अब समस्या यह है कि वर्तमान में प्रारंभिक शिक्षा के स्कूलों में 1545 पद खाली हैं। ऐसे में सेटअप परिवर्तन होने के बाद शिक्षकों के सैकड़ों पद और खाली हो जाएंगे जिससे आने वाले दिनों में प्रारंभिक शिक्षा के स्कूलों को परेशानी झेलनी पड़ेगी। इसका फर्क प्रवेशोत्सव में भी पड़ेगा, क्योंकि प्रवेशोत्सव के तहत सरकार की ओर से सभी शिक्षकों को नए सत्र में कम से कम 5 नए विद्यार्थियों का प्रवेश कराने का लक्ष्य दिया जाता है।
स्कूलों में वर्तमान में रिक्त हैं शिक्षकों के 1545 पद, सेटअप बदलाव के बाद और खाली होंगे
सेटअप परिवर्तन के बाद सबसे ज्यादा परेशानी दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में स्थित स्कूलों में हाेगी
सेटअप परिवर्तन के बाद सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण इलाकों में बने स्कूलों में आएगी। शिक्षा सूत्रों की मानें तो इसमें सबसे ज्यादा प्रभाव अनूपगढ़, घड़साना ब्लाॅक के स्कूलों में आएगा। इसके पीछे कारण यह है कि ज्यादातर शिक्षक अपनी सहूलियत के अनुसार जिला मुख्यालय या इसके आसपास के स्कूलों नियुक्तियां करवाते हैं। इससे दूरदराज के ज्यादातर स्कूलों में शिक्षकों के पद खा
बीएड के प्रशिक्षुओं से पूरी होगी कमी:गर्मी की छुटिट्यों के खत्म होने के बाद नए सत्र से ही प्रारंभिक शिक्षा के स्कूलों में शिक्षकों की कमी हो जाएगी। इसका कारण यह है कि वर्तमान में प्रारंभिक शिक्षा के स्कूलों में अलग-अलग कैटेगरी के 1545 पद रिक्त हैं। वहीं, सेटअप परिवर्तन के बाद 679 पद और खाली हो जाएंगे। अफसरों के मुताबिक एेसी स्थिति में बीएड कर रहे प्रशिक्षु शिक्षकों के जरिए इस कमी को पूरा किया जाएगा। वहीं, आने वाले दिनों में रीट भर्ती के माध्यम से शिक्षकों की कमी पूरी होगी।
जानिए क्या है 6 डी नियम6 डी नियम के तहत ग्रेड थर्ड के शिक्षकों का सेटअप परिवर्तन करके उन्हें पंचायती राज विभाग से कार्यमुक्त करके शिक्षा विभाग में नियुक्ति दी जाती है। इसके पीछे कारण यह है कि ग्रेड थर्ड के शिक्षकों की नियुक्ति पंचायती राज विभाग के माध्यम से किया जाती है। नियुक्ति के बाद इन्हें प्रारंभिक शिक्षा के स्कूलों में ही पदस्थापना मिलती है। वहीं, माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में ग्रेड थर्ड शिक्षकों की भर्ती के लिए कोई सीधी व्यवस्था नहीं होती है। इसलिए माध्यमिक शिक्षा के अफसर जिले की जरूरत के अनुसार प्रारंभिक शिक्षा को अपनी डिमांड तैयार करके भेजते हैं। इसके बाद 6 डी नियम के तहत शिक्षकों का सेटअप परिवर्तन किया जाता है।
माध्यमिक शिक्षा में है 679 शिक्षकों की जरूरत
डीईओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में लगभग 679 रिक्त पदों पर नियुक्तियों के लिए डिमांड भेजी जाएगी। इसमें लेवल फर्स्ट के लगभग 100 पद हैं। वहीं, लेवल सेकंड में इंग्लिश के 280, गणित/विज्ञान के 60, हिंदी के 200, सामाजिक विज्ञान के 130, संस्कृत के 5 और पंजाबी के 4 शिक्षकों की जरूरत है।
गत वर्ष 70 शिक्षकों ने ज्वाइन ही नहीं किया प्रारंभिक शिक्षा में 1545 पद रिक्त
शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले साल हुई काउंसलिंग में पद स्थापित किए हुए लगभग 70 शिक्षकों ने अभी ज्वाइन नहीं किया है। प्रारंभिक शिक्षा में जिले में शिक्षकों के कुल 5673 पद स्वीकृत हैं। इसमें से 4126 पदों पर शिक्षक काम कर रहे हैं और 1545 शिक्षकों के पद खाली हैं। अधिकारियों ने बताया कि इसमें हेडमास्टर के 573 पदों पर 276, ग्रेड सेकंड में लेवल टू के 1737 पदों पर 1149 और लेवल वन के 3363 पदों पर 2701 शिक्षक काम कर रहे हैं।
इस साल भी डिमांड आने के बाद शुरू की जाएगी यह प्रक्रिया
6 डी नियमों के तहत हर साल वरिष्ठता के आधार पर शिक्षकों का सेटअप परिवर्तन करके उन्हें प्रारंभिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में पदस्थापना दी जाती है। इस साल भी माध्यमिक शिक्षा की डिमांड आने के बाद यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हरचंद गोस्वामी, डीईओ प्रारंभिक।
No comments:
Post a Comment