
हाउस ओल्ड सर्व
2017-18 के आधार पर जो बच्चे विद्यालय से नहीं जुड़े उन्हें जोड़ा जाएगा।
इस बार प्रवेशोत्सव का पहला चरण 26 अप्रैल से 9 मई तक चलेगा। फिर 40 दिन
बाद ग्रीष्मावकाश के बाद दूसरा चरण 19 जून से शुरू होगा, जो 31 जून तक
चलेगा। अब तक प्रवेशोत्सव के दौरान शिक्षक गांवों में जाते और वहां चौपाल,
चाय की थड़ी आदि सार्वजनिक स्थल पर बैठे मिलते लोगों से मिलकर जानते थे कि
गांव में कितने बच्चे स्कूल से वंचित है। अब प्रवेशोत्सव के दौरान शिक्षक
स्कूल आउट बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए डोर-टू-डोर जाएंगे और सीधे तौर
पर अभिभावकों से स्कूल आउट बच्चों के बारे में सूचना लेंगे। इससे स्कूल आउट
बच्चों को स्कूल से जोड़ना आसान होगा। शिक्षकों के काम की मॉनिटरिंग भी
संभव होगी। उन्हें मतदाता सूची के आधार पर डोर-टू-डोर जाकर बच्चों के
अभिभावकों के नाम, हस्ताक्षर और मोबाइल नंबर की जानकारी भी लेनी पड़ेगी।
इससे शिक्षक खानापूर्ति नहीं कर सकेंगे और नामांकन बढ़ाने का मकसद है वह भी
एक हद तक पूरा होगा।
शिक्षक दिखाए तो लक्ष्य मुश्किल नहीं
सरकारी स्कूल में एक शिक्षक चार चरण की प्रतियोगिता परीक्षा पास कर
नौकरी में आता है। सबसे पहले बीएड, फिर रीट, आरपीएससी की ओर से भर्ती
परीक्षा और अंत में इंटरव्यू फाइट करने के बाद शिक्षक बनता है। थर्ड ग्रेड
शिक्षक भर्ती के लिए इंटरव्यू नहीं होता है। दूसरी ओर प्राइवेट स्कूलों में
अधिकांश शिक्षक स्नातक/स्नातकोत्तर होते हैं। बीएड धारी तो कम ही मिलेंगे।
इसके बावजूद सरकारी स्कूलों में नामांकन भी कम और परीक्षा परिणाम भी।
सैलेरी की बात करें तो सरकारी स्कूलों में थर्ड ग्रेड टीचर को 45-50 हजार
रुपए मिलते हैं, जबकि प्राइवेट स्कूलों में 5-7 हजार रुपए ही दिए जाते हैं।
लोगों का कहना है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की योग्यता में कोई कमी
है। कमी है तो इच्छा शक्ति की है। सभी शिक्षक यह ठान लें कि स्कूल में आने
वाले बच्चों को वे अपने बच्चे समझ कर पढ़ाएंगे तो फिर सरकारी स्कूल में
नामांकन भी बढ़ेगा और परीक्षा परिणाम भी।
परीक्षा परिणाम से पूर्व अस्थाई प्रवेश
परीक्षा परिणाम से पहले ही विद्यार्थियों को अगली कक्षा में अस्थाई
प्रवेश दे दिया जाएगा। फिर परिणाम में पास हुए तो स्थाई प्रवेश हो जाएगा।
इस कड़ी में कक्षा 5 में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को क्लास 6 में प्रवेश
देकर 16 अप्रैल से पढ़ाई चालू कर दी जाएगी। इसी प्रकार कक्षा 8 व 10 के
विद्यार्थियों को अगली क्लास में अस्थाई प्रवेश देकर पढ़ाई शुरू की जाएगी।
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